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कुंभ में जिस कंपनी को दिया गया था टेस्टिंग का ठेका, उसका कोई अता-पता नहीं, सिर्फ कागजों में आफिस

हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान हुई कोविड टेस्टिंग मामला अब बढ़ता जा रहा है। जांच में यह खुलासा हुआ है कि स्वास्थ्य विभाग ने जिस कंपनी को टेस्टिंग का जिम्मा सौंपा था उसका कोई आता पता ही नहीं है, वह सिर्फ कागजों में ही चल रही है। इस खुलासे के बाद से हरिद्वार मेला प्रशासन सवालों के कटघरे में आ गई है।
मेला स्वास्थ्य अधिकारी ने भी इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। वहीं, उत्तराखंड प्रशासन ने जिलाधिकारी से फर्जी टेस्टिंग के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य अधिकारी अधिकारी डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर ने बताया कि दिल्ली की लाल चंदानी लैब और हिसार की नालवा लैब के साथ थर्ड पार्टी एमओयू हुआ था। कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग ने जिस कंपनी को कोविड टेस्ट का टेंडर दिया था उसका नाम मैक्स कॉरपोरेट है।
जांच में लैब द्वारा कई बड़ी लापरवाही सामने आई है। हरिद्वार के एक ही घर से 530 कोविड सैंपल लिया गए है, इसके अलावा एक आईडी ऑयर के बार टेस्ट किया गया है। वहीं जितने भी फोन नंबर दर्ज कराए गए थे वह सब भी फर्जी थी। एक दिन में इतनी बड़ी मात्रा में कोविड टेस्ट करना भी कई सवाल खड़े करता है।
ज्ञात हो कि हरद्वार में 1 से 30 अप्रैल तक कुंभ का आयोजन था। इस दौरान 4 लाख कोरोना टेस्ट किये गए थे। टेस्ट का जिम्मा 22 प्राइवेट लैब और 9 एजेंसियों को सौंपा गया था। टेस्ट के बाद भारी संख्या में गड़बड़ी पाई गई थी जिसके बाद जांच करने पर पता चला कि एक एंटीजन किट से 700 सैंपल की टेस्टिंग की गई थी।
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