
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले 28 सितंबर हुई सुनवाई में सर्वोच्च न्यायालय ने सिंध सरकार द्वारा की जा रही शेख की रिहाई पर रोक लगा दी थी। उसके बाद ही सिंध सरकार ने शेख की हिरासत को बढ़ाने का कदम उठाया है।
साथ ही, इसमें मारे गए पत्रकार के माता-पिता, सिंध के अभियोजक जनरल फियाज शाह, प्रांतीय सरकार और खुद शेख द्वारा लगाई गई सभी अपीलों की सुनवाई करने की बात भी स्वीकारी गई है।
इसके बाद अदालत ने अभियोजक जनरल के अनुरोध पर 21 अक्टूबर तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पर्ल की हत्या के लिए आतंकवाद विरोधी अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने से पहले ही शेख जेल में 18 साल गुजार चुका है। बाद में उसकी सजा को 7 साल में बदल दिया गया था। ऐसे में उसकी रिहाई की संभावना जताई जा रही थी।
हालांकि सिंध सरकार ने शेख समेत 5 लोगों को हिरासत में रखने का आदेश जारी किया है। जबकि इनकी सजा 30 सितंबर को समाप्त हो गई थी।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया के ब्यूरो प्रमुख 38 वर्षीय पर्ल का जनवरी 2002 में कराची में अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में शेख को फरवरी 2002 में गिरफ्तार किया गया था।
--आईएएनएस
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