भारत की संसद कब तक खुलेगी? पूर्व जस्टिस एपी शाह का संसद बन्द पे सवाल

पूर्व न्यायधीश एपी शाह ने संसद की कार्यवाही रुकी होने के कारण ,सरकार के ऊपर सवाल उठाए ,उन्होने कहा कि महामारी के प्रभाव से संसद अभी तक चालू नही हुई,ऐसे मे सरकार के कामकाज का ठीक ढंग से पता नही चल पा रहा ?इस मामले मे सरकार को मनमाने ढंग से छूट मिल गई है।
सरकार के खिलाफ बोलने वाली अब कोई संस्था नही बची ,ये सवाल उन्होने 16 अगस्त से चल रही छह दिवसीय जनता संसद मे उठाया । उन्होने कहा कि महामारी के कारण बजट सत्र के समय सीमा को घटा दिया गया है,वहीं संसद के मानसून सत्र को 15 जुलाई से शुरु हो जाना चाहिये था लेकिन ऐसा नही हुआ। उन्होने कहा की इस कार्यक्रम के आयोजकों ने इस वर्चुअल जनता संसद का आयोजन इसलिए किया है ,क्युंकि देश की संसद तो चल नही रही ऐसे मे सरकार से जवाब मांगना कठिन हो गया है ।
इस जनता संसद के उदघाटन समारोह के लिए कई दिग्गज लोग पहुचे ,जिसमे जस्टिस एपी शाह,सामजिक कार्यकर्ता सैयद हमीद,सोनी सोरी और गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी शामिल हुए । इस मौके पर पूर्व न्यायधीश ने सवाल किया कि जनवरी मे संसद का पहला बजट सत्र चला था,उसके बाद महामारी के प्रभाव को देखते हुए संसद की गतिविधियों को अनिश्चित समय के लिए विराम लगा दिया गया ,लेकिन इसी संकट मे विश्व के बाकी देशों ने अपने संसद का कामकाज नही रोका ,उदाहरण के लिए हम ब्रिटेन और कनाडा की संसदों को देख सकते है जिन्होने अपने कामकाज के तरीके मे बदलाव कर संसद के काम को चालू रखा।,
यहाँ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके संसद सत्र को चलाया जा रहा है,कुछ देशों मे तो कार्यवाही के लिए इंटरनेट से वोटिंग की जा रही है। स्पेन जहां महामारी का असर सबसे ज्यादा रहा है वहाँ भी संसद की कार्यवाही चल रही है । वहीं फ्रांस,इटली,और चिली मे भी संसद का काम सुचारु रुप से चल रहा है । वहीं मालदीव मे तो सॉफ्टवेयर की मदद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर संसद चलाई जा रही है,वहां के स्पीकर ने कहा है कि संसद अपने लोगो का प्रतिनिधित्व करना नही रोक सकती एक महामारी के डर से ।पूर्व न्यायधीश ने इन्ही सब बातों का जिक्र करते हुए कहा की यहां के सांसदो मे वो प्रतिबद्धता दिखलाई नही पड़ रही ,मार्च से ही यहां संसद बन्द पड़ी हुई है। ऐसा नही है की यहां इंटरनेट की सुविधा नही है और संसद ना चल सके। ऐसे मे संसद बन्द करके लोकतंत्र की हत्या होगी,इसका गला घोटा जा रहा है ।