
Tips for Exam Stress in Hindi: परीक्षाओं के दौरान तनाव से दूर रहें

समाने कई तरह की परीक्षाएं आने वाली है और इसके वजह से छात्रों को बहुत तनाव (Exam Stress) महसूस हो रहा है। अपनी पढ़ाई खत्म करने से लेकर परीक्षा में अच्छे अंक लाने तक। उन्हें कई तरह की चिंताएं सताने लगती है। ऐसे में उनके साथ-साथ उनके माता-पिता को भी समान तरीके से तनाव महसूस होता है और वह हर वक्त इस बार इस चिंता में रहते हैं कि उनके बच्चे परीक्षा में कैसे अंक लाएंगे। ऐसे में बच्चों का प्रोत्साहन और उत्साह बढ़ाना बहुत जरूरी होता है वरना वह मानसिक रूप से चिंतित पड़ जाते हैं और इसका प्रभाव उनकी पढ़ाई पर भी और सेहत दोनों पर पड़ता है। हर तरह की चिंता छात्रों के शारीरिक मानसिक और व्यवहारिक विकास में भी बहुत सारी बाधा डालता है। ऐसे ही कुछ यहां दिए गए कुछ बातों पर ध्यान रखें जिससे आप परीक्षा के वक्त तनाव से मुक्त रह सकते हैं। How to deal with exam stress in Hindi? Exam ka darr kaise durr kare?
Exam stress for Students in Hindi/ exam का डर कैसे दूर करें?
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जितना हो सके अपनी पढ़ाई आगे से खत्म करके रखें। ठीक परीक्षा के पहले पढ़ाई करने की आदत को दूर रखें। पहले से पढ़ाई करने से आ तैयार रहेंगे और तनाव नहीं रहेगा। अक्सर साल भर नहीं पढ़ने वाले छात्रों के लिए परीक्षा के पहले दिन पढ़ना बहुत ही चिंताजनक बन जाता है। वह इस बात की चिंता में दिन भर पढ़ते रहते हैं कि शायद वह फेल हो जाएंगे। ऐसे में बहुत पढ़ने के बाद भी परीक्षा के दिन उन्हें बेचैनी महसूस होती है और इसका प्रभाव उनकी परीक्षा पर भी पड़ता है।
- रात भर जागकर पढ़ने की आदत से छुटकारा पाएं। रात भर जागने से दिमाग और शरीर दोनों को आराम नहीं मिलता है जिसकी वजह से अगले दिन परीक्षा में आप थका हुआ महसूस कर सकते हैं और इससे आपकी परीक्षा भी बिगड़ सकती है। नींद पूरी ना होने पर आपको परीक्षा हॉल में भी नींद आ सकती है जिससे आपको ध्यान लगाने में मुश्किल होगी और सवालों के जवाब के भूलने की संभावना हो सकती है।
- परीक्षा की पहले दिन से पढ़ाई करने में सारा दिन व्यतीत ना करें। मन को शांत और आराम देने के लिए थोड़ा बाहर जाए या कसरत करें। आप चाहे तो ध्यान भी लगा सकते हैं। इससे आपका मन शांत रहेगा और आप तरोताजा महसूस करेंगे जिससे वापस से पढ़ाई करने में मदद मिलेगी।
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- परीक्षाओं के दौरान खाने-पीने का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। कुछ भी तला हुआ या बाहर का खाना सेहत के लिए खराब हो सकता है। इससे दस्त या एसिडिटी हो सकती है जिससे पढ़ाई करने में अड़चन आ सकती हैं। ऐसा करने से आपका समय भी बर्बाद होगा। साथ में आप ठीक तरह से पढ़ाई में ध्यान नहीं लगा पाएंगे।
- अपनी परीक्षा से पहले एक सही रूटीन बना ले। पढ़ाई के बाद याद से रिवाइस करें ताकि आपसे कोई भी हिस्सा छूट ना जाए। इसके अलावा बीच-बीच में थोड़ा ब्रेक ले। आपको भी आराम मिलेगा और आप एक हल्के मन के साथ दोबारा पढ़ाई कर पाएंगे।
- परीक्षा दौरान मोबाइल फोन से दूरी बनाए रखें। पढ़ाई करने के समय बीच-बीच में सोशल मीडिया पर जाना है या इंस्टाग्राम, फेसबुक या व्हाट्सएप पर जाने से आपका ध्यान विचलित हो सकता है। ऐसा करने से पढ़ाई में नुकसान होगा और अब तक और तनाव होने की संभावना और भी बढ़ जाएगी। इसके बजाय इस समय को आप अपनी पढ़ाई को रिवाइज करने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
Exam stress for Parents in Hindi/ बच्चों में एग्जाम का तनाव कैसे भगाएं?
- अपने बच्चों में परीक्षा को लेकर दबाव डालने की आदत से दूर रहें। इससे उनमें तनाव और भी बढ़ सकता है और वह और भी चिंता ग्रस्त हो सकते हैं। परीक्षा का दबाव महसूस करने से बच्चों में एक आत्मविश्वास की कमी आ सकती है जिसका प्रभाव उनकी पढ़ाई पर भी पड़ सकता है और उनकी मानसिक स्थिति भी पर भी पड़ सकता है।
- तुलना करने से बचे। कभी भी अपने बच्चे की तुलना किसी और बच्चे से ना करें। उनसे कभी ना कहे कि कोई और उनसे बेहतर कर रहा है या कोई और उनसे ज्यादा मेहनत कर रहा है। ऐसा करने से उनमें एक तनाव पैदा हो जाता है जिससे उनकी पढ़ाई पर भी असर पड़ता है।
- जितना हो सके अपने बच्चों का प्रोत्साहन बढ़ाए और उन्हें भरोसा दिलाएं कि वह जैसा भी कर रहे हैं अच्छा कर रहे हैं और यह उनके लिए कोई चिंता वाली बात नहीं है। ऐसा करने से उनमें विश्वास आएगा और वह एक सकारात्मक मन के साथ आगे बढ़ पाएंगे।
- बच्चे के खाने पीने का ध्यान रखना माता-पिता की जिम्मेदारियों में सबसे अहम है। उन्हें इस बात का ख्याल रखना हो कि उनके बच्चे परीक्षा के दौरान कोई भी गलत चीज़ का सेवन ना करें।
- उनसे समय-समय पर बातें करें ताकि उनकी उनके मन की सारी उलझने सुलग जाए और वह हल्का महसूस करें। अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा दबाव में है और इस वजह से उसकी पढ़ाई और मानसिक स्थिति पर असर पड़ रहा है तो उनसे जाकर बातें करें और उनकी मुश्किलों को समझें।
- एक और महत्वपूर्ण बात है अपने बच्चों में भरोसा दिखाना। किसी भी हालत में अपने बच्चे को दिखाएं कि आप उस पर भरोसा कर रहे हैं और उनकी क्षमताओं को लेकर आपको कोई भी संदेह नहीं है। जब आपका बच्चा आप में उनके प्रति भरोसा देखेंगे तो उनमें आत्मविश्वास और भी बढ़ जाएगा और इससे तनाव भी नहीं महसूस होगा।
