बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार कल, इसके बारे में जाने पूरी जानकारी।

आम की मंजर से खेतों में सरसो की हरियाली तक का आना वसंत के आने का एहसास दिलाता है,ऐसे कल वसंत पंचमी,ऋषि पंचमी,सरस्वती पूजा का त्योहार है इसको न जाने किस किस नामे से संज्ञा दी जाती है। जैसा की हम सब जानते हैं की भारत त्योहारों और मौसमों के संदर्भ में बहुत समृद्ध है। इन्हीं मौसमों और त्योहारों में बसंत पंचमी एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो यह दर्शाता है की अब सर्दियों के दिन गए और बसंत का सुहाना मौसम पधार चुका है। पूरा भारत मानो सरसों के समान पीले वस्त्र पहन लेता है। बसंत पंचमी के संदर्भ में बहुत सी मान्यताएँ हैं उनमे से एक है
कुछ लोग मानते है की इसी दिन भगवान ने मनुष्यों को बनाया था और मनुष्यों के स्वागत के लिए उन्होने धरती को मानो नयी दुल्हन की तरह सजा दिया था। और कुछ तो ऐसा मानते हैं की परमावतार श्री कृष्ण को तो पता था की कलयुग किस प्रकार का होने वाला है तो इस युग में ज्ञान से ज़्यादा और किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं पड़ेगी तो उन्होने माँ सरस्वती को उत्पन्न करके उन्हें ये वरदान दिया था की कलयुग जैसे युग में भी उनकी पूजा होगी इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा भी मनाई जाती है। यह दिन विद्यार्थियों के लिए बेहद खास होता है।
सरस्वती पूजा के दिन विद्यार्थी सुबह उठकर माँ सरस्वती की आराधना करते हैं और उनसे विद्या का दान मांगते हैं। बसंत पंचमी के दिन पील वस्त्र भी पहनते हैं।
इन बातों का ध्यान रखते हुए बसंत पंचमी को खूब हर्षोल्लास से मनाए
आप सभी को शुभ बसंत पंचमी।
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