किसान आंदोलन: गुरनाम सिंह से मतभेद का पटाक्षेप, कल बैठक में लेंगे हिस्सा

वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है मोर्चा की समन्वय समिति ने गुरनाम सिंह चढूनी द्वारा कल (रविवार) अनेक राजनैतिक दलों के साथ की गई बैठक से जुड़े विवाद पर चर्चा की।
मोर्चा ने कहा, गुरनाम सिंह ने समिति के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए लिख कर बताया कि कल की बैठक उन्होंने अपनी निजी हैसियत में बुलाई थी। इस बैठक का सयुंक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। यह एहसास करते हुए उन्होंने समिति को भरोसा दिलाया कि वो इस आंदोलन के दौरान भविष्य में किसी राजनैतिक बैठक में नहीं जाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे संयुक्त किसान मोर्चा के साथ थे, हैं और रहेंगे।
बयान के अनुसार, समिति ने इस स्पष्टीकरण का स्वागत करते हुए यह फैसला किया कि अब इस विवाद को समाप्त किया जाय।
मोर्चा की तरफ से यह बयान किसान नेता डॉ. दर्शनपाल, शिव कुमार कक्काजी, जगजीत सिंह डल्लेवल व अन्य की ओर से दिया गया है। बयान में कहा गया कि यह ऐतिहासिक आंदोलन जिस मोड़ पर है उसमें एकता और अनुशासन सर्वोपरि है। लोगों के सहयोग से यह आंदोलन किसान संगठन ही यहां तक लेकर आए हैं और किसान संगठन ही इसे मुकाम तक लेकर जाएंगे। कोई भी संगठन या पार्टी अपने तौर पर इस आंदोलन को समर्थन देने को स्वतंत्र हैं, लेकिन आंदोलन सीधे किसी पार्टी से रिश्ता नहीं रखेगा।
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले साल 26 नवंबर से चल रहा है। किसानों की मांगों से जुड़े मसलों का समाधान करने और आंदोलन समाप्त करवाने को लेकर सरकार मंगलवार को किसान यूनियनों के साथ 10वें दौर की वार्ता करेगी।