
पहलेही पार्टी की अंदरुनी मतभेद की लडाई छुपाने की कसरत करनेवाली इस ठाकरे सरकार के सामने कोरोना का चॅलेंज तो है ही, लेकिन राज्य के लोगो की समस्याओ का सामना करना मुश्किल दिखाई दे रहा है।
रोज नयी समस्या लेकर कोई ना कोई संघटन सरकार के सामने मुसीबत खडी कर रहा है। इन दिनो मराठा आरक्षण का प्रश्न सरकार के लिये सरदर्द तो है ही अब कोरोना से लड रहे डॉक्टर, नर्स, भी अपनी मांगे लेकर ठाकरे सरकार के खिलाफ रास्ते पर उतर रहे। जेजे हॉस्पिटल,ससून हॉस्पिटल के असोसिएत प्रोफेसर आंदोलनं में आज शामिल हुए है।
सरकार ने जो स्कुलो में 50 प्रतिशत हाजिरी का निर्णय लिया उसके विरोध में शिक्षक और शिक्षकेतर संघटन आक्रमक हो गया है।मंडप डेकोरेटर्स संघटन ने भी अपनी मांगे सरकार के सामने रखी है जबकी कोचिंग क्लासवाले भी ठाकरे सरकार से खफा है।
कर्मचारी वेतन के लिये परिवहन मंत्रालय ने जो कर्जा लेने का प्रस्ताव रखा उसके खिलाफ एसटी के इंटक संघटन ने विरोध जताया है।ठाकरे सरकार के सामने की ये मुष्कीले आनेवाले दिनो में बढ सकती है।देखना ये है की इसका सामना ठाकरे सरकार कैसे करती है और अंदरुनी मतभेद कैसे मिटाती है?