
‘ब्लैक फ़ंगस’ बना महामारी ! बिहार सरकार ने लिया बड़ा फ़ैसला

पटना, 22 मई (न्यूज़ हेल्पलाइन): कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद ‘ब्लैक फ़ंगस’ के मामले लगातार बिहार में बढ़ रहे है ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा फ़ैसला लिया है
राज्य में रोज़ाना ब्लैक फ़ंगस के मरीज़ मिल रहे है इनकी बढ़ती संख्या को देख बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को इसको लेकर एक बैठक की और बैठक में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है बिहार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बताया कि प्रदेश में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देशों पर इसे एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत अधिसूचित किया गया है।
इस महामारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कई दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सभी निजी और सरकारी चिकित्सा संस्थान ब्लैक फंगस के संदिग्ध और पुष्टित मरीजों के मामलों को जिले के सिविल सर्जन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम को रिपोर्ट करेंगे।
आगे बढ़ते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सभी अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि ब्लैक फंगस की जांच, इलाज और प्रबंधन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देशों का पालन करें। उन्होंने कहा की दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
बिहार में शुक्रवार को ब्लैक फंगस के 39 नए मामले सामने आए। इनमें आठ को भर्ती करना पड़ा। कुल 39 मामलों में से 32 पटना के तीन अस्पतालों और बाकी छपरा के निजी अस्पताल में पहुंचा। इस तरह राज्य में ब्लैक फंगस के 174 मरीज हो गए हैं।
बता दें, हरियाणा और राजस्थान पहले ही ब्लैक फ़ंगस को महामारी घोषित कर चुकें है। दरअसल केंद्र ने सभी राज्यों को म्यूकरमाइकोसिस जिसे ‘ब्लैक फंगस’ के नाम से भी जानते हैं, इसे महामारी एक्ट 1897 के तहत नोटेबल डिजीज घोषित करने को कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि सभी सरकारी, प्राइवेट अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को ब्लैक फंगस की स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस और मैनेजमेंट के गाइडलाइंस का पालन करना होगा। राज्यों को ब्लैक फंगस के केस, मौत, इलाज और दवाओं का हिसाब रखना होगा।
