
राजस्थान गुर्जर आरक्षण आंदोलन के बीच 60 ट्रेनें डायवर्ट, 5 जिलों की नेट इंटरनेट सेवाएं बंद !

नई दिल्ली - राजस्थान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन के चलते भारतीय रेलवे पर बुरा असर पड़ रहा है कई रेलवे ट्रैक गुर्जरों के कब्जे में है। रविवार को गुर्जर समाज के कई लोग पीलूपुरा में एकत्र हुए थे और रेलवे ट्रैक को पूरा जाम कर दिया था इसी के चलते दूसरे दिन भी गुर्जर समाज के लोगों ने सोमवार सुबह पीलूपुरा में इकट्ठा होना जारी रखा और रेलवे ट्रैक एक बार फिर जाम कर दिया। इसके बाद भरतपुर करौली स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया।
जिसके चलते यातायात को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। गुर्जर आंदोलन के चलते बीते दिनों प्रशासन ने राजस्थान के 5 क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थी। जिसमें भरतपुर, करौली, दौसा, सवाईमाधोपुर और जयपुर के कई जिले शामिल थे। आंदोलन के चलते आंदोलनकारी रात भर रेलवे पटरियों पर डटे रहे। रविवार को आंदोलनकारियों ने दिल्ली मुंबई रेलवे ट्रैक की प्लेटें उखाड़ दी थी।
जिस कारण वर्ष 40 माल गाड़ियों और लगभग 60 ट्रेनों को डायवर्ट करना पड़ा था और दो ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। आज भी 4 ट्रेनें रद्द की गई है और 220 बसों को रोक दिया गया है। यह त्योहारों का सीजन है ऐसे में जनता को बेहद ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।अधिकारियों ने बताया कि गुर्जर समुदाय के कुछ लोगों ने जयपुर से 180 किलोमीटर दूर भरतपुर में रेलवे ट्रैक जाम किया हुआ है वह शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
गुर्जर समाज के नेता विजय बैंसला द्वारा रविवार को कहा गया "हम अपनी मांगे पूरी होने और सरकार की ओर से इसे लेकर एक आदेश जारी होने तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे हमें इससे कम कुछ मंजूर नहीं है। युवा बेरोजगार है 25000 नौकरियों फंसी हुई है और इसके बारे में कोई बात नहीं कर रहा है"।
साथ ही बताना चाहेंगे कि गुर्जर समाज दो समुदाय में बटा हुआ है जिसमें हिम्मत सिंह गुर्जर के नेतृत्व वाला गुर्जर आरक्षण समिति बीते दिनों शुक्रवार को राजस्थान सरकार की कैबिनेट की उप-समिति के साथ लगभग 14 बिंदुओं पर 7 घंटों चली इस बैठक में अपनी सहमति जता चुका है। वही दूसरा विजय बैसला के नेतृत्व वाला गुर्जर आरक्षण समुदाय ने अभी तक आंदोलन को जारी रखा हुआ है।