आखिरकार किसानों के आगे झुक गई सरकार, PM मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का किया ऐलान

Farmer bill 2020: लंबे तप और संघर्ष के बाद किसानों की आखिरकार जीत हो ही गई। साल भर से चल रहे कृषि आंदोलन में अब जाकर आशा की किरण तजर आइ है। अब इसे चुनावी मौसम का हाल कहिए या किसानों की हितैसी लेकिन केंद्र सरकार विवादित तीनों नए कृषि कानून वापस लेने पर मजबूर हो गई है। PM मोदी ने आज इस बात का ऐलान किया है कि वह तीनों कृषि कानून वापस लेगी।
शुक्रवार को गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के खास पर्व पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने यह ऐलान किया कि हमारी सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों से क्षमा मांगते हुए कहा, में आज देशवासियों से क्षमा मांगते हुए यह कहना चाहता हूं कि हमारी तपस्या में कोई कमी रह गई होगी। हम कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए।
PM मोदी ने कहा कि इस महीने के अंत में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर देंगे। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने आंदोलन पर बैठे लोगों को प्रकाश पर्व पर अपने घर वापस जाने की अपील की।
अपने संबोधन में PM मोदी ने आगे कहा, किसानों की स्थिती को सुधारने के लिए यह कानून लाए गए थे। इसका मकसद ये था कि देश के छोटे किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले। पहले भी कई सरकारों ने कानून पर मंथन किया था, इस बार भी संसद में चर्चा हुई तब यह कानून लाया गया।
गौरतलब है तीनों कृषि कानून 17 दिसंबर 2020 को संसद में पास किए गए थे। इसके बाद से किसानों द्वारा लगातार इस कानून को वापस लिए जाने की मांग की जा रही है। किसान दिल्ली की सीमाओं के आसपास आंदोलन पर बैठकर इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
किसान संगठन का तर्क है कि इस कृषि कानून से सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को खत्म कर देगी और उद्योगपतियों के हाथों में बाजार चला जायेगा। जबकि सरकार का यह तर्क है कि इस कानून से किसानों की आमदनी बढ़ेगी।
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