
वैष्णो देवी की यात्रा : कटरा मे बनाए गए अस्थाई कोरोना सेंटर,जाने भोजन का क्या रहेगा इंतज़ाम

दर्शनार्थियों के लिए कटरा में 3 अस्थाई कोरोना सेंटर बनाएं गए हैं । बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को सबसे पहले यही प्रवेश करना होगा।
कोरोना संक्रमण के चलते सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार वैष्णो देवी की यात्रा 18 मार्च को रोक दी गई थी। उसके बाद लगभग 5-6 महीनों बाद, रविवार 16 अगस्त को सुबह 6:00 बजे से, वैष्णो देवी यात्रा की शुरुआत हो गई है ।
बता दे इस यात्रा में जाने के लिए दर्शनार्थियों को पहले से ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा और होटलों की बुकिंग भी पहले से ही ऑनलाइन माध्यम से करवानी होगी, ताकि यात्रा में किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो।
यात्रा में आए दर्शनार्थियों को किसी भी प्रकार की मुसीबतों का सामना ना करना पड़े और कोरोना संक्रमण के प्रभाव से सभी को बचाया जा सके, इसके लिए यात्रा के श्राइन बोर्ड की तरफ से कुछ विशेष गाइडलाइंस जारी की गई थी। जिसके कारण यहां काफी बदलाव देखने को मिले हैं।
दर्शनार्थियों के लिए कटरा में 3 अस्थाई कोरोना सेंटर बनाएं गए हैं । बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को सबसे पहले यही प्रवेश करना होगा।
यात्रा शुरू होने के बाद भी कटरा में बहुत ही सन्नाटे भरा वातावरण नजर आया ।अभी भी कोई चहल-पहल नहीं दिखाई दी। कटरा की सड़कें सूनी है और साथ में रेस्टोरेंट और होटल भी बंद ही है।
यहां आने वाले दर्शनार्थियों को 14 किलोमीटर की चढ़ाई मांस या फेस कवर लगाकर ही करनी होगी श्राइन बोर्ड की तरफ से सख्त कानून बनाया गया है कि कोई भी भक्त फेस कवर या मास्क ना उतारे, ऐसा करने पर जुर्माना देना पड़ सकता है ।
चढ़ाई के दौरान बैटरी ऑपरेटेड विकल्स , पैसेंजर रोप वे और हेलीकॉप्टर की सुविधा मिलेगी।
प्रशासन से श्राइन बोर्ड को हर रोज 5 हजार भक्तों को यात्रा में भेजने की परमिशन मिली थी, लेकिन बोर्ड ने कोरोना के चलते यह संख्या 2 हजार कर दी। यात्रा के एक हफ्ते बाद जो स्थितियां सामने आएंगी, उस हिसाब से यात्रियों की संख्या कम या ज्यादा करने का फैसला लिया जाएगा।
15 अगस्त तक कटरा में सबकुछ बंद रहा। कुछ होटल खुले हैं, लेकिन वहां भी किचन ओपन नहीं किया गया है क्योंकि लेबर नहीं हैं। होटल संचालकों के मुताबिक, चुनिंदा यात्रियों के लिए किचन शुरू करना काफी महंगा पड़ेगा इसलिए जब तक यात्रियों की संख्या बढ़ नहीं जाती, तब तक किचन की सुविधा भी बंद रहेगी।
दर्शन मार्ग पर चिन्हित स्थानों पर प्रसाद की अनुमति दी गई है, लेकिन शहर में खाना-पीना तो छोड़िए अभी चाय-नाश्ते की दुकानें भी बंद हैं। श्राइन बोर्ड की तरफ से भी बाहर से आने वाले यात्रियों के भोजन के लिए अभी तक कोई इंतजाम नहीं किया गया है।