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क्या था महाभारत के युद्ध होने का कारण ?

Janprahar Desk
20 Jun 2020 10:07 PM GMT
क्या था महाभारत के युद्ध होने का कारण ?
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दोस्तो आप सबने महाभारत के युद्ध का  नाम तो सुना ही होगा लेकिन क्या आप  जानते है की महाभारत के युद्ध होने के पीछे भीष्म की बहुत सी ऐसी गलतिया थी जिसके कारण ये युद्ध हुआ तो आज मैं आपको भीष्म की उन गलतियों के बारे बारे में ही बताउंगी।

दोस्तों जब भीष्म के पिता शांतनु ने सत्यवती से विवाह करना चाहा तो सत्यवती ने अपनी संतानों के भविष्य को लेकर चिंता जाहिर की तभी भावों में आकर भी सुने अविवाहित रहने की प्रतिज्ञा कर डाली ताकि सत्यवती की संतानों को हस्तिनापुर का राज्य मिल सके। दरअसल यह ही वो चूक थी यदि भीष्म ये प्रतिज्ञा नहीं करते तो शायद राज्य को लेकर इतने दावेदार कभी पैदा नहीं होते।अपने  सौतेले भाइयों यानी कि सत्यवती के पुत्रों के लिए इतना बड़ा पाप किया उन्होंने अंबा अंबिका और अंबालिका नाम की राजकुमारी का अपहरण कर लिया और जिस अंबा का भीष्म ने अपहरण किया उसने भीष्म से कहा कि वह अपने अपहरणकरने वाले से ही शादी करेंगी अन्यथा उसकी बीमारी होगी। लेकिन भीष्म ने इससे इंकार कर दिया और अंत में अम्बा ने ये प्रतिज्ञा ली कीअगले जन्म में वो ही भीष्म  की मौत का कारण बनेगी। आप लोग जानते ही होंगे महभारत के युद्ध  शिखंडी ही भीष्म कारन बने और ये शिखंडी अम्बा ही थी।

 इसके अलावा यह जानते हुए भी कि गांधारी नेत्र ही नहीं है भीष्म ने जबरदस्ती गांधारी का विवाह नेत्रहीन धृतराष्ट्र से करवा दिया। और अपनी बहन से बहुत प्यार करने वाले शकुनी अपनी बहन के साथ हुए इस अन्याय का बदला लेने के लिए जिंदगी भर चाले चलता रहा जिसके चलते महाभारत का युद्ध हुआ। दरअसल गांधारी  की कुंडली में पहले पति के मरने का योग था इसलिए ध्रितराष्ट्र से विवाह से पहले उसका सांकेतिक तौर पर एक बकरे से विवाह करवाया गया था।

विवाह के बाद जब भीष्म को ये बात पता चली कि गांधारी का  पहले से विवाह हो चुका है तो भीष्म ने गांधारी के परिजनों को बंदी बना लिया और तड़पा तड़पा कर मार डाला। फिर भी यह जानते हुए भी कि परिजनों के मरने और गांधारी को जिंदगी भर मजबूरन आंखों पर पट्टी बांधकर रहने की वजह से शकुनि के दिल में हस्तिनापुर साम्राज्य के लिए जहर भरा है। भीष्म ने शकुनी को राज्य में रहने की इजाजत दे दी और उसका परिणाम तो हम सभी जानते हैं।

दोस्तों भीष्म जानते थे कि पुत्र मोह में धृतराष्ट्र पांडवों के साथ अन्याय कर रहे हैं लेकिन राजा और सिंहासन के प्रति निष्ठा के चलते भीष्म उनके साथ बने रहे पांडवों के साथ हुए अन्याय के चलते ही महाभारत का युद्ध हुआ.

 राजभवन में भी कौरवों और पांडवों के बीच चौसर खेलने की अनुमति देना भीष्म की बड़ी भूल थी वो चाहते तो इस खेल को रोक सकते थे जिसनेपांडवो से सब कुछ छीन लिया।

इसके साथ-साथ द्रौपदी के चीरहरण के समय भी भीष्म चुप रहे और इसी के चलते भगवान श्री कृष्ण को महाभारत युद्ध में कौरवों के खिलाफ खड़े होने का फैसला करना पड़ा

भीष्म यदि चाहते तो राज सिंहासन के रखवाले होने के नाते राज्य का विभाजन रोक सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया और इसी विभाजन  के चलते महाभारत के युद्ध के कारन पैदा हुए।

तो दोस्तों ये थी भीष्म के द्वारा की गयी गलतिया जिसके कारण महाभारत का युद्ध हुआ यदि भीष्म चाहते तो ये युद्ध रुक सकता था या कभी इस युद्ध की नौबत ही नहीं आती।

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