
Hiramandi: पाक में 'हीरामंडी' का क्या मतलब है? जिस पर भंसाली की वेब सीरीज है !

Hiramandi: पाक में 'हीरामंडी' का क्या मतलब है? जिस पर भंसाली की वेब सीरीज है !
संजय लीला भंसाली फिल्म निर्माण में एक फेमस नाम है। भंसाली बेहतरीन फिल्में बनाने के लिए जाने जाते हैं। संजय लीला भंसाली की फिल्मों में न केवल भव्य और महंगे सेट होते हैं बल्कि, अनूठी और ऐतिहासिक कहानियां भी होती हैं। फिल्मों के अलावा संजय लीला भंसाली 'हीरामंडी' से डिजिटल डेब्यू करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। फिलहाल इस सीरीज का फर्स्ट लुक रिलीज हो चुका है और हर तरफ इसकी चर्चा हो रही है। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर 'हिरमंडी' देखने के लिए इंतजार करना होगा। उससे पहले आइए जानते हैं क्या है 'हिरमंडी' की कहानी।
'हीरामंडी' पाकिस्तान के लाहौर में स्थित एक रेडलाइट एरिया है, जिसे 'शाही मोहल्ला' के नाम से भी जाना जाता है। बंटवारे से पहले 'हीरामंडी' की तवायफें देश भर में मशहूर थीं। उस दौर में राजनीति, प्यार, फरेब सब वेश्यालयों में देखा जाता था। मुगलकाल में हीरामंडी में अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान की महिलाएं भी आकर रहने लगीं। उस वक्त तवायफ शब्द को गंदी नजरों से नहीं देखा जाता था। मुगल काल में तवायफें संगीत, कला, नृत्य और संस्कृति से जुड़ी थीं। एक जमाना था, जब दरबारी सिर्फ राजा-महाराजाओं का मनोरंजन करते थे।
धीरे-धीरे समय बदला, मुगल काल का अंत हुआ और 'हिरमंडी' पर विदेशियों का आक्रमण हुआ। ब्रिटिश शासन के दौरान हीरामंडी की चमक फीकी पड़ने लगी थी। इतना ही नहीं, अंग्रेजों ने 'हीरामंडी' की गणिकाओं को भी वेश्याओं का नाम दे दिया। हीरामंडी की चमक इतनी फीकी पड़ गई कि, आज भी यह इलाका अपनी चमक वापस नहीं पा सका है। आजादी के बाद यहां आने वाले लोगों के लिए सरकार ने भी कई बेहतरीन इंतजाम किए, लेकिन फिर भी बात नहीं बनी।
ऐसा माना जाता है कि, 'हीरामंडी' नाम सिख महाराजा रणजीत सिंह के मंत्री हीरा सिंह डोगरा के नाम पर रखा गया था। 'हीरा सिंह' ने ही यहां अनाज मंडी बनवाई थी, जिसके बाद इस स्थान का नाम 'हीरामंडी' पड़ा। करण जौहर की 'कलंक' में पहली बार 'हीरामंडी' का जिक्र हुआ था। शाही मोहल्ला अब पहले जैसा शाही नहीं रहा। दिन में तो यह सामान्य बाजार लगता है, लेकिन शाम होते ही 'हिरमंडी' रेड लाइट एरिया में तब्दील हो जाता है।