
- Home
- /
- राज्य
- /
- अन्य राज्य:
- /
- उतराखंड के जंगलो में...
उतराखंड के जंगलो में लगी आग से परेशानी में आया वन्य जीवो का जीवन

इस समय दुनिया के हर एक कोने में प्रकृति अपना प्रकोप दिखा रही है जहा एक और पहले ही पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से लड़ रही थी वही अब दूसरी तरफ प्रकृति का प्रकोप भी कही बाढ़ तो कही आग के रूप में दिखाई दे रहा है| ऐसा लग रहा है मानो प्रकृति अपना रौद्र रूप धारण कर चुकी हो और अब ये सब कुछ नष्ट करके ही शांत होगी | जैसे की थोड़े दिन पहले सुनने में आया था कि देश का उतरी पूर्वी क्षेत्र त्रिपुरा बाढ़ से परेशान है और इस बाढ़ ने वहाँ के बहुत से लोगो को बेघर कर दिया है | अब सुनने में आ रहा है की उतर में स्थित उतराखंड आग की लपटों का सामना कर रहा है| वैसे तो उत्तराखंड के जंगल हर साल गर्मियों में आग से धधक उठते हैं, लेकिन इस साल यह आग पहाड़ के लोगों और वन्यजीवों पर कहर बरसा रही है। यह आग लगातार बढ़ रही है।
आखिर क्या है इस आग का कारण
पर्यावरणविद्अनिल जोशी के मुताबिक, राज्य के जंगलों में लगी आग के मुख्य कारण इस साल विंटर रेन न होना है। जिस कारण जमीन में बिल्कुल नमी नहीं है और आग लगातर बढ़ रही है। वहीं इस साल मार्च से गर्मी तेज पड़ रही है। जिससे जंगलों में पतझड़ ज्यादा हो गया है। यह जल्दी आग पकड़ता है।
जंगल में ज्यादातर आग की घटनाएं गर्मी के मौसम में सामने आती हैं। प्राकृतिक रूप से जंगलों में आग लगने का एक बड़ा कारण आसमानी बिजली है, जिसके कारण आग सूखे पत्तों और झाड़ियों से होती हुई पूरे जंगल को चपेट में ले लेती है।
आखिर किन जगह पड़ा ज्यादा असर
उतराखंड के ऐसे बहुत से जिले है जहा इसका बहुत बुरा असर हुआ है उनमे से कुछ जिलों के नाम है हरिद्वार श्रीनगर हल्द्वानी भागेश्वर | हरिद्वार में ये आग मनसदेव के पहाड़ो गयी है और इस आग से जंगल के पेड़ पौधों को काफी नुकसान पहुंच रहा है | श्री नगर में भी आग की लपटे दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है यह के भी बहुत से जंगल जल कर ख़ाक हो गए है|
ये आग सिर्फ हरिद्वार तक ही सिमित नहीं रही है ये आग अब हल्द्वानी पहुंच चुकी है और यहाँ के जंगलो में भी इस आग ने अच्छी खासी तबाही मचाई है और बड़े बड़े पेड़ो को अपने आगोश में ले लिया है| भागेश्वर के लोग तो इस आग से दहशत में आ गये है क्योंकि वहां की आग रुकने का नाम ही नहीं ले रही है आग की लपटे बढ़ती जा रही है और इस आग से न केवल इंसानो और पेड़ पौधों का बल्कि वन्य जीव जन्तुओ का जीवन भी खतरे में आ गया है|
