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UP Assembly Elections : उत्तर प्रदेश की राजनीति में कुर्मी मतदाताओं की अहम भूमिका, जानिए क्यों...

Nairitya Srivastva
27 Aug 2021 9:41 AM GMT
UP Assembly Elections : उत्तर प्रदेश की राजनीति में कुर्मी मतदाताओं की अहम भूमिका, जानिए क्यों...
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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है. विभिन्न जातियों को लुभाने के लिए कई दल सम्मेलन कर रहे हैं, तो कुछ पार्टियां यात्राएं निकाल रही हैं. इसी कड़ी में प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने बहुतसंख्यक पिछड़े मतदाताओं को साधने के लिए सात चरणों में 'किसान, नौजवान पटेल यात्रा' निकालने का निर्णय किया है.

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, जो खुद पिछड़े वर्ग से आते हैं, के नेतृत्व में यह यात्रा निकाली जाएगी. प्रदेश के लगभग 45 फीसद पिछड़ी जातियों के मतदाताओं में दस फीसद यादव हैं और ऐसा माना जाता है कि यादव बिरादरी का वोट काफी हद तक समाजवादी पार्टी को ही जाता है. यदि शेष लगभग पैंतीस फीसद ओबीसी वोटों में सेंध लगाने में समाजवादी पार्टी कामयाब हुई, तो उसके लिए निर्णायक स्थिति होगी.

अब कुर्मी मतदाताओं पर है नजर...

समाजवादी पार्टी के वर्चस्व वाले दस फीसद यादव मतदाताओं को छोड़कर शेष लगभग 35 फीसद मतदाताओं पर सभी दलों की नजर है. इन जातियों को लुभाने के लिए हर पार्टी एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. समाजवादी पार्टी में पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे बेनी प्रसाद वर्मा के निधन के बाद पार्टी में कोई बड़ा कुर्मी नेता नहीं रहा है. यही कारण है पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष बनाकर नरेश उत्तम पटेल पर दांव लगाया है. पार्टी को उम्मीद है कि वह कुर्मियों का भाजपा में जाने वाला वोट सपा की ओर लाने में कामयाब होंगे. गौरतलब है कि ओबीसी में यादवों के बाद सबसे बड़ी तादाद कुर्मी अथवा पटेल वोटरों की है. कुर्मियों में गंगवार, सचान, ननिरंजन, कटियार आदि भी शामिल हैं. यह 35 फीसद मतदाता ही अपनी सही भूमिका अदा करता है.

बता दें कि अपना दल अध्यक्ष रहे सोनेलाल पटेल इस बिरादरी के बड़े और सर्वमान्य नेता थे. अब अपना दल एस की मुखिया और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल इसकी नेता हैं और उनकी अपनी बिरादरी में अच्छी पकड़ मानी जाती है. अनुप्रिया की छोटी बहन पल्लवी पटेल ने भी अपना दल के नाम से अपनी पार्टी बनाई थी. हालांकि उन्हें उल्लेखनीय सफलता नहीं मिल सकी. अनुप्रिया पटेल के अपना दल एस का प्रभाव प्रयागराज मंडल के आसपास के जिलों में ही ज्यादा देखा गया है.

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