स्वास्थ्य

खूनी बवासीर का इलाज कैसे करें? यहां जानें बवासीर का घरेलू उपचार | Bawasir ka Gharelu Upchar

Ankit Singh
20 Feb 2022 9:59 AM GMT
खूनी बवासीर का इलाज कैसे करें? यहां जानें बवासीर का घरेलू उपचार | Bawasir ka Gharelu Upchar
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Home Remedies for Piles in Hindi: अगर वक्त रहते ही पाइल्स के लक्षण को समझ लिया जाएं तो खूनी बवासीर का इलाज आसान है। Bawasir ka Gharelu Upchar अपनाकर आप इसे घर में ही ठीक कर सकते है। आइये इस लेख में समझते है कि बवासीर का घरेलू उपचार कैसे करें?

Bleeding Hemorrhoids Treatment: बावसीर (Piles) एक ऐसी बीमारी है जिसमें गुदा में और उसके आसपास की नसें सूज जाती है। मेडिकल भाषा में बावसीर को Hemorrhoids कहा जाता है। जब पाइल्स की समस्या अत्यधिक्त बढ़ जाती है तो मल के रास्ते खून आने लगता है। इन्हें खूनी बवासीर (Bleeding Hemorrhoids) कहा जाता है।

कुछ लोगों को मल में, शौचालय में या मल त्याग के बाद खून दिखाई देता है। रक्त की मात्रा आमतौर पर छोटी होती है और यह चमकीला लाल होता है। मलाशय से रक्तस्राव का सबसे आम कारण खूनी बवासीर है। बवासीर गुदा में और उसके आसपास सूजी हुई नसें होती हैं। बावसीर का इलाज (Piles Treatment in Hindi) समय रहते कर लिया जाए तो बेहतर है।

हालांकि बवासीर (Piles) के अधिकांश मामलों में सर्जरी की नौबत नहीं आती है। बवासीर का घरेलू उपचार (Piles Home Remedies in Hindi) और बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment for Piles in Hindi) अपनाकर आप पाइल्स (Hemorrhoids) को ठीक कर सकते है। आज के इस लेख में हम समझेंगे कि खूनी बवासीर क्या है? (What is Bleeding hemorrhoids in Hindi) और खूनी बवासीर का इलाज (Khooni Bawasir Ka Ilaj) क्या है।

बवासीर का घरेलू उपचार (Bawasir ka Gharelu Upchar) जानने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि बवासीर के लक्षण (Symptoms of Piles in Hindi) क्या है और यह कितने प्रकार के होते है। इसका जिक्र हम अपने पिछले लेख में कर चुके है। बवासीर के लक्षण जानने के लिए आगे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। - Piles Treatment in Hindi

खूनी बवासीर क्या है? | What is Bleeding Hemorrhoids in Hindi | Khooni Bawasir

कभी-कभी, जब बाहरी या आंतरिक बवासीर में सूजन हो जाती है, तो रक्त शिराओं के समूहों में जमा होने लगता है। इस स्थिति में, थ्रोम्बस के रूप में जाना जाने वाला रक्त का थक्का बवासीर में बन सकता है। यही कारण है कि इस तीसरे प्रकार को थ्रोम्बोस्ड हेमोराइड (Thrombosed hemorrhoid) कहा जाता है। समय के साथ, थ्रोम्बोस्ड हेमोराइड भी गुदा के आसपास के ऊतक में एक कठोर गांठ का कारण बन सकता है। इनके मुख्य लक्षण में कभी-कभी मलाशय से रक्तस्राव होता है (जो टॉयलेट पेपर पर या शौचालय के कटोरे में चमकीले लाल रक्त के रूप में दिखाई देगा)।

बवासीर से खून क्यों निकलता है? | Why Do Hemorrhoids Bleed?

भले ही आंतरिक और बाहरी बावसीर थोड़े अलग हों लेकिन उनके बीच रक्तस्राव होने की संभावना एक समान होती है। ब्लीडिंग कई कारणों से हो सकता है, लेकिन मुख्य कारण मल त्याग के दौरान तनाव होता है। जब सूजन, सूजन वाली बवासीर अत्यधिक तनाव के अधीन होती है, तो बवासीर (Piles) की सतह क्षतिग्रस्त हो सकती है और खून बहना शुरू हो सकता है। यह तब भी हो सकता है जब किसी व्यक्ति को कब्ज़ हो और उसका मल सूखा और सख्त हो। रक्त जमा करने के दबाव के कारण, थ्रोम्बोस्ड बवासीर फट सकता है और ब्लीडिंग हो सकती है।

खूनी बवासीर का उपचार | khooni bawasir ka Ilaj | Bleeding Hemorrhoids Treatment in Hindi

