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Ram Navami 2021: राम नवमी के पावन अवसर पर भगवान राम के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें Facts about Lord Rama in Hindi

Janprahar Desk
19 April 2021 8:15 PM GMT
Ram Navami 2021: राम नवमी के पावन अवसर पर भगवान राम के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें Facts about Lord Rama in Hindi
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हिंदू धर्म के एक बड़े त्योहारों में से एक राम नवमी का त्यौहार इस साल 21 अप्रैल, बुधवार को मनाया जाने वाला है (Ram Navami 2021)। राम नवमी 2021 के इस पावन दिन पर भगवान राम के जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातें जानने के लिए आगे पढ़ें। Facts about Lord Rama in Hindi। भगवान राम से जुड़ी कुछ रोचक बातें। Unknown facts about Lord Rama in Hindi।

राम नवमी (Ram Navami) हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और पावन त्योहारों के रूप में चैत्र नवरात्रि के अंत में मनाया जाता है। इस साल राम नवमी 21 अप्रैल बुधवार को मनाया जाने वाला है (Ram Navami 2021 date)। रामनवमी का उत्सव भगवान श्री राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में भक्त बड़ी श्रद्धा से भगवान की पूजा करते हैं और साथ ही व्रत रखकर भगवान राम की आराधना करते हैं। इस पावन अवसर पर आज हम बात करेंगे भगवान श्री राम के जीवन के बारे में। उनके जीवन से जुड़ी कई बातें हम आज आपको बताने जा रहे हैं (
Facts about Lord Rama in Hindi
)। भगवान राम के जीवन से जुड़ी यह बातें अगर आपको अच्छी लगी तो इसे जरूर शेयर करें।

भगवान राम का जन्म कब हुआ था?

शोधकर्ताओं केके अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर हुआ था जिसे हम आज राम नवमी के रूप में मनाते हैं। इस महीने को चैत्र नवरात्रि के रूप में भी मनाया जाता है और 9 दिन तक पालन किया जाता है।

श्री शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई थी?

किसी भी इंसान को सम्मान देने के लिए उनके नाम के पहले "श्री" लगाया जाता है। लेकिन इस शब्द का मतलब क्या है? कैसे हुई थी "श्री" शब्द की उत्पत्ति? श्री शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। इन किताबों में लिखा गया है जिस व्यक्ति में विकास करने की, खोज करने की शक्ति है उसे "श्री" के नाम से संबोधित किया जाता है। ऐसे में ईश्वर, महापुरुषों, वैज्ञानिकों आदि जैसे व्यक्तित्वों के नाम के पहले श्री का उपयोग किया जाता है। शायद यही वजह है कि भगवान श्री राम के नाम के पहले भी "श्री" शब्द का उल्लेख का इस्तेमाल किया जाता है। श्री का मतलब है शक्ति, विशाल ह्रदय, श्रेष्ठ, प्रतिभाशाली, शुभ, आलोक, अलौकिक बुद्धि आदि।

भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम क्यों कहते हैं?

भगवान श्रीराम को उनके आज्ञाकारी चरित्र के कारण बहुत सम्माननीय स्थान दिया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने जीवन में कभी भी मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया और हमेशा अपने माता-पिता की बात का पालन किया। इतना ही नहीं उन्होंने अपने पिता के आदेश पर एक बार में ही महल छोड़कर वनवास में चले गए। इसी कारण आज उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाना जाता है। उनके आदर्श हर किसी के लिए एक प्रेरणास्रोत है।
ram navami ka mahatva

राम जी के नाना का क्या नाम था?

भगवान श्री राम की माता, कौशल्या कौशल प्रदेश की राजकुमारी थी। उनके पिता का नाम सुकौशल था और उनकी माता का नाम अमृतकथा था। उनके पिता कौशल प्रदेश के राजा हुआ करते थे।

भगवान श्री राम की आयु कितनी थी?

भगवान श्री राम की उम्र को लेकर कोई भी निश्चित आंकड़ा नहीं हैm लेकिन वेद पुराणों के अनुसार मां सीता से विवाह के वक्त भगवान राम की उम्र लगभग 13 वर्ष की थी और मां सीता की उम्र 6 वर्ष की थी। शादी के 12 साल बाद दोनों ने अयोध्या में निवास किया जिसके बाद उन्हें वनवास के लिए जाना पड़ा। वनवास से लौटते वक्त उनकी उम्र 32 और 40 हो गई थी। इसके बाद उनके दो बेटे लव और कुश का जन्म हुआ जिसके बाद मां सीता दोबारा अयोध्या लौटी और उसके बाद उन्होंने कम से कम 11 से 13 साल तक वर्षों तक अयोध्या में निवास किया।

श्री राम के बाद अयोध्या का राजा कौन बना था?

भगवान श्री राम के बाद उनके छोटे बेटे लव को अयोध्या का राजा बनाया गया था। जैसे कि बड़े बेटे को राजा बनने का हक पहले दिया जाता है। लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ। भगवान राम ने अपने छोटे बेटे लव को अयोध्या का राज्य सौंप दिया।
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राम के बाद अयोध्या का क्या हुआ?

