
म्यूच्यूअल फण्ड में आपको निवेश क्यों करना चाहिए? जानिए Mutual Fund ke 10 Fayde

Mutual Fund ke Fayde: हम सभी ने म्यूचुअल फंड के विज्ञापन देखे हैं जो कि मोहक है लेकिन फिर भी डिस्क्लेमर के साथ आते है। वे आकर्षक लगते हैं जो हमें उच्च रिटर्न दे सकते हैं लेकिन बाजार के जोखिमों के अधीन हैं। इससे कई निवेशक Mutual Fund के बारे में भयभीत होने के साथ-साथ संदिग्ध भी महसूस करते हैं। उन्हें इस बात से हैरानी होती है कि क्या Mutual Fund एक सुरक्षित निवेश साधन हैं या नहीं। इसलिए आज के इस लेख में हम आपको बतएंगे की Mutual Fund ke Fayde (Benefits of Mutual Fund in Hindi) क्या है? और इसमें निवेश क्यों करना चाहिए।
म्यूच्यूअल फंड क्या है? | What is Mutual Fund in Hindi
म्यूच्यूअल फण्ड का अर्थ होता है सामूहिक निवेश। म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) में सिर्फ आपके अकेले का निवेश नहीं होता है बल्कि कई लोगों का निवेश होता है। Mutual Fund स्कीम में अनेक निवेशकों का पैसा जमा रहता है जिसका मुख्य उद्देश्य अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न देना होता है।
आसान भाषा में समझे तो म्यूच्यूअल फंड एक ऐसा बकेट है जो कई अलग निवेशकों से एकत्रित किए हुए पैसे से बना होता है। ये बहुत सारा पैसा फण्ड मैनेजर को विकल्प देता है कि वो निवेशकों का पैसा अलग- अलग जगह लगाकर उसका सही इस्तेमाल करें। इस बकेट में एकत्रित पैसे को स्टॉक मार्केट, बॉन्ड्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट आदि में निवेश किया जाता है।
Mutual Fund इस वक्त तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं और इसका उद्योग तेजी से विकसित हुआ है। इसका स्पष्ट कारण यह है कि इसमें विभिन्न प्रकार के निवेशकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए असंख्य योजनाएं हैं।
बता दें कि सभी Mutual funds को SEBI (Securities exchange Board of India) द्वारा रेगुलेट किया जाता है। सेबी सभी फण्ड हाउस पर अपना नियंत्रण रखता हैं जिससे निवेशकों के साथ धोखा-धड़ी को रोका जा सकें। इस प्रकार म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश सुरक्षित माना जाता है।
Mutual Fund ke 10 Fayde | Mutual Fund Benefits in Hindi
अनुभवी निवेशक म्यूचुअल फंड के लाभों के बारे में जानते है, लेकिन नौसिखियों के लिए Mutual Fund के फायदें को समझना महत्वपूर्ण है। यहां कई कारण बताए गए हैं कि आपको म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करना चाहिए।
1. डाइवर्स पोर्टफोलियो
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) का पहला और सबसे महत्वपूर्ण लाभ निवेश का डाइवर्स पोर्टफोलिया है। अलग अलग निवेशकों से एकत्र किए गए फंड को इक्विटी, ऋण, सोना, विदेशी प्रतिभूतियों और एसेट में निवेश किया जाता है। यह विभिन्न क्षेत्रों, उद्योगों और सेक्टर्स की कंपनियों में निवेश किया जाता है। एक डाइवर्स पोर्टफोलिया जोखिम में कमी से लाभ को आकर्षित करने में मदद करता है। शेयरों की तरह सिंगल एसेट निवेश अत्यधिक अस्थिर होता है क्योंकि बाजार में उथल-पुथल होने पर आप पूरे निवेश का मूल्य खो सकते हैं। लेकिन म्यूचुअल फंड में प्रत्येक सिंगल एसेट को बाजार की अस्थिरता से अलग किया जाता है। इसलिए सभी एसेट या स्टॉक एक साथ नहीं बढ़ सकते हैं या गिर सकते हैं।
2. अच्छा रिटर्न
Mutual Fund निवेश पर अच्छा रिटर्न देते हैं और मुद्रास्फीति को मात देते हुए समय के साथ पूंजी बनाने की क्षमता रखते हैं। चूंकि यह कई क्षेत्रों और उद्योगों के एसेट में निवेश करता है, इसलिए इसके निवेश में संतुलित जोखिम अनुपात होता है। साथ ही SIP के साथ आप एकमुश्त के बजाय कुछ वर्षों के लिए समय-समय पर छोटी राशि का निवेश कर सकते हैं। जब फंड का यूनिट मूल्य अधिक होता है तो आप कम यूनिट खरीदते हैं और कीमत कम होने पर अधिक खरीदते हैं। इसे रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का लाभ कहा जाता है, जहां इकाइयों की औसत लागत कम हो जाती है और इसलिए निवेश पर अधिक रिटर्न (ROI) होता है।
