Lockdown की वजह से बढ़ी recovery दर, पहुंची 41 प्रतिशत पर: स्वास्थ मंत्रालय का बयान

स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने आखिरकार मंगलवार देर शाम को एक मीडिया बैठक बुलाई और देश में हो रही कोरोना सम्बंधित जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि देश में मरीज़ों के स्वस्थ होने का दर रोज़ाना बेहतर होता जा रहा है और इस वक्त ये 41 प्रतिशत पर पहुँच चुका है।
स्वास्थ सचिव लव अग्रवाल ने बैठक में बताया कि 25 मार्च को देश का recovery दर 7.10 प्रतिशत पर था। उसी वक्त देश व्यापी lockdown लागू किया गया। आज जब lockdown का चौथा चरण चल रहा है, ऐसे में recovery दर 41.61 प्रतिशत तक पहुँच चुकी है।
सभी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 60490 से ज़्यादा लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। पहले lockdown के वक्त जो विकास दर 7.10 % थी, वही बढ़कर दूसरे चरण में 11.42% तक पहुंची। तीसरा चरण लागू होते होते ये दर 26.59 % तक पहुँच चुकी थी और इस वक्त 41.61% पर विद्यमान है। उन्होंने मृत्यु दर पर भी बयान देते हुए कहा कि वो निरंतर घट रहा है और हमारे देश में मृत्यु दर 2.87% है जो अंतर्राष्ट्रीय औसत जो 6.45% के मुकाबले बहुत अच्छा है। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि 13 अप्रैल को ये दर बढ़ के 3.3 तक पहुँच गयी थी परन्तु अब वापस 2.87% पर है।
लव अग्रवाल ने मृत्यु दर पर हुए अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि हमारे देश में प्रत्येक 1 लाख लोगों में 0.3 मौत हो रही है। ये औसत फिरसे अंतर्राष्ट्रीय औसत जो हर 1 लाख लोगों पर 4.4 मृत्युओं से काफी बेहतर है। सचिव ने कहा कि मृत्यु दर कि देश के आंकड़ों के हिसाब से कमी और आबादी के दर से कमी ये दर्शाती है कि मामलों को समय पर जाँच लिया जा रहा है और उनकी चिकित्सा उचित रूप से हो रही है।
डॉ बलराम भार्गव ने इस बात की सहमति में कहा कि भारत में परिक्षण को काफी बढ़ा दिया गया है इस वक्त भारत हर रोज़ लगभग 1.1 लाख से ज़्यादा samples का परिक्षण कर रहा है। ये बढ़त, ज़्यादा लैब्स के अनुबंधित होने से, सफल उपकरणों के उपयोग से और चिकित्सा कर्मियों के अथक प्रयासों की वजह से निश्चित हो सका है।