
मातृभाषा को लेकर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का बड़ा बयान।

भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर में मातृभाषा का ही प्रयोग करना चाहिए। अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर आज कोयम्बटूर में छात्रों के एक समूह के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि सभी भाषाओं का संरक्षण लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे सभी राज्य सरकारों से अनुरोध करते रहे हैं कि प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षा का माध्यम मातृभाषा ही होनी चाहिए।
असहमति के अधिकार की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में असहमति आवश्यक है, लेकिन विघटन की बात स्वीकार नहीं की जायेगी। नागरिकता संशोधन कानून के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि इसका भारतीय नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है और यह सिर्फ उन लोगों के लिए है जिन्हें पड़ोसी देशों में धर्म के आधार पर प्रताडि़त किया गया।