भगवान श्री राम के बाद भी कई लोग अयोध्या के राजा बने। उनके बेटे लव और कुश के अयोध्या संभालने के बाद प्रभु राम के वंशजों ने राज्य की बागडोर संभाली।

मां सीता धरती में क्यों समाई थी?

राज्य धर्म की परिभाषा के अनुसार एक राजा अपने प्रजा से बनता है। ऐसे में राजा के द्वारा लिया गया कोई भी कदम प्रजा के हित में होना चाहिए। ऐसे मौके पर जब भगवान श्रीराम मां सीता को रावण की लंका से छुड़ाकर ले आए थे, तब प्रजा द्वारा मां सीता की चरित्र पर कई सवाल उठाए गए थेन प्रजा की बात को ध्यान में रखते हुए भगवान श्रीराम ने मां सीता से शुद्धता का प्रमाण मांगा। इस बात को सुनने के बाद मां सीता को बहुत ठेस पहुंचा और उन्होंने अपने शुद्धता साबित करने के लिए शपथ खाई जिसके बाद धरती फट गई और वह उसमें समा गई। अपने इस कदम के साथ ना केवल मां सीता ने अपनी शुद्धता प्रमाण किया। साथ ही अपने साथ सारे सवालों को भी शांत कर दिया।

चित्रकूट में भगवान राम कितने वर्ष रहे?

अपने 14 साल के वनवास के दौरान भगवान श्री राम अपनी पत्नी मां सीता और भाई लक्ष्मण के साथ मंदाकिनी नदी के तट पर बसे चित्रकूट धाम पर लगभग 11 साल 11 महीने और 11 दिन बिताए थे। इस जगह को आज भारत के सबसे प्राचीन तीर्थ स्थलों के रूप में माना जाता है।
ram ki umra kitni thi?

पंचवटी में राम कितने साल रहे?

नहीं बनवास के कई पड़ाव में भगवान श्री राम अपने पांचवें पड़ाव में नासिक में अगस्त्य मुनि के आश्रम पहुंचे। पुणे का आश्रम नासिक के पंचवटी क्षेत्र में था जहां भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वनवास के कुछ साल बिताएं।

भगवान राम ने अयोध्या में कितने वर्ष राज्य किया?

बहुत कम उम्र में भगवान श्री राम को 14 वर्ष के लिए वनवास जाना पड़ा जिसके बाद रावण का वध करके अयोध्या लौटने के बाद उन्होंने लगभग 11 वर्षों तक अयोध्या पर राज्य किया जिसके बाद अपने बेटों को राज्य भार संभालने को दे दिया।

राम का राज्यअभिषेक कब हुआ?

रावण का वध कर अयोध्या लौटने के बाद विजयदशमी के विजय मुहूर्त में प्रभु श्री राम का राज्यअभिषेक किया गया था।

राम अयोध्या कब लौटे थे?

रावण का वध करने के के बाद लगभग 1 महीने का यात्रा करते हुए भगवान श्री राम अयोध्या लौटे थे। उन्हें अपने सफर तय करने में 21-24 दिन लगे थे जिस कारण विजयदशमी के अगले एक महीने बाद ही दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है।
ayodhya se lanka ki duri

अयोध्या से लंका की दूरी कितनी हैं?

भगवान श्री राम को लंका से अयोध्या पहुंचने में कम से कम 1 महीने का वक्त लग गया था जिस कारण अगर आंकड़े देखे जाएं तो श्रीलंका और अयोध्या के बीच कम से कम 3000 किलोमीटर की दूरी है।

राम और रावण का युद्ध कितने दिन चला था?

राम और रावण के बीच युद्ध अश्विन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को शुरू हुआ था और अगले 8 दिनों तक चला। आखिर में रावण के वध के साथ दशमी के दिन समाप्त हुआ।

वनवास जाते समय प्रभु श्री राम की उम्र कितनी थी?

वनवास जाते वक्त मां सीता की उम्र लगभग 18 साल और प्रभु श्री राम की उम्र लगभग 25 साल कही जाती है।
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रामायण सीरियल की शूटिंग कहां हुई थी?

रामानंद सागर की प्रसिद्ध रामायण की शूटिंग गुजरात-महाराष्ट्र के सीमा से सटे एक इलाके में की गई थी।

रामायण बनाने में कितना खर्च हुआ था?

ऐसा माना जाता है कि रामानंद सागर की रामायण बनाने में प्रतिदिन 9,00,000 रुपए का खर्च लगा था जो कि आज के जमाने में 99 लाख के बराबर है।

मां सीता की शादी कितनी उम्र में हुई थी?

वाल्मीकि रामायण के अनुसार विवाह के दौरान मां सीता की उम्र लगभग 6 वर्ष की थी। वहीं भगवान श्री राम की उम्र 13 वर्ष की थी।

राम नवमी के इस पावन अवसर पर भगवान श्री राम के जीवन से जुड़ी इन सारी बातों को पढ़ें और इन जानकारी को जरुर शेयर करें।

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