उत्तर-प्रदेश

UttarpradeshNews:  चुनावी मोड में जुटी भाजपा, नड्डा देंगे जीत का मंत्र

Janprahar Desk
20 Jan 2021 1:08 PM GMT
UttarpradeshNews:  चुनावी मोड में जुटी भाजपा, नड्डा देंगे जीत का मंत्र
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UttarpradeshNews:  चुनावी मोड में जुटी भाजपा, नड्डा देंगे जीत का मंत्र
लखनऊ, 20 जनवरी :- उत्तर प्रदेश विधान परिषद और पंचायत चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब 2022 के विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही है। उसके ठीक पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 21 और 22 जनवरी को लखनऊ आ रहे है। इस दौरान वह सरकार और संगठन दोंनों की थाह लेंगे। पार्टी को जीत का मंत्र भी बताएंगे।

नड्डा गुरुवार को पहली बार लखनऊ दौरे पर आ रहे हैं। अलग-अलग राज्यों में प्रवास कर रहे नड्डा का उत्तर प्रदेश में दो दिनी प्रवास काफी अहम है, क्योंकि इन दिनों संगठन से लेकर सरकार में तमाम पदों पर नई जिम्मेदारियों के कयास चल रहे हैं। नड्डा संगठन पदाधिकारियों के साथ योगी सरकार के मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी करेंगे। त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के साथ वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों की जानकारी लेंगे।

नड्डा सरकार और संगठन के साथ अलग-अलग बैठकें कर आगामी चुनावों को लेकर रणनीति पर चर्चा करेंगे। इसे देखते हुए यहां संगठन भी अपना होमवर्क गंभीरता से कर रहा है। दौरे की तैयारियों को लेकर मंगलवार को प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने वार्ड और मंडल के पदाधिकारियों से लेकर अवध व कानपुर क्षेत्र के पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। सभी को नड्डा के प्रवास कार्यक्रम की रूपरेखा समझाई गई।

भाजपा के सूत्र बताते है कि जेपी नड्डा के आने के बाद यह तय हो जाएगा कि यूपी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होगा या नहीं। उनके पास सरकार के कुछ मंत्रियों के कामकाज को लेकर अच्छा फीडबैक नहीं है। वह न केवल मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करेंगे बल्कि उनको बुलाकर बात भी करेंगे। उनसे बात करने के बाद ही वह मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन महामंत्री सुनील बंसल के साथ बैठक कर इस पर मंथन करेंगे। रिटायर्ड आईएएस ए.के. शर्मा के आने और विधानपरिषद का नामांकन करने के बाद उनका क्या भविष्य होगा।

इसे लेकर भी चर्चा की जाएगी। शर्मा की प्रदेश में भूमिका भी नड्डा के आगमन पर ही स्पष्ट होगी। माना जा रहा है कि शर्मा के अनुभव का लाभ प्रशासनिक कार्यकुशलता व दक्षता बढ़ाने में लिया जाएगा ताकि विधायकों के एक खेमे में अधिकारियों के रवैये को लेकर बढ़ता असंतोष काबू किया जा सके। ऐसे में मंत्रिमंडल से कई मंत्रियों की छुट्टी होने की संभावनाएं भी जतायी जा रही हैं। पंचायत चुनाव से पूर्व किसान आंदोलन से गांवों में आक्रोश को नहीं बढने देने पर भी विचार होगा।

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