
तनोट माता का मंदिर राजस्थान जैसलमेर के स्थित हिंदुस्तान पाकिस्तान बॉर्डर पर है। इस मंदिर में तनोट राय माता की प्रतिमा स्थापित है।
यहां मान्यता है कि ये बलूचिस्तान में स्थित माता हिंगलाज का ही रूप हैं। तनोट माता भारतीय सीमा सुरक्षा बल की आराध्य देवी हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है की इस मंदिर में जो भी मनोकामना मांगी जाती है वो पूरी होती है।
ये मंदिर भारतीय सीमा पर स्थित सुरक्षा बल के लिए बहुत ही ज्यादा खास है लेकिन ऐसा क्यों है इसे जानने के लिए आपको ये आर्टिकल अंत तक पढ़ना होगा।
क्या है मंदिर का रहस्य :-
कहा जाता है की 1965 में भारत और पाकिस्तान का जो युद्ध हुआ था उसमे पाकिस्तानी सेना की ओर से माता के मंदिर के क्षेत्र में करीब 3000 बम गिराए थे, लेकिन एक भी बम ना तो एक भी बम फटा और नहीं मंदिर को कोई नुकसान हुआ। मंदिर की इमारत तस से मस भी नहीं हुई । आज भी कहा जाता है की तनोट माता के मंदिर के परिसर में अभी भी करीब 450 पाकिस्तानी बम पड़े हुए है जोकि आम लोगों के और वहा पर आने वाले दर्शनार्थियों के देखने के लिए रखे हुए हैं। ये सभी बम वो बम है जो उस समय फटे ही नहीं थे। भारतीय सेना और यहां के लोग इसे देवी मां का ही चमत्कार मानते हैं।
यहां भारत-पाकिस्तान युद्ध की याद में एक विजय स्तंभ का भी निर्माण किया गया है। ये स्तंभ भारतीय सेनिकों की वीरता की याद दिलाता है।देवी मां के मंदिर का रख-रखाव भारतीय सीमा सुरक्षा बल ही करती है। क्योंकि उसका मानना है की इस मंदिर की वजह से ही भारत इतना ज्यादा सुरक्षित है।
यही कारण है की भारतीय सेना के लिए ये मंदिर एक विशेष महत्व रखता है।
आशा करती हु की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपका मन भी एक बार इस मंदिर में जाने को कर रहा होगा। तो यदि आप इस मंदिर में जाना चाहते है तो आपको सबसे पहले राजस्थान के जैसलमेर पहुंचना होगा। यहां पहुंचने के लिए देशभर से आवागमन के लिए कई साधन आसानी से मिल जाते हैं। जैसलमेर से करीब 130 किमी दूर तनोट माता का मंदिर है। मंदिर पहुंचने के लिए आप जैसलमेर से प्राइवेट कार से जा सकते हैं। इसके अलावा राजस्थान रोडवेज की बस भी तनोट जाती है। ये इलाका बहुत ही संवेदनशील है। यहां सीमा सुरक्षा बल आने-जाने वाले श्रद्धालुओं पर कड़ी नजर रखता है। ऐसे में आपको एक बात अवश्य याद रखनी चाहिए की आपके पास आपका परिचय पत्र होना बहुत जरूरी है। इसकी मदद से आप यहां होने वाली जांच में परेशानियों से बच सकते हैं।