

हमारे देश में हर भगवान को लेकर कई मान्यताएं हैं। अलग-अलग दिनों पर अलग-अलग भगवानों को पूजा की जाती हैं। इसी तरह शनि देव की पूजा अर्चना शनिवार को की जाती हैं।
शनि देव को न्याय का देवता माना जाता हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि शनि देव शुभ और अशुभ दोनों फल देते हैं। जब शनि मजबूत होता है, तो यह जातक को अच्छे परिणाम देता है और अशुभ और पीड़ित होने पर शनि बुरे परिणाम देता है। लेकिन इस बात का पता करने का अलग तरीका है।
अगर आप घर बनवा रहे हैं और उसमें बार-बार रुकावटें आ रही हैं, तो समझ लें कि यह शनि की अशुभता के कारण है। इसके अलावा अगर जैसे आपकी शादी के बाद ही आपके ससुराल पक्ष या आपकी खुद की वित्तीय स्थिति कमजोर होने लगती है, तो शनि आपके पक्ष में नहीं है। छात्रों के लिए पढ़ाई में मन नहीं लगना और नंबर अच्छे नहीं आना भी शनि के वक्र की चेतावनी देती हैं।
हमें हमेशा अपने मन से बुराई को निकाल देने की जरूरत है। लेकिन फिर भी अगर आपका मन बुराई, कुसंगति, नशा और धन और शरीर के नुकसान की ओर बढ़ने लगता है, तो समझ लें कि शनि के अशुभ फल के कारण सब कुछ हो रहा है। इसके अलावा कुछ अन्य कारणो में स्वास्थ बिगड़ना, व्यापार में नुकसान होना, साथी से संबंध टूट जाना भी शनि के प्रकोप के संकेत हो सकते हैं। उनके प्रकोप से बचने के लिए जल्द नियम पूर्वक शनि देव की पूजा करें और साथ ही अपने कर्मों को अच्छी दिशा में ले जाएं।
