टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर हरभजन सिंह का इंटरनेशनल करियर लगभग खत्म हो चुका है। पिछले चार साल से हरभजन सिंह एक भी इंटरनेशनल मैच नहीं खेल पाए हैं। हरभजन सिंह ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से अपील की है कि भारतीय खिलाड़ियों को विदेशों में होने वाली ट्वेंटी-ट्वेंटी लीग में खेलने का मौका मिलना चाहिए। हरभजन से पहले पठान और रायडू जैसे खिलाड़ी भी बीसीसीआई (BCCI) से यह अपील कर चुके हैं।
हरभजन सिंह ने कहा, बीसीसीआई को खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की इजाजत देनी चाहिए. आपके पास ऐसे खिलाड़ी हैं जिनको आपने कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया है और उन्हें टीम में सिलेक्ट करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं, उन्हें बाहर खेलने की इजाजत मिलने चाहिए। ऐसा सिस्टम होना चाहिए कि जिन खिलाड़ियों ने 50 से ज्यादा टेस्ट खेले हैं और जिनकी उम्र 35 साल से अधिक है वो बीसीसीआई की इजाजत लें।
हरभजन सिंह ने खुद को टीम से निकाले जाने पर भी बात की। उन्होंने कहा, इन बातों को बेहतर तरीके से हैंडल किया जा सकता था। मेरी परफॉर्मेंस खराब हुई थी। लेकिन किसी ने मुझसे बात नहीं की। वेस्टइंडीज दौरे से वापस आने के बाद मुझे दोबारा टीम में नहीं चुना गया।
हरभजन का दर्द छलका
हरभजन सिंह ने टीम इंडिया के लिए 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच केले। 2015 में श्रीलंका के खिलाप उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट खेला था। 2015 में ही उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना आखिरी वनडे खेला। 2016 में हुए एशिया कप में हरभजन सिंह ने अपना आखिरी इंटरनेशनल ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच खेला।
हरभजन सिंह ने अपना दर्द बताते हुए कहा है कि कम से कम जिन खिलाड़ियों ने इतना बेहतर प्रदर्शन किया वो एक विदाई तो डिजर्व करते हैं। उन्होंने कहा, मेरे लिए चीजें सही नहीं थी और भविष्य में मैं इनके बारे में बात करूंगा। अगर हम ही अपने खिलाड़ियों की इज्जत नहीं करेंगे तो कौन करेगा। सहवाग, गंभीर और लक्ष्मण जैसे खिलाड़ियों को बेहतर विदाई मिलनी चाहिए थी।