धर्म

क्यों एक बंधन में नहीं बंध सके राधा और कृष्ण ?

Janprahar Desk
7 July 2020 9:00 PM GMT
क्यों एक बंधन में नहीं बंध सके राधा और कृष्ण ?
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दोस्तों हम सभी के मन में हमेशा ये सवाल उठता है कि राधा और कृष्ण का विवाह क्यों नहीं हुआ था तो चलिए आपको इस आर्टिकल की मदद से इस सवाल का जवाब देते हैं की आखिर क्यों राधा और कृष्ण का विवाह नहीं हुआ था।

असल में इस मुद्दे को लेकर कई सारी कहानिया है लेकिन इस आर्टिकल के अंत में हम आपको बताएंगे कि सभी कहानियों में से कौन सी कहानी सबसे ज्यादा विश्वसनीय हैं और इस आर्टिकल के अंत तक आप यह भी जान जायेंगे की आखिर क्यों कान्हा ने राधा से विवाह नहीं किया था।

इसके बारे में जानने के लिए हमे प्रचलित कहानियों को पहला जनाना पड़ेगा तो फिर आइये जानते है इन कहानियों के बारे में।

 पहली कहानी ये कहती है की रुकमणी ही राधा थी बहुत सारे लोग यह दावा करते हैं कि राधा रुकमणी अलग-अलग नहीं थे और इस दावे पीछे की तीन बड़ी वजह भी दी जाती है पहली तो ये की जहा राधा होती थी वहां रुकमणी नहीं होती थी और जहा रुक्मणि  होती थी वहां राधा नहीं होती थी दूसरा ये राधा रुकमणी दोनों ही उम्र में कृष्ण से बड़ी थी और तीसरा ये की  ग्रंथों में लिखा गया है कि राधा लक्ष्मी का रूप थी तो वही रुकमणी को भी लक्ष्मी का ही रूप कहा जाता था रुक्मणी को भी लक्ष्मी के रूप के समान माना जाता था इन आधारों पर कहा जाता है कि रुक्मणी और राधा असल में एक ही थी जिसका मतलब ये था की उनका विवाह राधा से ही हुआ था। अब जानते है दूसरी कहानी के बारे में दूसरी कहानी गर्ग संहिता में लिखी गई है कि कृष्ण राधा से विवाह क्यों नहीं किया था असल में कृष्ण और राधा का विवाह बचपन में ही हो गया था इसलिए कान्हा ने दोबारा राधा से विवाह नहीं किया ये बात गर्ग संहिता में लिखी गई है आपको बता दें कि गर्ग ऋषि यदुवंशियों के कुलगुरु थे गर्ग ऋषि ने गर्ग संहिता में लिखा है कि एक बार नंद बाबा के कंधे पर कान्हा  बैठकर बाजार घूम रहे थे इसी दौरान सब कुछ जैसे थम सा गया नंद को एक अलौकिक शक्ति का एहसास हुआ यह आलौकिक शक्ति कोई और नहीं बल्कि राधा ही थी  इसके बाद जब जहां थे वहीं रुक गए राधा और कृष्ण अपने बचपन को छोड़कर यौवन में आ गए दोनों ने जंगल में जाकर शादी की और दोनों की शादी के गवहा बने भगवान ब्रह्मा क्यूंकि ब्रह्मा ने ही इन दोनों की शादी करवाई और इसके बाद दोनों अपने बचपन में लौटे गए और सब कुछ वैसा  हो गया जैसे पहले था मानो कुछ हुआ ही न हो इसलिए तो इसलिए दोबारा राधा से शादी नहीं की थी क्योंकि बालपन में राधा और कृष्ण का विवाह पहले ही हो चुका था।

 तीसरी कहानी तीसरी कहानी यह कहती है कि जब राधा के परिवार वालों को उनके माता-पिता को कृष्ण से उनके प्रेम प्रसंग के बारे में पता चला तो उन्हें घर में ही कैद कर दिया गया अपने ही घर में राधा को बंदी के तौर पर रहना पड़ा क्योंकि उस वक्त राधा की मंगनी हो चुकी थी लेकिन कान्हा ने आकर राधा को आजाद करवाया उसके बाद वो यशोदा मैया के पास गए यशोदा मैया से उन्होंने राधा से विवाह की हठ की लेकिन यशोदा के लाख समझाने पर भी कान्हा नहीं समझे तब नंद कान्हा को गर्ग ऋषि के पास लेकर गए और तब हुआ कान्हा का परिवर्तन गर्ग ऋषि ने कान्हा को ये समझाया की उन का जन्म एक उद्देश्य के लिए हुआ है वह इस तरीके से किसी के भी मोह में नहीं बंध सकते धरती पर वह धर्म की स्थापना के लिए पैदा हुए है गर्ग ऋषि के समझाने के बाद कान्हा ने अपने जीवन को अपने कर्मों पर समर्पित कर दिया और अपने गोप गोपी अपनी राधा और गांव सब छोड़ कर चले गए इसीलिए कान्हा ने राधा से शादी नहीं की।

ये तीन अलग-अलग कहानियां जो इस सवाल के जवाब में पाई जाती है लेकिन बड़ा प्रश्न यह है कि इन कहानियों में सत्य क्या है दूसरी कहानी की बात करते हैं असल में इसे कहानी नहीं कहा जा सकता  क्योंकि यह गर्ग संहिता में लिखा गया है और गर्ग ऋषि की किसी भी लेख पर सवाल नहीं उठाया जा सकता क्योंकि गर्ग ऋषि वो थे जिन्होंने खुद और बलराम का नामकरण किया था गर्ग ऋषि यदुवंशियों के कुल गुरु थे

गर्ग  ऋषि ने अपनी गर्ग संहिता में राधा कृष्ण की एक एक लीला का बखूवी वर्णन किया है ऐसे में इसे सत्य  माना जा सकता है। लेकिन इसके बाद एक और प्रश्न उठता है अगर ऐसा था तो कृष्ण ने राधा को अपनाया क्यों नहीं ?क्योंकि इनका प्यार एक दूसरे के लिए असीम था जिसकी ना तो शुरुआत का पता और ना ही अंत का उनका प्रेम किसी बंधन का या किसी वचन का मोहताज नहीं था और राधा कृष्ण प्रेमी जोड़ियों को यही बात बताना चाहते थे की अगर प्रेम हो तो दुरी मायने नहीं रखती प्रेम तो एक भावना है जिसे कभी खत्म नहीं किया जा सकता कभी मिटाया नहीं जा सकता ऐसा ही तो था कान्हा और राधा का भी प्रेम करते हैं।

तो दोस्तों आशा  करती हु की अब आप  जान गए होंगे कि राधा कृष्ण का विवाह क्यों नहीं हुआ क्यों उनका प्रेम एक बंधन में नहीं बंध सका लेकिन फिर भी क्यों वो दोनों आज भी दो प्रेम करने वालो के लिए मिसाल है और लोग हमेशा ऐसा क्यों कहते है की प्रेम हो तो राधा कृष्ण जैसा।

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