धर्म

क्या एक ही होते है हवन और यज्ञ ?

Janprahar Desk
19 July 2020 8:29 PM GMT
क्या एक ही होते है हवन और यज्ञ ?
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यूं तो हिंदू धर्म की कई मान्यताएं प्रचलित है कुछ पूजा आदि को लेकर तो कुछ परंपराओं को लेकर जो परंपराएं साल से चली आ रही है लेकिन आज भी ऐसी कुछ बातें हैं जिनके बारे में लोगों को अच्छे से जानकारी नहीं है।

आज हम आपके सामने एक ऐसा ही विषय लेकर आए हैं जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते होंगे हम बात कर रहे हैं हिंदू धर्म में होने वाले यज्ञ और हवन की हिंदू धर्म में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें इस के बीच का अंतर नहीं पता है बल्कि बहुत से ऐसे लोग हैं जो यज्ञ और हवन को एक ही मानते हैं मगर आज हम आपको बताएंगे असल में हिंदू धर्म में होने वाले यज्ञ और हवन अलग-अलग हैं या विस्तार से जानें यज्ञ और हवन के बीच का अंतर।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार हवन यज्ञ का रूप है अग्नि में दी जाने वाली आहुति को

हवन कहा जाता है वहीं अगर किसी खास उद्देश्य से देवताओं को दी गई आहुति को यज्ञ कहा जाता है यज्ञ में देवता आहुति देव मंत्र रितिक और दक्षिणा काम का होना बहुत जरूरी होता है। जबकि हवन कुंड में अग्नि के माध्यम से देवताओं को अवि यानी भोजन पहुंचाने की प्रक्रिया बहुत जरूरी मानी जाती है।

तो वही हिंदू धर्म की मानें तो हवन शुद्धीकरण का एक कर्मकांड मना किया है जबकि यज्ञ  किसी ख़ास लक्ष्य जैसे की मनोकामना पूर्ति और किसी बहुत बड़े अनिष्ट को टालने  के लिए किया जाता है।  माना जाता है कि हवन के द्वारा आसपास की बुरी आत्माओं के प्रभाव को खत्म किया जाता है। वही यज्ञ काफी बड़े पैमाने पर कुछ विशेष उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

हवन हिंदू धर्म में शुद्धिकरण का एक कर्मकांड है कुंड में अग्नि के माध्यम से देवता के निकट अवि पहुंचाने की प्रक्रिया को हवन कहते हैं हिन्दू धर्म के इतिहास की ओर नजर डालें तो मनोकामना की पूर्ति और अनिष्ट को टालने के लिए यज्ञ कराये जाने के  कई प्रसंग मिलते हैं यहां तक कि रामायण और महाभारत में भी यज्ञ और हवन का उल्लेख काफी बार किया गया है।

 यज्ञ और हवन करवाने की ये परंपरा आज भी जारी है इसे आज भी उतना ही शुभ फलदाई माना जाता है जितना कि पहले था आपको बता दें कि यज्ञ में औषधि वाले पेड़ जिसे आम की लकड़ी जो तिल गाय के दूध से बनी थी और करीब 55 तरह की अलग-अलग औषधि व लकड़ियों से हवन की परंपरा है यह औषधियां वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण करती है साथ ही कई तरह की बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया को भी खत्म कर दी हैं प्रकृति के लिए भी यह काफी सहायक है प्रकृति को संतुलित करते हैं वातावरण को दूषित होने से बचाते हैं।

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