

ईद के चांद से ही ईद का जश्न मनाया जाता है।और ऐसा माना जा था है कि 24 तारीख को ये चांद दिखाई देगा जिसे देख 25 मई को मतलब सोमवार को ईद का त्योहार मनाया जाएगा।यह मुस्लिम समुदाय को खास त्योहार होता है।
ईद-उल-फितर का उत्सव पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है।जिसमे अल्लाह की इबादत के लिए रोजा का व्रत रखा जाता है।और ठीक एकदिन बाद होने वाले अज्र मिलने का दिन होता है जिसे इस कहते है।यह त्योहार पूरा चांद से जुड़ा होने के कारण इस दिन चांद की खास अहमियत होती है। ईद की चांद का अनेक गुण होते है।यूं कहे तो चांद की बहुत भूमिका भी है परंतु मुस्लिम समुदाय में ईद की चांद का अनेक महत्व है।
इस दिन के बाद ही उनके अहम दिन कि शुरुवात होती है।ये लोग विशेष पंचांग और विशेष कैलेंडर को फॉलो करते है जिसमे चांद के उपस्थिति तथा उनका अब्लोकान किया जाता है।रमजान के एक महीने बाद ईद का चांद दिखाई देता है।आपको बता दे रमजान की शुरुवात भी चांद देख कर ही की जाती है और इस को खतम भी चांद देख कर किया जाता है।
इसलिए कहा जाता है मुस्लिम समाज के लिए चांद की बहुत बड़ी महत्ता होती है।कहा गया है कि अगर शनिवार ईद का चांद दिखने से रविवार को ईद मनाई जाएगी।और अगर शनिवार चांद का दर्शन नहीं हो तो यह सोमवार को मनाई जाएगी।इसकी समय प्रत्येक जगह पर अलग होती है।