
January festival: जनवरी के महीने में मनाए जाएंगे ये महत्वपूर्ण त्योहार, किस तारीख को मनाए जाएंगे त्योहार?

January Festival: These important festivals will be celebrated in the month of January, on which date will the festivals be celebrated?
January festival: नया साल शुरू हो गया है। साल के पहले महीने यानी जनवरी में कई त्योहार मनाए जाने वाले हैं। मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल, षटतिला एकादशी, शनि अमावस्या, वसंत पंचमी आदि व्रत व पर्व होंगे। इस महीने में पवित्र नदी में स्नान और दान देने का विशेष महत्व बताया गया है। १४ जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर खरमास समाप्त हो जाएगा। सूर्यदेव उत्तरायण की और जाएंगे। इसके बाद विवाह, वास्तु आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस माह में प्रदोष, पौषी पूर्णिमा, तिल चतुर्थी, तिल प्रदोष, शिव चतुर्दशी व्रत, मौनी अमावस्या, तिल कुंड चतुर्थी, शीतला पाष्टी, माता नर्मदा प्रतिमावत्स्व मनाया जाएगा। आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण त्योहारों के बारे में......
१) पौष पूर्णिमा: पौष पूर्णिमा ६ जनवरी को मनाई जाएगी। पौष पूर्णिमा के दौरान भगवान विष्णु स्वयं गंगा के जल में निवास करते हैं। इसलिए इस स्नान पर्व में गंगा स्नान और आचमन विशेष फलदायी माने गए हैं। इसके साथ ही पौष पूर्णिमा के दिन ग्रहों की विशेष स्थिति, चंद्रमा द्वारा अमृत बरसाना आदि स्नान करने वालों को निरोगी काया के साथ-साथ अनेक पुण्य फल प्रदान करते हैं।
२) मकर संक्रांति: सूर्य १४ जनवरी को दोपहर ३ बजकर १० मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अगला दिन यानी १५वां रविवार शुभ माना जाएगा। भारतीय पंचाँग द्वारा कहा,कि संक्रांति पर कर्म योग भी बन रहा है, जो विशेष रूप से शुभ और फलदायी है। इस दिन संक्रांति पूजा और स्नान-दान किया जाएगा। इस बार संक्रांत वराह के वाहन पर सवार होकर आ रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार व्यापारी वर्ग के लिए यह शुभ रहेगा। इस दिन सूर्य देव उत्तरायण की और जायेंगे रहेंगे।
३) मौनी अमावस्या: माघ मास में कृष्ण पक्ष की मौनी अमावस्या पर पवित्र जल स्नान का विशेष महत्व है। इस बार यह अमावस्या २१ जनवरी शनिवार को है,इसलिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो मनुष्य इस दिन मौनव्रत का व्रत करता है, उसे साधु का पद प्राप्त होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के साथ दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है।
४) वसंत पंचमी: माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी बसंत पंचमी से ऋतु परिवर्तन की शुरुआत हो जाती है। ज्ञान की देवी माता सरस्वती की जयंती २६ जनवरी को मनाई जाती है, इसलिए माता सरस्वती की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव की भक्ति लिखी जाती है। बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और दिन के मध्य में की जाती है।