धर्म

अमरनाथ से जुड़ा एक ऐसा रहस्य जिसे जानकर आप रहे जाओगे हैरान।

Janprahar Desk
11 July 2020 9:22 PM GMT
अमरनाथ से जुड़ा एक ऐसा रहस्य जिसे जानकर आप रहे जाओगे हैरान।
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अमरनाथ जिसे हिंदुओं का एक प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है आज हम आपको इस आर्टिकल में अमरनाथ गुफा में स्थित हिम शिवलिंग से जुड़ी कुछ रहस्यमई बातें बताने वाले हैं। उन को समझाने से पहले आपको बता दें कि अमरनाथ यात्रा आषाण पूर्णिमा से शुरू होती है और रक्षाबंधन तक चलती है।

इसी के साथ बताते चलें कि कश्मीर की सुंदर वादियों में स्थित यह गुफा समुद्र तल से करीब 13600 फुट की ऊंचाई पर स्थित है इस गुफा की लंबाई 19 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर है तो वहीं इसकी ऊंचाई 11 मीटर है लेकिन बर्फानी बाबा की गुफा तक पहुंचते-पहुंचते श्रद्धालुओं के मन में एक सवाल तो जरूर आता होगा आपके मन में भी आता ही होगा आखिर उस गुफा की खोज किसने की थी ?

पहले कौन पहुंचा होगा या फिर इस पवित्र गुफा में भगवान शिव के दर्शन सबसे पहले किसने किया होंगे ?

दोस्तों इन सभी प्रश्नों का उत्तर हम आपको अपने इस आर्टिकल में देंगे तो आपको बताते हैं अमरनाथ गुफा की खोज किसने की थी ?

पुराणों और लोक मान्यताओं के अनुसार इस गुफा की खोज फूटा मालिक नामक एक कश्मीरी मुसलमान ने की थी ये बात लगभग  500 साल पुरानी है।

मान्यताओं के अनुसार मलिक एक गवैया था भेड़े चलकर अपनी दिनचर्या चलता था। उस दिन बाकी के दिनों की तरह वह पहाड़ों में अपने भेड़े चरा रहा था अचानक मौसम खराब होने की वजह से बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए वो कुछ जगह ढूंढने लगा पहाड़ों से होते होते वो एक चट्टान के नीचे रुक गया और वहीं उसे एक साधु मिला जिसने उसे एक कोयले की बोरी दी  बारिश बंद होने के बाद वो बोरी लेकर अपने घर चला गया। जब वह घर पहुंचा तो उसने कोयले की बोरी खोली और उसने देखा की बोरी में कोयले की जगह सोने के सिक्के थे वो ये देखकर हैरान रहे गया और दुबारा भागता हुआ उसी स्थान पर गया जहां उसे वह साधु मिला था और उस साधु को ढूंढने लगा उसने चारों तरफ देखा लेकिन वहां कोई भी नहीं था। उन्हें ढूंढते ढूंढ़ते वह पास की एक गुफा में चला गया।

वहां जो हुआ उसे देखकर वह हैरतअंगेज था वहां कोई साधु तो नहीं था  लेकिन स्वयं भोलेनाथ बर्फ से निर्मित एक शिवलिंग के रूप में विराजमान थे।  उसे एहसास हुआ कि वह साधु स्वयं भगवान शंकर है। उसने यह बात गांव के सभी लोगों को बताई तब से लेकर आज तक हर साल लाखों भक्त अमरनाथ गुफा के दर्शन करने आते हैं।

दोस्तों यह कहानी आपको सुनने में थोड़ी अजीब तो लगी होगी की हिंदू धार्मिक स्थल होने के बावजूद इस गुफा की खोज एक मुसलमान ने की है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें अमरनाथ श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट में भी इस बात का जिक्र है कि अमरनाथ गुफा की खोज 1850 फूटा मलिक नामक एक कश्मीरी मुसलमान ने की थी।

यात्रा शुरू होने के बाद मलिक के परिवार वाले वहां की देखभाल करते थे 1850 से लेकर 2000 तक फूटा  मलिक के वंशज ही यहां की सेवा किया करते थे लेकिन बाद में साल 2000 को एक बिल जारी हुआ और उसके परिवार को वहां से बाहर निकाल दिया गया। इससे पहले चढ़ावे का एक चौथाई हिस्सा भी मलिक की परिवारों को मिलता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। साइन बोर्ड के गठन के बाद मलिक के वंशज को हिस्सा देना बंद कर दिया गया। तब से लेकर आज तक हर साल बर्फानी बाबा के दर्शन के लिए लाखों की भीड़ इकट्ठी होती है।

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