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कृषि कर्मण अवार्ड कार्यक्रम कर्नाटका में नरेंद्र मोदी ने किसनोंको बताया कुछ सच |

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्णाटक में भाषण करते समय जनता से बोले की हम नए वर्ष, नए दशक की शुरुआत में, देश के अन्नदाता-हमारे किसान भाई-बहनों के दर्शन होना, मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। मैं 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से, देश के हर किसान को नए वर्ष की शुभकामनाएं देता हूं, देश के लिए अन्न उपजाने वाले किसानों का आभार व्यक्त करता हूं
कृषि कर्मण अवार्ड के साथ ही, आज कर्नाटका की ये धरती, एक और ऐतिहासिक उपलब्धि की गवाह बनी है। आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 8 करोड़वें किसान साथी के खाते में पैसा जमा किया गया है| इतना ही नहीं, आज अभी, इस कार्यक्रम में ही एक साथ देश के 6 करोड़ किसान परिवारों के खाते में 12 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं|
देश में एक वो दौर भी था जब देश में गरीब के लिए एक रुपए भेजा जाता था तो सिर्फ 15 पैसे पहुंचते थे। बाकी के 85 पैसे बिचौलिए मार जाते थे। आज जितने भेजे जा रहे हैं, उतने, पूरे के पूरे सीधे गरीब के खाते में पहुंच रहे हैं| कृषि कर्मण अवार्ड के साथ ही आज कर्नाटक की ये धरती एक और ऐतिहासिक उपलब्धि की गवाह बनी है।
दशकों से लटकी सैकड़ों सिंचाई परियोजनाएं हों, फसल बीमा से जुड़े नियमों में बदलाव हो, सॉयल हेल्थ कार्ड हो या फिर यूरिया की शत- प्रतिशत नीम कोटिंग, हमने हमेशा किसानों के हितों को प्राथमिकता दी| किसानों को अपने पशुओं की बीमारियों और उनके इलाज पर कम से कम खर्च करना पड़े, इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है।
किसान अपने खेत में ही सौर ऊर्जा पैदा करके उसे नेशनल ग्रिड में बेच सके, इसके लिए पीएम कुसुम योजना शुरू की गई है| हमारी सरकार के प्रयासों के कारण भारत द्वारा मसालों के उत्पादन और निर्यात, दोनों में काफी बढ़ोतरी हुई है। भारत में मसाला उत्पादन 25 लाख टन से अधिक बढ़ा है तो एक्सपोर्ट भी करीब 15 हज़ार करोड़ से बढ़कर लगभग 19 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है|
हमारी सरकार इस बात का भी ध्यान रख रही है कि नारियल के किसानों को भी उचित दाम मिले। इसके लिए नारियल किसानों से जुड़े संघ और सोसाइटी बनाये जा रहे हैं, मुझे बताया गया है कि यहां कर्नाटक में ही करीब 550 ऐसी संस्थाए बनायीं जा चुकी हैं:
Horticulture के अलावा दाल, तेल और मोटे अनाज के उत्पादन में भी दक्षिण भारत का हिस्सा अधिक है। भारत में दाल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बीज हब बनाए गए हैं, जिनमें से 30 से अधिक सेंटर कर्नाटका, आंध्रा, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में ही हैं|
फिशरीज सेक्टर को मजबूत करने के लिए सरकार तीन स्तरों पर काम कर रही है। पहला- गांवों में मछलीपालन को बढ़ावा, मछुवारे भाई-बहनों को आर्थिक मदद| दूसरा- ब्लू रिवोल्यूशन स्कीम के तहत नावों का आधुनिकीकरण। और तीसरा- मछली के व्यापार और कारोबार से जुड़े आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण| मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा जा चुका है। मछली पालकों की सहूलियत के लिए बड़ी नदियों और समंदर में नए फिशिंग हार्बर बनाए जा रहे हैं।
आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए साढ़े 7 हज़ार करोड़ रुपए का विशेष फंड भी बनाया गया है| डीप सी फिशिंग के लिए मछुआरों की नावों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है और ISRO की मदद से मछुआरों की सुरक्षा के लिए नेविगेशन डिवाइस नावों में लगाए जा रहे हैं।
आज यहां तमिलनाडु और कर्नाटका के अनेक किसानों को इसका लाभ लेते हुए आपने भी देखा है| नरेंद्र मोदी :
भारत ने नई ऊर्जा और नए उत्साह के साथ 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश किया है।
— BJP (@BJP4India) January 2, 2020
आपको याद होगा कि बीते दशक की शुरुआत किस तरह के माहौल से हुई थी।
लेकिन 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उम्मीदों की, आकांक्षाओं की मजबूत नींव के साथ शुरु हुआ है: पीएम मोदी pic.twitter.com/UUhGCDEORm
