

आज की दिन हमारे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की मृत्यु हुई थी।उनके अनुसार बच्चों और युवाओं का अलग जगह था।इन्होंने कई छात्रों को प्रोत्साहित किया जो आगे चलकर कई दिशा में आगे बढ़े। जिनमे इन्होंने ना सिर्फ राजनीति को दिशा दिया अपितु उन्होंने हिंदुस्तान के युवा शक्ति का प्रतिनिधित्व किया। आपको बता दे की नेहरु काशी यात्रा के दौरान हमेशा बी एच यू में आकर भाषण देते थे और ना सिर्फ ये बल्कि वे इसी दुरण सभी जगह जाकर छात्रों से भी भेंट करते थे।वे आधुनिक तकनीक पर और देश सेवा के विचार को व्यक्त करते थे।
आज की दिन हमारे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जी की मृत्यु हुई थी।उनके अनुसार बच्चों और युवाओं का अलग जगह था।इन्होंने कई छात्रों को प्रोत्साहित किया जो आगे चलकर कई दिशा में आगे बढ़े।जिनमे इन्होंने ना सिर्फ राजनीति को दिशा दिया अपितु उन्होंने हिंदुस्तान के युवा शक्ति का प्रतिनिधित्व किया।नेहरु को प्रेरणा देने वाले महामना मदन मोहन मालवीय को युवाओं के बीच उनकी ख्याति समझ आती थी।इसलिए वे हमेशा नेहरु जी को कैंपस में आमंत्रण भी देते थे।और वे हमेशा यह जगह आते रहते थे यही नहीं मालवीय जी के बाद भी वे समय समय पर आए।
वे हमेशा दिइक्षांत समारोह तथा छात्र आंदोलन में भी आए।बीएचयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष मोहन प्रकाश ने बताया कि एक बार नेहरू बीएचयू आये और आकर छात्रसंघ के सदस्यों की कार्यवाही को देखा। उस दौर में भारतीय संसदीय व्यवस्था के जैसी कार्यप्रणाली छात्रसंघ की भी थी। छात्र संसद प्रधानमंत्री नेहरू जी को कहते है कि वो यहां का प्रधानमंत्री है। और शत फीसद साक्षर लोगों का नेतृत्व करता हूं।और आप भारत के प्रधानमंत्री हैं जो कि 70 फीसद निरक्षर जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। महामना के इस शिष्य का काम देख और सुन नेहरू ने जी भर तालियां बजाईं थी और बहुत ज्यादा प्रभावित भी हुए थे।
