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यूं ही नहीं छिदवाएं जाते बच्चों के कान, होते है कई फायदें, जाने इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

Janprahar Desk
12 Aug 2021 2:46 PM GMT
यूं ही नहीं छिदवाएं जाते बच्चों के कान, होते है कई फायदें, जाने इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण
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यूं ही नहीं छिदवाएं जाते बच्चों के कान, होते है कई फायदें, जाने इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

भारतीय संस्कृति में बच्चों के पैदा होने के कुछ सालों बाद उसके कान छिदवा दिए जाते है। इसका बच्चों की खूबसूरती से कोई लेना देना नहीं, यह हमारे संस्कृति की वैदिक परंपरा है। कान छेदवाने की परंपरा को वैज्ञानिकों ने भी सही माना है। बच्चों में आगे चलकर इसके बहुत फायदे होते है। दरअसल यह एक्यूपंचर की तरह काम करता जो हमारे शरीर के लिए कई मायनों में लाभकारी है। तो आइए जानते है कान छिदवाने के वैज्ञानिक फायदे..

  • दिमाग के लिए जरूरी

ईयर लोब्‍स में एक पॉइंट ऐसा होता है जो ब्रेन के लेफ्ट-राइट हिस्से को आपस मे जोड़ता है। कान छेदवाने से दिमाग का विकास तेजी से होता है और ब्रेन के दोनों हिस्सों को एक्टिव होने में मदद मिलती है। लेकिन जन्म से 8 महीने पहले कान छेदना जरूरी है क्योंकि उसी समय ब्रैंक का विकास हो रहा होता है।

  • भगाए टेंशन और बढ़ाए फोकस

ईयर लोब्‍स के बीच हाने पॉइंट पर दबाव पड़ने की वजह से टेंशन दूर होती है साथ ही फोकस करने में मदद मिलता है। यह दिमाग का कंसंट्रेशन बढ़ाने में मदद करता है।

  • प्रजनन अंगों को बनाए हेल्‍दी

कान के निचले हिस्से के बीचों बीच जो पॉइंट होता है, वहां पर प्रेशर पड़ने से महिलाओं का पीरियड साइकिल ठीक से संचालित होता है। यही कारण है कि ज्यादातर लड़कियों के कान छेदवाएं जाते है। वहीं, पुरुषों के प्रजनन अंगों भी मजबूत होते है।

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  • हेल्‍दी रहेंगे कान और बढ़ेगी आंखों की रोशनी

ईयर लोब्‍स के निचले हिस्से में आंखों की रोशनी बढ़ाने वाला पॉइंट होता है। इसलिए इस हिस्से को छेदवाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। कान छिदवाने से कान भी स्वस्थ्य रहता है।

  • पाचन तंत्र बनाए दुरुस्‍त

जिस जगह पर कान छेदे जाते है वहां पर भूख लगने वाला पॉइंट भी होता है। एक्‍यूप्रेशन की भाषा में इसे हंगर प्‍वॉइंट कहा जाता है। कान छेदवाने से मोटापे की आशंका कम हो जाती है क्योंकि यह पाचन तंत्र को दुरुस्‍त रखता है।

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