
CBSE सिलेबस में राष्ट्रवाद ,नोटबंदी और संघवाद से जुड़े विषयों को हटाने के बाद की राजनीति

वही इस फैसले को लेकर राजस्थान में एक अद्भुत राजनीति सामने आई है ।सीबीएसई सिलेबस में 30% की कटौती में राष्ट्रवाद ,नोटबंदी और संघवाद से जुड़े विषयों को हटाया गया है ।
सीबीएसई बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम को 30% की कटौती के लिए रजामंदी दे दी है। वही इस फैसले के परिणाम स्वरूप राजस्थान सरकार ने भी आरबीएसई बोर्ड में 30 % पाठ्यक्रम की कटौती करने का विचार किया है।
वही इस फैसले को लेकर राजस्थान में एक अद्भुत राजनीति सामने आई है ।सीबीएसई सिलेबस में 30% की कटौती में राष्ट्रवाद ,नोटबंदी और संघवाद से जुड़े विषयों को हटाया गया है ।इस मुद्दे पर राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का एक बयान सामने आया।
जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार पर एक आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा ने देश के साथ जिन मुद्दों को लेकर छेड़छाड़ की ,उन्हीं मुद्दों के चैप्टर हटाए जा रहे हैं क्योंकि भाजपा सरकार यह कभी नहीं चाहती है कि उनकी इन घटिया नीतियों के प्रभावों को देश के बच्चे समझ पाए। उनका कहना है कि इन चैप्टर्स को हटाए जाने से साबित होता है कि प्रधानमंत्री नोटबंदी, राष्ट्रवाद जैसे चैप्टर बच्चों को पढ़ाना ही नहीं चाहते ।
यदि सारे बच्चे भाजपा की कट्टर और अशांति फैलाने वाली नीतियों को समझ जाएंगे तो भाजपा का वोट बैंक कम हो जाएगा ।
यह बात साबित हो चुकी है कि नोटबंदी ,जीएसटी और CAA देश में अराजकता का माहौल बनाने और वोट बैंक का एजेंडा पूरा करने की एकमात्र योजनाएं थी । केंद्र सरकार ने भले ही नोटबंदी का चैप्टर हटा दिया हो ,लेकिन राजस्थान के बच्चे अब भी नोटबंदी का चैप्टर पड़ेंगे।
गोविंद सिंह डोटासरा के इन शब्दों का पूर्ण रूप से विरोध किया गया ।
राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी जी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ सिलेबस को राजनीति के चश्मे से देखना चाहती है जो कि सरासर गलत है। कांग्रेस की यह राजनीति बच्चों के भविष्य पर ओछी साबित हो सकती है। कांग्रेस को यहां भी सिलेबस में 30% की कटौती करनी चाहिए कांग्रेस जिन विषयों को लेकर विरोध कर रही है ,उनका कभी भी समर्थन नहीं किया गया है ।कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों का संघवाद में कभी विश्वास नहीं रहा ।हल्दीघाटी युद्ध में प्रताप की विजय को लेकर कांग्रेस जनता को भ्रमित कर राष्ट्रवाद का माहौल खड़ा कर रही है। नागरिकता संशोधन बिल का कांग्रेस में समर्थन नहीं किया।