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राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद

Janprahar Desk
29 July 2020 7:52 PM GMT
राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद
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राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद अयोध्या विवाद के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव का प्रमुख मुद्दा रहा है और देश की राजनीति को काफी लंबे समय से प्रभावित करता आ रहा है ।भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिंदू परिषद सहित कई संगठनों का दावा है कि हिंदुओं के आराध्य देव राम का जन्म ठीक वही हुआ था

राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद अयोध्या विवाद के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव का प्रमुख मुद्दा रहा है और देश की राजनीति को काफी लंबे समय से प्रभावित करता आ रहा है ।भारतीय जनता पार्टी और विश्व हिंदू परिषद सहित कई संगठनों का दावा है कि हिंदुओं के आराध्य देव राम का जन्म ठीक वही हुआ था , जहां बाबरी मस्जिद थी । उनका दावा है ,कि बाबरी मस्जिद दरअसल एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी । इसी के चलते 6 दिसंबर सन 1992 बाबरी मस्जिद गिरा दी गई और तब से यह मुकदमा चलता चला आ रहा है।  यह मुद्दा क्या है?  इसके लिए लिब्राहन आयोग ने अपनी रिपोर्ट दी थी:-

 सन 1528 में अयोध्या में एक ऐसे स्थल पर मस्जिद का निर्माण किया गया, जहां हिंदू अपने आराध्य देव का जन्म स्थल मानते । यह मस्जिद बाबर ने बनवाई थी इसी कारण इसे बाबरी मस्जिद कहा जाता है ।सन् 1853 में पहली बार इस स्थल के पास सांप्रदायिक दंगे हुए।

सन् 1859 में ब्रिटिश शासकों ने विवादित स्थल पर बाड़ लगा दी और परिसर के भीतर हिस्से में मुसलमानों को और बाहरी हिस्से में हिंदुओं को प्रार्थना की अनुमति दे दी । सन् 1949 मस्जिद के भीतर भगवान राम की मूर्तियां पाई गई । कहा जाता है कि, एक सोची-समझी योजना के तहत मूर्तियां रखी गई थी ।मुसलमानों ने इस पर रोष व्यक्त किया और दोनों पक्षों ने अदालत में मुकदमा दायर कर दिया। सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर सील कर दिया।

 सन 1984 में कुछ हिंदुओं ने विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में भगवान राम के जन्म स्थल को मुक्त कराने और मंदिर निर्माण करवाने हेतु एक समिति का गठन किया बाद में इस अभियान का नेतृत्व भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी ने किया । सन् 1986 में जिला मजिस्ट्रेट ने हिंदुओं को प्रार्थना करने के लिए मस्जिद के दरवाजे पर ताला खोलने का आदेश दिया। मुसलमानों ने इसके विरोध में बाबरी मस्जिद संघर्ष समिति का गठन किया।

सन 1989 में विश्व हिंदू परिषद में राम मंदिर निर्माण के लिए अभियान तेज किया और विवादित स्थल के नजदीक राम मंदिर की नींव रखी। सन् 1990 में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को कुछ नुकसान पहुंचाया, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर नहीं वार्ता के जरिए विवाद सुलझाने का प्रयास किया मगर विफल रहे।

 सन 1992 में विश्व हिंदू परिषद शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया और देश में हिंदू मुसलमान के सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे। जिसमें लगभग दो से ढाई हजार लोग मारे गए।

 सन 2001 में बाबरी मस्जिद के ढांचे पर तनाव फिर से बढ़ गया और विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया। फरवरी 2002 में भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में अपने घोषणा पत्र में राम मंदिर का मुद्दा शामिल करने से मना कर दिया। तो विश्व हिंदू परिषद नहीं 15 मार्च से राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू करने की घोषणा कर दी ।इस घोषणा को सुनने के पश्चात सैकड़ो हिंदू कार्यकर्ता अयोध्या में एकत्र हो गए ।हिंदू कार्यकर्ता रेलगाड़ी में सफर कर रहे थे उस पर हमला हुआ और काफी सारे कार्यकर्ता मारे गए ।13 मार्च सन 2002 देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि ,अयोध्या में यथास्थिति बरकरार रखी जाए और किसी को भी जमीन पर शिला पूजन की अनुमति नहीं मिली ।जिस पर केंद्र सरकार ने भी मुहर लगा दी।

 जनवरी 2003 में रेडियो तरंगों की सहायता से यह पता लगाने का प्रयास किया गया ,क्या विवादित भूमि के नीचे किसी प्राचीन इमारत के अवशेष दबे हैं?  किंतु संतोषजनक परिणाम ना निकला। मार्च 2003 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से विवादित भूमि पर पूजा पाठ की अनुमति का अनुरोध किया किंतु सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। अप्रैल 2003 इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर, हमारे देश के पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने विवादित स्थल की खुदाई शुरू की जून महीने तक खुदाई चलने, के बाद आई रिपोर्ट में कहा गया कि उसमें मंदिर से मिलते जुलते कुछ अवशेष प्राप्त हुए हैं।

6 जुलाई 2005 में इलाहाबाद कोर्ट ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने के दौरान भड़काऊ भाषण देने के मामले में लालकृष्ण आडवाणी को आरोपी घोषित किया गया। और उनके खिलाफ आरोप तय किए गए। 4 अगस्त 2005 में

 फैजाबाद की अदालत नहीं अयोध्या की विवादित परिसर के पास हुए हमले में चार लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 19 मार्च सन 2007 में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चुनावी दौरे में बयान जारी करते हुए कहा ,गांधी-नेहरू परिवार कोई सदस्य उस समय प्रधानमंत्री होता तो बाबरी मस्जिद न गिरी होती ।इस पर उनकी तीखी प्रतिक्रिया हुई और उनकी आलोचना भी हुए। 30 जून 2009 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले की जांच के लिए गठित लिब्रहान आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंप दी।

26 जुलाई 2010 में राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई पूरी हुई और 24 सितंबर को फैसला सुनाने की घोषणा की गई। तब से लेकर अब तक वह जगह विवाद का कारण बनी रहे किंतु अंततः

 हिंदुओं को विजय प्राप्त हुए आज हर्षोल्लास से 5 अगस्त सन 2020 में वह घड़ी आ रही है जब हिंदुओं के आराध्य देव श्री राम के मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया जाएगा। लेकिन आज भी है कहना कठिन है ,कि वास्तव में वहां हमारे आराध्य देव ने जन्म लिया था या मस्जिद थी । किंतु जो भी हो अंततः मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा और लगभग 30 महीनों में मंदिर का निर्माण पूर्ण होगा। यह मंदिर अपने आप में एक भव्य कारीगरी और कुशलता का जीता जागता उदाहरण होगा।

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