धर्म
राम नवमी के बारे में रोचक तथ्य जो आप कभी नहीं जानते होंगे।
Janprahar Desk
1 April 2020 1:02 PM GMT

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राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की भी पूजा की जाती है. विष्णुधर्मात्तर पुराण के अनुसार राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था. एक दूसरी मान्यता के अनुसार भगवान राम को इसी दिन मां दुर्गा से विजयी वरदान प्राप्त हुआ था, जिसके बाद उन्होंने रावण का संहार किया था.
राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम और माता सीता की भी पूजा की जाती है. विष्णुधर्मात्तर पुराण के अनुसार राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था. एक दूसरी मान्यता के अनुसार भगवान राम को इसी दिन मां दुर्गा से विजयी वरदान प्राप्त हुआ था, जिसके बाद उन्होंने रावण का संहार किया था.
इस दिन कलश पूजन करने से और ब्राह्मणों को भोजन कराने से मन वांछित वर प्राप्त होता है. राम नवमी के शुभ अवसर पर जानें श्रीराम से जुड़ी कुछ अनसुनी और रोचक बातें.
- भगवान राम और माता सीता के विवाह की कहानी आपने खूब सुनी होगी. प्रचलित कहानियों के अनुसार आपने सुना होगा कि माता सीता के पिता जनक ने सीता विवाह के लिए स्वयंवर रखा था. लेकिन रामायण में ऐसा नहीं लिखा गया है. रामायण में यह बात कही गई है कि ऋषि विश्वामित्र अपने दोनों शिष्यों श्रीराम और लक्ष्मण के साथ राजा जनक के पास सिर्फ शिव जी का धनुष देखने गए थे. इसी दौरान श्रीराम ने जब उस धनुष को उठा कर उस पर प्रत्यंचा चढ़ाने की कोशिश की तब वह बीच से टूट गया. राजा जनक ने यह प्रतिज्ञा ली थी कि जो भी
शिव जी का धनुष उठाएगा उससे अपनी पुत्री का विवाह करा देंगे. इसी वजह से भगवान राम और सीता माता का विवाह हुआ. भगवान शिव के उस धनुष का नाम पिनाक था. - यह बात बहुत कम लोग जानतें है कि सीता माता रावण की बेटी थी. राजा जनक को वह धरती से प्राप्त हुई थीं. रावण ने अपनी मुक्ति के लिए अपनी ही बेटी का हरण किया था और विष्णु के अवतार श्रीराम के हाथों अपना उद्धार कराया.
- रावण से युद्ध करने के लिए देवराज इंद्र ने भगवान राम को अपना दिव्य रथ दिया था, जिस पर चढ़ कर राम ने रावण का वध किया था.
- भगवान राम की मां महारानी कौशल्या के बारे में तो आप जानते होंगे. लेकिन क्या आपको पता है कि रावण ने महारानी कौशल्या का भी एक बार हरण किया था. रामायण का संस्कृत रूपांतरण आनंद रामायण रावण द्वारा कौशल्या के अपहरण की बात लिखी गई है.
- भगवान राम विष्णु के अवतार थे, यह तो आप जानते हैं. लेकिन उनके भाई किसके अवतार थे, क्या यह जानते हैं आप. दरअसल लक्ष्मण को शेषनाग का अवतार माना जाता है. वहीं भरत और शत्रुघ्न को विष्णु का सुदर्शन चक्र और शंख-शैल का अवतार माना जाता है.
- कहानियों में आपने लक्ष्मण रेखा के बारे में सुना होगा, जिसे पार करने के बाद ही सीता का हरण हुआ था. लेकिन इस प्रकरण के संबंध में अज्ञात तथ्य यह है कि इस कहानी का वर्णन वाल्मीकि रामायण में कहीं नहीं मिलता और ना ही रामचरितमानस में इसका उल्लेख है.
- रामायण में इस बात का जिक्र है कि भगवान राम को ना चाहते हुए भी अपने प्राण से प्यारे भाई लक्ष्मण को मृत्युदंड देना पड़ा था. इसके बाद लक्ष्मण ने जल समाधि ले ली थी.
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