हम यहां खूनी बावसीर के लक्षण को कम करने के कुछ तरीके बता रहे है।

  • गर्म पानी और एप्सम नमक के साथ सिट्ज़ बाथ करें।
  • सूखे टॉयलेट पेपर के बजाय नम टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल करें।
  • तौलिये में लिपटे आइस पैक पर बैठने से बेचैनी कम हो सकती है।
  • हाइड्रेटेड रहें और मल को नरम रखने में मदद करने के लिए फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
  • कब्ज की संभावना को कम करने के लिए शारीरिक रूप से सक्रिय रहें।
  • शौच को आसान बनाने के लिए उच्च फाइबर खाद्य पदार्थ या फाइबर सप्लीमेंट (मेटामुसिल) लें।
  • ओवर-द-काउंटर दर्द की दवा जैसे इबुप्रोफेन भी ले सकते है।
  • सपोसिटरी या मल सॉफ़्नर का उपयोग भी कर सकते है।

बावसीर का घरेलू उपचार | Bawasir ka Gharelu Upchar | Home remedies for hemorrhoids

हम यहां कई तरह के घरेलू उपचार बताने जा रहे है जिन्हें बवासीर की गारंटी की दवा बताई जाती है। यनं उपचार के जरिए आप खूनी बवासीर का इलाज (Khooni Bawasir ka ilaj) बादी बावसीर का इलाज भी कर सकते है तो आइए जानते है बावसीर का देसी इलाज।

केले से बावसीर का इलाज (kele se Bawasir ka ilaj)

केले में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो कब्ज और बवासीर के लिए उपयोगी साबित होते हैं. इसके लिए एक पके केले को बीच से काट लें और उस पर कथा छिड़क लें अब इसे रात भर के लिए खुले आसमान में रख दें। अगली सुबह इसके लिए को खाली पेट खाएं, इसे खाने से आपको 5-7 दिन में ही राहत मिलेगी।

इसके अलावा केले को बीच से काटकर एक मसूर के बराबर भीमसेनी कपूर रखकर केले को फिर से चिपका कर इसे खुले आसमान में रख दें। अब सुबह इसे खाली पेट सेवन करें। इससे एक ही दिन में बवासीर की समस्या से राहत मिलेगी। (और पढ़ें- Health Benefits of Bananas In Hindi)

फिटकरी से बवासीर का इलाज (Fitkari se bawaseer ka ilaj)

सफ़ेद फिटकरी का प्रयोग बवासीर में ज्यादा किया जाता है। इसका बवासीर में काम सिकुड़न पैदा करना होता है। किसी घाव को जल्दी भरने के लिए भी फिटकरी का उपयोग किया जाता है।

बवासीर में फिटकरी का उपयोग-

एक गिलास पानी में आधा चम्मच पिसी हुई फिटकरी मिलाकर प्रतिदिन गुदा को धोयें तथा साफ कपड़े को फिटकरी के पानी में भिगोकर गुदे पर रखने से लाभ होता है।

खूनी बवासीर का इलाज (Khooni Bawasir ka ilaj) करने के लिए एक चम्मच शहद में दो चुटकी फिटकरी मिलाएं और सेवन करें। इस नुस्खे को दिन में दो बार खाना खाने के बाद आजमाएं।

दही से बावसीर का इलाज (Dahi se bawasir ka ilaj)

आप जानते हैं कि बवासीर (Piles) होने की मुख्य वजह कब्ज़ है। दही से सेवन से पेट की कब्ज़ दूर होती है और इस तरह बवासीर की समस्या से आराम मिलता है। खासतौर पर दही की मलाई का सेवन करना खूनी बवासीर में उपयोगी माना जाता है।

जब तक बवासीर में खून आता रहे तब तक केवल दही ही खाते रहें बाकी सारी चीजे बंद कर दें। इससे बवासीर में खून आना बंद हो जाता है। (और पढ़ें- Dahi khane ke fayde)

किशमिश से बावसीर का इलाज (kishmish se bawaseer ka ilaj)

बवासीर में किशमिश के सेवन से कब्ज की समस्या नहीं होती है। इससे बवासीर में पेट आसानी से साफ़ होता है। इसमें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।

रात में लगभग 100 ग्राम किशमिश को पानी में भिगोकर रख दें। अब सुबह इस किशमिश को पानी में मसल दे। मसलने के बाद पानी सहित किशमिश का सेवन करें। ऐसा कुछ दिनों तक करने से बवासीर की समस्या में आराम मिलेगा।

गुलकंद से बवासीर का इलाज (Gulkand se bawaseer ka ilaj)

गुलकंद की तासीर ठंडी होती है और साथ ही यह पेट को भी साफ़ रखता है। भोजन आसानी से पच जाता है और मल गाढ़ा न होने से रोगी को काफी हद तक आराम मिलता है।

बवासीर में अगर कब्ज है तो एक रात को सोने से पहले गुलकंद का सेवन करें। अगर कब्ज अधिक है तो दो बार सुबह-शाम खाने के एक घंटे बाद गुलकंद का सेवन करें। गुलकंद को दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है।

आक के पत्ते से बवासीर का इलाज (aak ke patte se bawaseer ka ilaj)

आक का पत्ता बवासीर (Piles) जैसी बीमारी को भी दूर करता है। अगर आप को बवासीर है तो आप आक का पत्ता और डण्ठल को पानी में भिगो दें। इसे पीने से बवासीर की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।

नारियल तेल से बवासीर का इलाज (Coconut Oil se Bawasir ka ilaj)

