उत्तर-प्रदेश

चिट्ठी लिख स्मार्ट मीटर हटाकर पुराने मीटर लगाने की मांग की

Janprahar Desk
23 Jan 2021 10:38 PM GMT
चिट्ठी लिख स्मार्ट मीटर हटाकर पुराने मीटर लगाने की मांग की
लखनऊ, 23 जनवरी : यूपी की राजधानी में स्मार्ट मीटर से आने वाला बिजली का बिल आम बिजली उपभोक्ताओं के साथ-साथ सरकारी विभागों को भी बिल के मामले में रूला रहा है। लखनऊ को स्मार्ट बनाने का जिम्मा जिस संस्था के पास है वह भी स्मार्ट मीटर से परेशान है। स्मार्ट सिटी योजना के तहत लखनऊ के सभी ट्रैफिक सिंग्नल पर स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं। मगर रिचार्ज तिथि के 7-8 दिन पहले ही मीटर बंद हो जा रहे हैं। जिसकी वजह से सिग्नल और कैमरे ठप पड़ जाते हैं।

अब इन स्मार्ट मीटर से परेशान स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक ने नए मीटर हटाकर पुराने पोस्टपेड मीटर लगवाने के लिए मध्यांचल एमडी को चिट्ठी लिखी है। कई ट्रैफिक सिग्नलों पर मीटर तेज भागने की भी शिकायत हुई है। 135 में से 88 जगहों पर 7-8 दिन पहले ही बंद हो जाते हैं। स्मार्ट मीटर स्मार्ट सिटी परियोजना के महाप्रबंधक की तरफ से लिखी गई चिट्ठी में लिखा है कि शहर के 135 ट्रैफिक सिंग्नल पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं। जिनमें से 88 जगहों पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर रिचार्ज तिथि से लगभग 7-8 दिन पहले ही बंद हो जाते हैं। बिजली न आने के कारण ट्रैफिक सिग्नल और कैमरे भी बंद हो जाते हैं। जो जन सुरक्षा का मामला है। इसके अलावा प्रीपेड मीटर रिचार्ज के दौरान जो पैसे जमा किए जाते हैं। उसकी कोई जानकारी पोर्टल पर नहीं मिलती है।

7 से 8 दिन पहले मीटर बंद हो जाने की शिकायत के साथ-साथ स्मार्ट सिटी के महाप्रबंधक ने कई जगह स्मार्ट मीटर तेज चलने की भी शिकायत की है। चिट्ठी में 1090 चौराहे पर लगे स्मार्ट मीटर का उदाहरण देते हुए उन्होंने लिखा है कि यहां लगे स्मार्ट मीटर को 14,000 रुपये की राशि से रिचार्ज करवाया गया। मगर दो दिन के भीतर रिचार्ज खत्म हो गया। जबकि पहले इसी सिग्नल पर 9,000 रुपये महीने रिचार्ज का खर्च आता था। इसी तरह तरह पर्वितन चौक पर लगे स्मार्ट मीटर में भी बिजली बिल तेजी से भाग रहा है।

इससे पहले भी कई जगहों पर स्मार्ट मीटर के तेज चलने और दूसरी तकनीकी दिक्कतों की शिकायत हो चुकी है। मगर कार्यवाही के नाम पर अभी तक पावर कॉरपोरेशन ने कोई खास कदम नहीं उठाया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि जब सरकारी विभाग स्मार्ट मीटर से आने वाले बिल से इतना परेशान हैं, तो आम उपभोक्ताओं का क्या हाल होगा। प्रदेश के हजारों उपभोक्ता पहले ही स्मार्ट मीटर कनेक्शन कटवा चुके हैं। इसके अलावा कई उपभोक्ताओं ने कनेक्शन कटवाने के लिए आवेदन कर रखा है।

इससे पहले भी जन्माष्टमी के मौके पर प्रदेश के 1.5 लाख स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों में बिजली गुल हो गई थी। जिसकी जांच एसटीएफ से भी करवाई गई। इस मामले में एसटीएफ की रिपोर्ट आने के बाद भी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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