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राष्ट्रीय पुष्प नहीं हो सकता चुनाव चिह्न- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने BJP से मांगा जवाब

यूपी में इलाहाबाद हाइकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. जिसमें कहा गया है कि भाजपा को चुनाव चिन्ह कमल का प्रयोग करने से रोक लगाई जाए. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भारत निर्वाचन आयोग से बीजेपी के चुनाव चिन्ह को लेकर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि बीजेपी चुनाव चिन्ह के तौर पर राष्ट्रीय फूल कमल का प्रयोग कैसे कर सकती है.
इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में गोरखपुर के युवा समाजवादी नेता और आरटीआई एक्टिविस्ट काली शंकर यादव ने एक जनहित याचिका दायर कर रखी थी. इसके पूर्व में भी सुनवाई कोर्ट में हुई थी, लेकिन इस बार मामला बेहद गंभीर है क्योंकि निर्वाचन आयोग को अपना पक्ष 16 अगस्त को हाईकोर्ट के समक्ष रखना है.
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा है कि यह राष्ट्रीय पुष्प है इसका इस्तेमाल कोई अपने चुनावी लोगो के रूप में नहीं कर सकता है. चुनाव चिन्ह के मुद्दे को लेकर बीजेपी के ऊपर बड़ा हमला करने वाले युवा समाजवादी नेता से बातचीत हुई. जानकारी के अनुसार उन्होंने कई तरह की कमियों की ओर इशारा किया.
काली शंकर ने कहा कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय के पास तो राष्ट्रीय पुष्प के रूप में पंजीकृत किसी पुष्प का नाम ही नहीं है. उनकी आरटीआई से इसका भी खुलासा हुआ है, लेकिन जब राष्ट्रीय पुष्प के रूप में सरकार कमल को घोषित करती है तो फिर यह किसी राजनीतिक दल का चुनाव चिन्ह कैसे हो सकता है.