
Lata Mangeshkar Death Anniversary: दीदी के करियर के टॉप १० गाने, जो आज भी लोगों के जहान में हैं जिंदा !

Lata Mangeshkar Death Anniversary: Top 10 songs of Didi's career, which are still alive in people's minds!
Lata Mangeshkar Death Anniversary: लता दीदी को भारत में सबसे महान और सबसे प्रभावशाली गायकों में से एक माना जाता है। आठ दशकों के करियर में भारतीय संगीत उद्योग में उनके योगदान ने उन्हें "क्वीन ऑफ़ मेलोडी", "नाइटिंगेल ऑफ़ इंडिया" और "वॉयस ऑफ़ द मिलेनियम" जैसी सम्मानजनक उपाधियाँ प्रदान कीं है। लता दीदी ने छत्तीस से अधिक भारतीय भाषाओं और कुछ विदेशी भाषाओं में गाने रिकॉर्ड किए है। हालांकि मुख्य रूप से मराठी, हिंदी और बंगाली और विदेशी भाषाओं में अंग्रेजी, इंडोनेशियाई, रूसी, डच, नेपाली और स्वाहिली में गाने गाये है। उन्होंने अपने पूरे करियर में कई प्रशंसा और सम्मान प्राप्त किए है। १९८९ में, दादा साहब फाल्के पुरस्कार उन्हें भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया था। २००१ में, राष्ट्र में उनके योगदान की मान्यता में, उन्हें भारत रत्न, भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया। वह एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी के बाद यह सम्मान पाने वाली केवल दूसरी महिला गायिका हैं। २००७ में फ़्रांस ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, ऑफ़िसर ऑफ़ द नेशनल ऑर्डर ऑफ़ द लीजन ऑफ़ ऑनर से सम्मानित किया।
लता मंगेशकर को तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, १५ बंगाल फिल्म पत्रकार संघ पुरस्कार, चार फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्वगायक पुरस्कार, दो फिल्मफेयर विशेष पुरस्कार, फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और कई अन्य की प्राप्तकर्ता थीं। १९७४ में, वह लंदन, ब्रिटेन में रॉयल अल्बर्ट हॉल में प्रस्तुति देने वाली पहली भारतीय पार्श्व गायिकाओं में से एक थीं। उनका आखिरी रिकॉर्ड किया गया गीत "सौगंध मुझे इस मिट्टी की" ३० मार्च २०१९ को भारतीय सेना और राष्ट्र को श्रद्धांजलि के रूप में जारी किया गया था।
आइए उनके शीर्ष १० हिट गीतों की सूची देखें जिन्होंने लोगों को दीवाना बना दिया है।
१. ऐ मेरे वतन के लोग जरा आंखों में भर लो पानी, २.वंदे मातरम (आनंद मठ), ३. लग जा गले की फिर ये हंसी रात हो ना हो (साधना), ४. प्यार किया तो डरना क्या (मुगल-ए-आजम), ६. ये जिंदगी उसी की है, जो किसी का हो गया (अनारकली), ७. तुझसे नाराज नहीं जिंदगी हैरान हूं मैं, ८. आज फिर जीने की तमन्ना है, आज फिर मरने का इरादा है (गाइड), ९ पर्बत के पीछे चंबे दा गांव (महबूबा), १ . हाय-हाय ये मजबूरी, तु मौसम और तु दूरी (रोटी, कपड़ा और मकान)
