SC के आदेश के बाद सिर्फ पुरी में निकाली जाएगी जगन्नाथ की रथयात्रा, जानिए क्यों निकलती है यात्रा

हर साल की तरह इस साल भी जगन्नाथ यात्रा 12 जुलाई को ही निकाली जाएगी। लेकिन इस साल की यात्रा धूमधाम से नहीं होगी, बल्कि यह यात्रा सिर्फ पूरी के ही सीमित दायरे में निकाली जाएगी। नए डेल्टा प्लस वैरिएंट के प्रकोप को देखते हुए ऐसा इस बार किया गया है।
इससे पहले राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देते है सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। याचिका में बारीपदा, सासांग और ओडिशा के अन्य शहरों में जगन्नाथ यात्रा को निकालने के लिए अनुमति मांगी गई थी। वहीं, राज्य सरकार में यात्रा को पूरी से बाहर अन्य शहरों में निकालने पर पाबंदी लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करते हुए राज्य के फैसले का सम्मान करते हुए पूरे ओडिशा राज्य में रथ यात्रा को निकालने पर पाबंदी लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार यह रथ यात्रा केवल पुरी में निकाली जायेगी। शीर्ष अदालत ने साथ ही यह भी हिदायत दी है कि यात्रा के साथ कोरोना के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। यात्रा में शामिल होने वाली सभी लोग मास्क जरूर लगाएं।
यह भी पढ़ें: भारत के इन 5 मंदिरों में पुरुषों की नहीं है एंट्री, जानिए इनसे जुड़ी मान्यताओं के बारे में
क्यों निकाली जाती है जगन्नाथ यात्रा?
जगन्नाथ रथ यात्रा हर साल आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आरम्भ होती है और 8 दिनों बाद इस यात्रा की समाप्ति होती है।
कथाओ के अनुसार एक बार श्रीकृष्ण और बलराम की बहन सुभद्रा अपने मायके लौटती है तो अपने भाइयों से नगर भ्रमण की जताती हैं, तब कृष्ण, बलराम और सुभद्रा रथ यात्रा करके नगर भ्रमण करते है। तभी से इस रथ यात्रा का प्रारंभ माना गया है।
यात्रा के दौरान तीन अलग-अलग रथों पर श्री जगन्नाथजी, बलभद्रजी और सुभद्राजी को विराजित किया जाता है। यह यात्रा पूरी से शुरू होकर तीन किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर तक जाती है। गुंडिचा मंदिर में आठ दिनों तक रहकर यह यात्रा वापस पूरी आकर समाप्त हो जाती है।
अन्य खबरें
-
जो नियम तोड़ता है वह यम को प्राप्त करता है; जानिए यम-नियमों का महत्व!
-
Dreaming of God? सपने में भगवान को देखने का क्या मतलब है? Meaning of seeing God in dreams in Hindi
-
भगवान परशुराम के बारे में कुछ दिलचस्प बातें
-
जीवन में सफल होने के लिए रखें इन बातों का ध्यान। चाणक्य नीति इन हिंदी
-
ब्रम्हा, विष्णु, महेश की उत्पत्ति कैसे हुई? आइए जानते हैं