
एक ऐसा रहस्यमई मंदिर जहां मौजूद है न्याय के देवता भक्त मन्नत के लिए भेजते हैं चिठिया और साथ ही इस मंदिर में चढ़ाई जाती हैं घंटियां। दोस्तों वैसे तो आपने कई मंदिरों को लेकर कई बातें सुनी होंगी जैसे कहीं मन्नत पूरी होती है तो कहीं के सिर्फ दर्शन मात्र से ही भक्तों के भाग्य खुल जाते हैं और उस मंदिर का ऐसा चमत्कार उन पर होता है कि उनके भाग्य भी खुल जाते हैं लेकिन आज मैं आपको अपने इस आर्टिकल की मदद से एक ऐसे मंदिर के बारे में बताऊंगी जहां कहा जाता है जहां जाकर भक्तों को न्याय मिलता है और इसीलिए इन्हें न्याय के देवता कहा जाता है।
कुछ लोग तो ऐसा भी कहते हैं कि जिन्हें कहीं न्याय नहीं मिलता वह यदि इस मंदिर की देवता की शरण में आ जाए तो उन्हें न्याय अवश्य मिल जाता है। साथ ही आपको बता दूं कि इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां मौजूद देवता से लोग एक और न्याय की पुकार करते हैं साथ ही इस मंदिर की मान्यता ना सिर्फ देशभर में है बल्कि विदेशों में भी फैली हुई है। आपको बता दूं कि इस मंदिर के दर्शन करने के लिए और न्याय के देवता की पूजा करने के लिए यहां पर विदेशों से भी लोग आते हैं आइए अब आपको मैं बताती हूं कि यह मंदिर कौन सा है और क्या है इस मंदिर के पीछे छिपा रहस्य ?
यह तो हम सभी जानते हैं कि उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है क्योंकि हमारे देश के उत्तराखंड में ही बहुत से मंदिर स्थित है साथ ही हिमालय की गोद में बसे इस सुंदर स्थान को महर्षि योग की पुण्य भूमि भी कहा जाता है यह तो हम सभी जानते हैं कि उत्तराखंड में बहुत से चमत्कारी मंदिर हैं जिनकी गूंजना सिर्फ भारत में नहीं बल्कि विदेशों में भी फैली हुई है इन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर है गोलू देवता का मंदिर गोलू देवता को पुरानी मान्यताओं के अनुसार न्याय का देवता कहा जाता है
कहा जाता है कि गोलू देवता अपने न्याय के लिए दूर-दूर तक प्रसिद्ध है वैसे तो उत्तराखंड में गोलू देवता के बहुत से मंदिर हैं लेकिन इनमें सबसे प्रसिद्ध और जो आस्था का मेन मंदिर माना जाता है वह अल्मोड़ा जिले में स्थित चितई गोलू देवता का मंदिर है। इस मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ हर समय रहती है और यहाँ बंधी घंटियों से आप यहाँ की लोकप्रियता का अंदाजा लगा सकतइ है इस मंदिर में प्रवेश करते ही आपको यहां अनगिनत संख्या में घंटिया नज़र आएंगी। यहाँ कई टनो में मंदिर के हर कोने कोने में देखने को एक न एक घंटी आपको अवश्य मिलेगी।लोग कहते है की यहाँ प्रसाद के रूप में लोग घंटिया चढ़ाते हैं यहां पर इतनी घंटियां मौजूद है की आप इन्हे गिन भी नहीं सकते हैं।
एक सर्वे में मंदिर के पुजारी ने बताया था कि वह घंटियां गिनने गया तो वह इन्हे गिन ही नहीं पाया।
गोलू देवता को उत्तराखंड में कई नामों से पुकारा जाता है इनमे से इनका एक नाम गौर भैरव भी है। गोलू देवता को भगवान शिव का अवतार माना जाता है और मनोकामना पूरी होने पर मंदिर में घंटिया चढ़ाए जाते हैं कहते है न्याय मांगने के लिए और मन्नत मांगने के लिए लोग चितइ गोलू मंदिर में एक चीठी लिखते है और उन्हें आपस में पेड़ से देते हैं वो भी एक चुनरी की सहायता से। इतना ही नहीं बहुत से लोग तो स्टांप पेपर पर भी लिखकर अपने लिए न्याय मांगनेआते हैं ऐसी मान्यता है कि जिनको कभी न्याय नहीं मिला या न्याय नहीं मिल रहा है या न्याय नहीं मिलता गोलू देवता की शरण में पहुंचते हैं और उसके बाद उनको न्याय मिल जाता है।