
जानिए Gita Gopinath के कामयाबी की कहानी, जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से IMF तक का सफर किया तय

भारतीय मुद्रा कोष (IMF) में मुख्य अर्थशास्त्री का पद संभालने वाली भारतीय मूल की गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) अब नए भूमिका में नजर आएगी। गीता गोपीनाथ को प्रोमोट कर IMF का फर्स्ट डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर बना दिया गया है। गीता भारतीय मूल की पहली व्यक्ति जो IMF के इस पद पर काबिज हुई है। बता दें IMF में First Deputy Managing Director का पद दूसरे नंबर का है। गोपीनाथ अगले साल 21 जनवरी से अपने नए जिम्मेदारी को संभालेंगी। तो आइए जानते है गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) के कामयाबी की कहानी जिन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से शुरुआत करते हुए अपने बुलंदियों को IMF तक पहुंचाया।
कौन है गीता गोपीनाथ?
अमेरिका और भारत की दोहरी नागरिकता रखने वाली गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath) का जन्म 8 दिसंबर 1971 को कर्नाटक के मसूर में हुआ था। गीता ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई भारत में ही की। गीता बचपन में पढ़ाई में बहुत अच्छी नहीं थी, उनके पिता ने एक इंटरव्यू में बताया कि वह कक्षा 7वीं तक गीता के 45 फीसदी ही नंबर आते थे लेकिन इसके बाद गीता ने मन लगाकर पढ़ाई की और उसके 90 प्रतिशत नंबर आने लगे। स्कूल के बाद गीता ने मैसूर में महाराजा पीयू कॉलेज जॉइन किया और साइंस की पढ़ाई की। तब उनके मार्क्स अच्छे थे और वह इंजीनियरिंग या मेडिसिन में जा सकती थीं। लेकिन उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से इकनॉमिक्स में बीए (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की।
इसके बाद Gita Gopinath ने दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ही मास्टर्स किया। पोस्टग्रेजुएशन के दौरान उनकी मुलाकात इकबाल से हुई। दोनों ने बाद में शादी कर ली। इस दंपति का 18 साल का एक बेटा है जिसका नाम राहिल है। मास्टर्स के बाद वे वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं। उन्होंने 1996 से 2001 तक प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी पूरी की।
असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर रही काबिज
पीएचडी पूरी करने के बाद गीता ने 2005 तक शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के रूप में अध्यापन कार्य किया। इसके बाद वे हार्वर्ड चली गईं। गीता 2015 में इंटरनेशनल स्टडीज़ एंड इकोनॉमिक्स की प्रोफ़ेसर बन गईं। इसके बाद Gita Gopinath को 2018 में IMF का मुख्य अर्थशास्त्री नियुक्त किया गया। इससे पहले उन्हें 2017 में केरल सरकार का वित्तीय सलाहकार भी बनाया जा चुका है।
बयान से आई थी सुर्खियों में
Gita Gopinath पिछले साल अपने एक बयान की वजह से सुर्खियों में आई थी। उन्होंने वैश्विक आर्थिक विकास में गिरावट के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। जिसके बाद विपक्षी पार्टी ने मोदी सरकार पर खूब निशाना साधा था। उन्होंने 2016 में सरकार के नोटबंदी के फैसले को भी आर्थिक विकास के लिहाज से नकारात्मक बताया था।
अमेरिका के कार्नेगी कॉरपोरेशन ने किया सम्मानित
अमेरिका के कार्नेगी कॉरपोरेशन ने इसी साल Gita Gopinath को अमेरिकी समाज और लोकतंत्र को समृद्ध एवं मजबूत करने के लिए सम्मनित किया। गोपीनाथ को कार्नेगी कॉरपोरेशन ने '2021 ग्रेट इमिग्रेंट्स' की सूची में शामिल किया गया था। 2019 में भारत सरकार ने भी उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान दिया था जो प्रवासी भारतीयों के लिए सबसे बड़ा सम्मान है।
गीता गोपीनाथ की उपलब्धियां
- गीता गोपीनाथ को वर्ष 2011 में वर्ल्ड इकोनामिक फोरम द्वारा यंग ग्लोबल लीडर के सम्मान से नवाजा गया।
- इन्हें भारत सरकार की ओर से प्रवासी भारतीय सम्मान मिला।
- अतः इन्हें अमेरिका की नागरिकता और ओवरसीज भारतीय नागरिकता प्राप्त है।
- वर्ष 2014 के IMF में इनका नाम 45 वर्ष से कम उम्र वाले विश्व के टॉप 25 इकोनॉमिस्ट की सूची में दर्ज किया है।
- वर्ष 2019 में फॉरेन पॉलिसी ने गीता गोपीनाथ को टॉप ग्लोबल थिंकर की सूची में शामिल किया।
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