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केंद्र सरकार का बोडो संगठनों के साथ समझौता। जानिए पूरी खबर

केंद्र सरकार का बड़ा फैसला आज नई दिल्ली में केन्द्र, असम सरकार और बोडोलैंड नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट-एन.डी.एफ.बी.(Bodoland National Democratic Front-NDFB.) के बीच ऐतिहासिक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गये। इस त्रिपक्षीय समझौते पर आज नई दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह तथा असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गये।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव सत्येन्द्र गर्ग, असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण तथा NDFB. के चार गुटों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते में बोडो आदिवासियों को राजनीतिक, आर्थिक, कार्यपालक, और भूमि अधिकार देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा उनकी सांस्कृतिक तथा भाषाई पहचान बनाये रखे जाने का प्रावधान है। केन्द्र और असम सरकार बोडो समुदाय के आर्थिक विकास के लिए 15 अरब रूपये (15 billion rupees )की वित्तीय सहायता देगी।
समझौते पर हस्ताक्षर के बाद श्री अमित शाह ने कहा कि इस ऐतिहासिक समझौते से असम तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में शांति और विकास के नये रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि बोडो संघर्ष के दौरान चार हजार से अधिक निर्दोष लोग मारे गये। श्री अमित शाह ने कहा कि संघर्ष में जान गंवाने वाले लोंगों के निकट संबंधियों को सरकार द्वारा पांच-पांच लाख रूपये की वित्तीय सहायता दी जायेगी।
गृह मंत्री ने कहा कि इस वर्ष महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर विद्रोही गुट आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बोडो जनता के साथ किए गये सभी वादों को पूरा करेगी।
इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि इस समझौते से असम की क्षेत्रीय अखंडता बने रहेगी और बोडोलैंड को सर्वांगीण विकास का मौका मिलेगा।समझौते के छठवीं अनुसूची के तहत एक आयोग गठित किया जायेगा जिसमें राज्य सरकार और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधि शामिल किए जायेंगे। समिति छह महीने के अंदर अपनी सिफारिश देगी।
यह त्रिपक्षीय समझौता, इस क्षेत्र में हिंसा का दौर समाप्त करेगा। इससे पहले 1993 और 2003 में त्रिपक्षीय समझौते किए गये थे, जिसके तहत बोडोलैंड स्वायत्त परिषद और बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद का गठन किया गया था।
