
20 हजार साल पहले के गुफा चित्रों में बिंदु क्यों निकले जाते थे ......!

Why were points drawn in cave paintings from 20 thousand years ago......!
भारत के साथ-साथ दुनिया भर में कई जगहों पर प्राचीन गुफा चित्र पाए गए हैं। इनमें मुख्य रूप से जानवरों के चित्र शामिल हैं और कुछ चित्रों में मानव आकृतियाँ भी हैं। कई गुफा में शिकार के चित्र हैं। विशेषज्ञों की राय है,कि यह उस समय के लोगों द्वारा लिखा गया एक संदेश होगा। यानी उस समय इसे 'सोशल नेटवर्किंग' माना जाना चाहिए। इन गुफा चित्रों के बारे में चल रहे शोध में कई विशेषज्ञों के मन में इन चित्रों में डॉट्स को लेकर सवाल थे। लंदन में एक फर्नीचर निर्माता ने हाल ही में इस बिंदु की खोज की है।
गुफा चित्रों की सही अवधि क्या है?
दुनिया भर में पाए जाने वाले अधिकांश गुफा चित्र पाषाण युग के हैं। इसके कई चरण हैं, अश्म युग, मध्य युग और नवश्म युग। इनमें से गुफा चित्र मुख्य रूप से अश्म युग के उत्तरी काल से अस्तित्व में आते देखे जाते हैं। उसके बाद, अधिकांश गुफा चित्र मेसोलिथिक युग के हैं, उसके बाद नवपाषाण युग के हैं। कुछ जगहों पर आज भी गुफा में जाकर पूर्वजों की याद में चित्र बनाने की प्रथा का पालन किया जाता है।
क्या भारत में गुफा चित्र हैं? कहाँ पे?
पाषाण युग के तीनों कालखंडों के गुफा चित्र भारत के मध्य प्रदेश के भीमबेटका में पाए गए हैं। इसका श्रेय वरिष्ठ पुरातत्वविद् विष्णु श्रीधर वाकणकर को जाता है। हाल ही में उनकी जन्मशती मनाई गई। गुफा चित्रों का काल ३० हजार वर्ष पूर्व बताया जाता है। गुफा चित्रों के विषय के बारे में आज भी शोधकर्ता, पुरातत्वविद् आदि बहुत उत्सुक हैं। मूल रूप से, उस समय के मनुष्य ऐसा क्यों करते थे? शुरुआती दौर में, बहुत से लोग सोचते थे,कि क्या वो लोग टाइम पास करने के लिए चित्र निकलते थे। हालाँकि, दुनिया भर के शोधकर्ता अब इस बात पर सहमत हो गए हैं कि उस काल में हमारे बाद आने वाली जनजाति की मदद के लिए इसे एक संकेत-संचार-संदेश के रूप में चित्रित किया जाता था।
इन गुफा चित्रों में बिंदु वास्तव में क्या कहते हैं?
अनेक गुफा चित्रों में बिंदु दिखाई देते हैं। अलग-अलग तस्वीरों में डॉट्स की संख्या भी अलग-अलग होती है। कभी ये धब्बे जानवर के पेट पर दिखाई देते हैं,तो कभी बाहर की तरफ। इन बिन्दुओं का कोई न कोई अर्थ अवश्य होता है,लेकिन अभी तक यह पता लगाना संभव नहीं हो पाया है,कि वास्तव में यह क्या है।
लंदन में पुराने फर्नीचर के एक संरक्षक 'बेन बेकन' ने लगभग २०,००० साल पहले हिमयुग के दौरान चित्रित गुफा के चित्रों में डॉट्स की खोज की थी। इसके लिए उन्होंने अपने शोध में कई लोगों को शामिल किया था। इसके बारे में पढ़ें और पता किया,कि यूरोप में ये गुफा चित्र मछली, बारहसिंगा और मवेशियों हैं। उन्होंने ब्रिटिश लाइब्रेरी से संपर्क किया और उनके बीच आने वाले बिन्दुओं का अर्थ जानने के लिए दुनिया भर के गुफा चित्रों पर जानकारी एकत्र की। यह पता लगाने की कोशिश की गई,कि कहीं इसमें कोई खास पैटर्न तो नहीं है। तभी उन्हें एक पैटर्न नजर आया। उन्होंने गुफा चित्रों में 'Y' चिह्न की भी खोज की। उन्हें लगा कि यह जन्म से जुड़ा कोई निशान हो सकता है। क्योंकि एक रेखा के बाद यह और विभाजित होकर दो रेखा बन जाती है। इसलिए, उन्हें प्रारंभिक अनुमान था,कि यह निशान जन्म से संबंधित होना चाहिए
बेकन ने डरहम विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के तीन प्रोफेसरों के साथ काम करना शुरू किया। तब यह महसूस किया गया,कि इसका जानवरों के संभोग के मौसम से कुछ लेना-देना होगा। लगभग सभी इस पर सहमत होने के बाद, सभी गुफा चित्रों को एक साथ खोजा गया और जानवरों के संभोग के मौसम और इन स्थानों की ठंड का मौसम की तुलना की गई। यह जानवरों के संभोग के मौसम की एक मानव रिकॉर्डिंग थी जो चंद्र मास के अनुसार आती है।
हां, विशेष रूप से बेकन और उनके सहयोगियों ने गुफा चित्रों पर काम किया। उस समय ठंड का मौसम बहुत था। ऐसे ठंड समय में पौधे भी नहीं उगते थे, तो व्यक्ति को पूरी तरह से जानवरों की शिकार पर निर्भर रहना पड़ता था। इस बिंदु से उन्हें ये पता चल जाता था की, कोन से मौसम में जानवरों की संख्या बढ़ने वाली है,और जानवर कोन से मौसम में बढ़ी तादात में उपलब्ध होने वाले है। बेकन का मानना था,कि यह चंद्र अभिलेख पहला मानव कालक्रम था। इस संबंध में उनका शोध हाल ही में कैंब्रिज आर्कियोलॉजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ और यह जानकारी दुनिया के सामने आई है। इस अवसर पर बेकन ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा,कि इससे सिद्ध होता है,कि हमारे पूर्वज भी हमारी तरह ही सोचते थे।
क्या इस खोज से और अधिक खुलासा होने की संभावना है?
हाँ, भारत में भी कुछ गुफा चित्रों में बिंदु देखे जा सकते हैं। इसी तरह, कई गुफाओं और गुफाओं के साथ-साथ बाहर भी डॉट्स चित्रित हुए पाए जाते हैं। इसके अलावा दुनिया भर में कई गुफा चित्रों में ऐसे बिंदु देखे जा सकते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य सांकेतिक चित्र भी हैं, इस खोज के कारण अनुसंधानकर्ताओं द्वारा इस पर नए रूप से विचार करना भी संभव है।