
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर-प्रदेश
- /
- वॉज्ञानिकों की बढ़ी...
वॉज्ञानिकों की बढ़ी चिंता, हवा के बाद अब इस शहर के पानी में मिले कोरोना के वायरस

प्रदेश में कोरोना के हालात समान होने ही वाले थे कि अब नए आफत ने सरकार की और चिंता बढ़ा दी। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के राजधानी का है, जहां पानी में कोरोना के वायरस पाए गए है। इस खबर के बाद से सरकार के साथ ही वैज्ञानिकों की भी चिंता बढ़ गई है।
लखनऊ। प्रदेश में कोरोना के हालात समान होने ही वाले थे कि अब नए आफत ने सरकार की और चिंता बढ़ा दी। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के राजधानी का है, जहां पानी में कोरोना के वायरस पाए गए है। इस खबर के बाद से सरकार के साथ ही वैज्ञानिकों की भी चिंता बढ़ गई है।
एसजीपीजीआई के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. उज्ज्वला घोषाल के ने बताया कि ICMR और WHO ने देशभर के अलग अलग शहरों से पानी में वायरस का पता लगाने के लिए सीवेज सैंपल जुटाए जा रहे हैं।
इसी कड़ी में लखनऊ के खदरा के रूकपुर, घंटाघर व मछली मोहाल के ड्रेनेज से सीवेज सैंपल लिए गए थे. इस स्थान पर पूरे मोहल्ले के सीवेज एक ही जगह पर गिरता है। एसजीपीआई लैब में आए सीवेज सैंपल के पानी में वायरस की पुष्टि हुई है. डॉक्टर घोषाल के अनुसार यह अभी प्राथमिक अध्ययन है, भविष्य में इस पर विस्तार से अध्ययन किया जाएगा।
बता दे कि लखनऊ के अलावा हैदराबाद और मुम्बई के सीवेज में भी कोरोना के वायरस पाए जा चुके है। इसके अलावा अन्य शहरों में भी अध्ययन जारी है। हालांकि अध्ययन में इस बात का भी दावा किया गया है कि सीवेज में पाए गए वायरस से संक्रमण का प्रसार आगे नहीं हुआ है।
ऐसे पानी मे पहुंचा वायरस
रिसर्च टीम के अनुसार संक्रमित मरीजों के मल के जरिए यह वायरस सीवेज के पानी में पहुंचा। कई अन्य शोध पत्रों में भी यह बात सामने आई है कि 50 फ़ीसदी मरीजों के स्टूल के वायरस सीवेज तक पहुंच जाते हैं।
रीसर्च टीम का कहना है कि सीवेज में मिला वायरस आम लोगों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है इस पर अभी अध्ययन बरकरार है।