
PM Modi: आम जनता के हजारों करोड़ रुपये, संकट में डालने का पाप नरेंद्र मोदी का..?

PM Modi: Narendra Modi's sin of putting thousands of crores of rupees in crisis for the common people.
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदानी के बीच की नजदीकियों को पूरी दुनिया जानती है। मोदी ने बिना सोचे-समझे अपने उद्योगपति मित्र की विभिन्न कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक, एलआईसी सहित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में आम लोगों का पैसा लगाया है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने मांग की है,कि इस हेराफेरी की पूरी जांच स्वतंत्र एसआईटी से कराई जाए क्योंकि अदानी कंपनी पर की गई मेहरबानी से करोड़ों रुपये डूबने का डर है।
इस संबंध में बोलते हुए नाना पटोले ने कहा,कि केंद्र में सत्ता आने से पहले उद्योगपति गौतम अदानी और नरेंद्र मोदी के बीच संबंध सामन्य रहे हैं। केंद्र में सत्ता आने के बाद मोदी सरकार ने अदानी की कंपनियों पर विशेष मेहरबानी करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से अरबों रुपये का कर्ज दिया है। देश की सबसे बड़ी और आम निवेशक बीमा कंपनी एलआईसी से अदानी की कंपनी में ७४ हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्मेंट हुआ है। मोदी सरकार के आशीर्वाद से ही अदानी दुनिया के सबसे अमीर लोगो की सूची में दूसरे स्थान पर पहुंच गया। लाभ कमाने वाली सरकारी कंपनियों को भी मोदी सरकार ने अदानी के गले से लगा दिया है। जैसे ही यह साफ हुआ कि अदानी कंपनी का बड़ा गौड़बंगल होने वाला है, तब इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई और एसबीआई, एलआईसी जैसी सरकारी कंपनियों को भी तगड़ा आर्थिक झटका लगा। अदानी का बुलबुला आज फूट गया है। सहारा कंपनी के सुब्रत रॉय का भी कुछ ऐसा ही प्रभाव था,लेकिन सहारा का बुलबुला फूट गया और सुब्रत रॉय को जेल की हवा खानी पड़ी। करोड़ों लोगों का पैसा डूब गया। अदानी की स्थिति भी सहारा के सुब्रत रॉय जैसी ही होगी।
मुंबई हवाई अड्डे को देश के सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में जाना जाता है। मोदी सरकार ने इस मुंबई एयरपोर्ट को अदानी के गले में चढ़ाने के लिए किस तरह से सरकारी जांच एजेंसियों का दुरूपयोग किया, यह सभी जानते हैं। राज्य की फडणवीस सरकार ने मुंबई में बिजली वितरण का काम अदानी को देने का फैसला लिया था,लेकिन महावितरण के कर्मचारियों और जनता के विरोध के कारण फिलहाल बिजली वितरण विभाग अदानी को नहीं दिया है। दुबई की एक कंपनी ने अधिक पैसे की बोली लगाकर धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए अनुबंध किया था, लेकिन अनुबंध रद्द कर दिया गया और धारावी परियोजना को मोदी सरकार के कहने पर कम कीमत पर अदानी कंपनी को दे दिया गया। अदानी के कुप्रबंधन को देखते हुए धारावी में लाखों गरीबों के घरों और छोटे व्यवसायों पर संकट आ गया है। अदानी का कुप्रबंधन अब उजागर हो गया है और सरकार को अदानी से धारावी पुनर्विकास परियोजना को वापस लेना चाहिए, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने ऐसा कहा है।