पाइल्स के घरेलू उपायों में से एक ये भी है। नारियल का तेल एक प्राकृतिक मॉइस्चराइज़र है, जो हेमोराइड के लक्षणों को काम करने में मदद करता है। नारियल के तेल को लगाने से जलन और सूजन कम हो सकती है। (और पढ़े - Benefits of virgin coconut oil in Hindi)

एलोवेरा से बवासीर का इलाज (Aloe vera se bawaseer ka ilaj)

Piles home remedies के मामले में एलोवेरा भी पाइल्स में लाभकारी है। एलोवेरा का अज्वलनशील गुण बवासीर की सूजन को शांत करने में मदद करता है। एलोवेरा की सहायता से आप पाइल्स का घर में इलाज कर सकते हैं। इसके अज्वलनशील गुण के कारण ही इसका उपयोग हेमोरोइड के कई लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है। (और पढ़ें - Benefits of Aloe Vera Gel in Hindi)

एलोवेरा हल्दी से बवासीर का इलाज (Piles Home Remedies in Hindi)

थोड़ा सा एलोवेरा जेल में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं। रात मैं नियमित रूप से सोने के समय आपको अपनी गुदा पर बवासीर वाली जगह पर इस लेप को लगाना है। दो हफ्तों तक लगातार ऐसा करें। इससे आपको बवासीर से जल्द ही राहत मिलेगी।

नीम से बवासीर का इलाज (Neem se bawasir ka ilaj)

बुंदेलखंड में आदिवासी हर्बल जानकार बवासीर जैसे कष्टकारी रोग के इलाज के लिए नीम तथा कनेर के पत्ते की समान मात्रा लेकर प्रभावित अंग में लेप की सलाह देते हैं, इनका मानना है कि ये लेप लगातार एक हप्ते तक लगाने से कष्ट कम होता जाता है। (और पढें - Benefits of Neem in Hindi=

मेथी से बवासीर का इलाज (Methi se bawasir ka ilaj)

मेथी के भीगे हुए दाने बवासीर जैसी खतरनाक बीमारी को खत्म करने में मदद करते हैं। रोजाना सुबह यदि खाली पेट मेथी के दानों को चबाकर खाया जाए तो बवासीर को रोकने में काफी मदद मिलती है। इसके अलावा 5-5 ग्राम मेथी और सोया के दाने पीसकर सुबह-शाम पीने से भी ये रोग संतुलित रहता है। यदि आपको ये खाने में काफी कड़वे लगें तो आप इसमें थोड़ी से चीनी मिलाकर भी खा सकते हैं। यदि आप मेथी के दानों का पेस्ट मस्सों पर लगाते हैं तो आपको जलन और खुजली में भी काफी राहत मिलेगी।

बवासीर के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बुटी | Ayurvedic Medicines for Piles in Hindi

बवासीर के आयुर्वेदिक उपचार के लिए प्रकृति में कई प्रकार की जड़ी-बुटियां उपलब्‍ध है। इनमें से प्रमुख है-

हल्‍दी- हल्‍दी बैक्टिरिया रोधी, कृमिनाशक एवं वायुनाशक होता है। इसमें घाव को भरने का गुण भी पाया जाता है इस कारण इसका उपयोग बवासीर में किया जाता है। हल्‍दी को दूध में मिलाकर पीने से लाभ होता है। चंदन के साथ हल्‍दी मिलाकर लेप बनाकर घाव में लगाने घाव जल्‍दी भरता है।

मंजिष्‍ठा- मंजिष्‍ठा में त्‍वचा के ऊतकों को सिकोड़ने वाला गुण होता है। इसके साथ ही यह घाव को भरने में मदद करता है। इसी कारण इसका उपयोग बवासीर के नियंत्रण में किया जाता है। मंजिष्‍ठा का काठा पेय के रूप में एवं इसका पावडर पेस्‍ट के रूप में प्रयोग में लाई जाती है।

हरितकी- यह पाचक एवं रेचक के रूप में जाना जाता है। इसके प्रयोग से बवासीर में जो मल त्‍यागना कठीन होता में कठिनाई दूर करने में उपयोगी है।

कुटजा- खूनी बवासीर के लिये यह अत्‍यधिक उपयोगी है। इसके उपयोग से रक्‍तस्राव बंद हो जाता है।

बवासीर के लिये आयुर्वेदिक औषधि- बवासीर के नियंत्रण के लिये आयुर्वेद में कई प्रकार की औषधियां प्रचलित है जिसमें त्रिफला गुग्‍ल टेबलेट, कांकायण बटी, आदि प्रमुख है।

Conclusion -

इस लेख में हमने आपको बताया कि खूनी बवासीर का इलाज कैसे करें? और यहां बवासीर का घरेलू उपचार (Bawasir ka Gharelu Upchar) क्या है। उम्मीद है कि आपको पता चल गया होगा कि बावसीर का घरेलू उपचार (Home remedies for hemorrhoids) कैसे करें? लेख पसंद आया हो तो इसे सोशल मीडिया पर शेयर जरूरी करें।

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