धर्म

जानिए भगवान शंकर को क्या है सबसे प्रिय ?

Janprahar Desk
14 July 2020 10:05 PM GMT
जानिए भगवान शंकर को क्या है सबसे प्रिय ?
x

दोस्तों जैसा की हम सब जानते है की सावन का महीना चल रहा है और सावन का महीना भगवान शिव को बहुत ही प्रिय माना जाता है और साथ ही ऐसा भी कहा जाता है की इस महीने में भगवान शिव आपसे जल्द ही प्रसन्न होकर आपकी हर मनोकामना पूरी कर देते है। लेकिन क्या आप जानते है की एक चीज़ ऐसी भी जिससे भगवान शिव आपसे नाराज़ हो सकते है और आपने जो भी पूजा पाठ किया है वो सब व्यर्थ जा सकता है। तो चलिए जानते है उसके बारे में।

भगवान शिव को अगर कोई चीज सबसे ज्यादा पसंद है तो वह है बेलपत्र जी हां कहते हैं बेलपत्र भोलेनाथ जी को अर्पित करने से बहुत से लाभ होते हैं खासतौर पर सावन के मास में तो भगवान शंकर को बेलपत्र  चढ़ाना बेहद शुभ फलदाई माना जाता है बेलपत्र को लेकर एक मान्यता है कि से सोमवार के दिन नहीं तोड़ना चाहिए लेकिन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के अलावा कुछ और भी तिथियां है जिस दिन बेलपत्र तोड़ना वर्जित है। तो आज हम इस आर्टिकल  में आपको बताएं किस दिन बेलपत्र तोड़ना चाहिए और भगवान शंकर को बेलपत्र अर्पित करते समय सावधानियां बरतनी चाहिए तो चलिए जानते हैं।

 सबसे पहले आपको बता दें बेलपत्र ऐसा पात्र है जो हमेशा उपयोग हेतु है ज्योतिष के अनुसार ये कभी बासी नहीं होते और यह कभी भी अशुद्ध  नहीं हो सकते और अगर आप इन्हें एक बार प्रयोग करने के पश्चात दूसरी बार धोकर प्रयोग में लाना चाहते हैं तो ला सकते हैं। इसके अलावा आपको बता दें महादेव को बेलपत्र हमेशा उल्टा अर्पित करना चाहिए यानी पत्ते का चिकना भाग शिवलिंग के ऊपर रहना चाहिए। बेल पात्र में चक्र और वज्र  नहीं होना चाहिए ध्यान रखें बेल पत्थर 3 से लेकर 11 दलो तक के होते हैं यह जितने अधिक पत्र के हो उतने ही उत्तम माने जाते हैं 3 से कम दल वाला बेलपत्र पूजन के योग्य नहीं होता। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस दिन बेलपत्र चढ़ाना हो साधक को उससे   1 दिन पूर्व ही तो लेना चाहिए क्योंकि सोमवार के दिन ज्यादातर लोग शिवालय जाते हैं और बेलपत्र शिवजी को अर्पित करते हैं ऐसे में सोमवार के दिन बेलपत्र तोड़ना निषिद्ध माना गया है। इसके अलावा धार्मिक शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी अष्टमी नवमी चतुर्दशी अमावस्या संक्रांति के दिन बेलपत्र तोड़ना वर्जित है अगर आप इस दिन बेलपत्र तोड़ते हैं तो आपको और पाप लग सकता है और भगवान शिव आपसे नाराज़ भी हो सकते है और आपकी पूजा और साधना का महत्व खत्म हो जायेगा। वह लिंग पुराण के अनुसार शेवया देवताओं को बेलपत्र प्रिय होने के कारण इसे समर्पित करने के लिए किसी भी दिन या काल जाने की आवश्यकता नहीं है

Next Story