3.प्रोफेशनल मैनजेमेंट
यह Mutual Fund स्कीम्स के सबसे अच्छे और सबसे बड़े फायदें में से एक है। म्यूच्यूअल फण्ड कंपनीज फंड की निगरानी करने के लिए फंड मैनेजर रखते हैं। अधिकांश निवेशकों के पास समय की कमी होती है। यहां तक कि कई शेयरों और एसेट का शोध और विश्लेषण करने के लिए अनुभव की कमी भी होती है। इसलिए आपको कई तरह की पोर्टफोलियो रखने के लिए किसी विशेषज्ञ को आउटसोर्स करने की आवश्यकता नहीं है बल्कि म्यूचुअल फंड योजनाओं में निवेश करना चाहिए। AMC के पास योग्य प्रबंधक और सहायक दल होते हैं जो यह तय करते हैं कि सिक्योरिटीज के लिए धन कैसे आवंटित किया जाए और ऐसा कब किया जाए। वे निवेशकों के लिए इंटरेस्ट बढ़ाने का उपाए करते है।
4. कम निवेश लागत
Mutual Fund में कई ग्राहकों के धन को पूल बनाकर निवेश किया जाता है। एक निवेशक के तौर पर अपने हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनिटहोल्डर बन जाते है। किसी स्टॉक या किसी संपत्ति को खरीदने के लिए आपको बड़ी पूंजी की जरूरत होती है। लेकिन म्युचुअल फंड के साथ आप कम पूंजी में ही कई तरह कर फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते है। ऐसा इसलिए है क्योंकि म्यूचुअल फंड बड़ी मात्रा में सिक्योरिटीज का व्यापार करते हैं और लेनदेन की लागत कम हो जाती है। जब आप थोक में इकाइयां खरीदते या बेचते हैं, तो प्रति इकाई लेन-देन की लागत खुदरा निवेशकों द्वारा स्टॉक ब्रोकरों के माध्यम से खर्च की जाने वाली लागत से सस्ती होती है। इसे लेन-देन लागत में पैमाने की अर्थव्यवस्था कहा जाता है और म्यूचुअल फंड को लागत प्रभावी बनाता है।
5. निवेश के लिए फ्लेक्सिबल इन्वेस्टमेंट
म्यूचुअल फंड स्कीम में आप कितनी राशि निवेश कर सकते हैं इसकी कोई सीमा नहीं है और आप भुगतान के विभिन्न तरीकों से बाहर निकल सकते हैं। आप एकमुश्त भुगतान कर सकते हैं, या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP), सिस्टेमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP), और सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान (SWP) के लिए जा सकते हैं। SIP आपको मासिक या क्वाटरली पेमेंट के माध्यम से छोटे योगदान करने की अनुमति देता है। आप SIP की राशि को बढ़ा या घटा भी सकते हैं।
6. टैक्स बेनिफिट्स
यदि आप ऐसे निवेश की तलाश में हैं जो उच्च रिटर्न और टैक्स बेनिफिट दोनों प्रदान करता है, तो आप इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) चुन सकते हैं। यह एक म्यूचुअल फंड योजना है जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के तहत कर मुक्त है। इसमें 1.5 लाख रुपए तक कि रकम पर टैक्स छूट मिल जाता है। यह 3 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है। यह फिक्स्ड डिपाजिट और PPF से बेहतर रिटर्न प्रदान करता है।
7. लिक्विडिटी
ELSS को छोड़कर सभी म्यूच्यूअल फंड लॉक-इन पीरियड में साथ नहीं आते है। आप अपने पैसों को कभी भी बड़ी ही आसानी से भुना सकते है। आप आसानी से पैसे निकाल सकते हैं और उन यूनिट्स को बेच सकते हैं जो अत्यधिक तरल हैं। इसमें आपका पैसा जल्द ही ट्रांसफर हो जाता है, आप पैसों को कुछ ही दिनों में अपने बैंक खाते में प्राप्त कर लेते हैं। हालांकि, एक एक्जिट लोड हो सकता है, जो मैच्योरिटी अवधि से पहले रिडीम करने पर प्री-एग्जिट पेनल्टी है।
8. बड़े पैमाने पर इन्वेस्टर्स को करता है आकर्षित
म्यूचुअल फंड कई तरह के एसेट में निवेश करते हैं और कई प्रकार के होते हैं, इसलिए वे बड़े पैमाने पर निवेशकों के अनुरूप कई तरह की योजनाएं पेश करते हैं। जोखिम सहने वाले निवेशकों के लिए इक्विटी फंड और कम जोखिम के साथ निश्चित रिटर्न चाहने वालों के लिए डेट फंड हैं। शॉर्ट टर्म में बेहतर रिटर्न पाने के लिए आप टैक्स बेनिफिट्स के लिए ELSS को FD के विकल्प के रूप में लिक्विड फंड चुन सकते हैं। अगर आप इक्विटी फंड में सुरक्षित निवेश का विकल्प चुनना चाहते हैं, तो आप लार्ज-कैप फंडों के लिए जा सकते हैं क्योंकि बड़ी रकम ब्लूचिप कंपनियों के शेयरों में निवेश की जाती है। ब्लूचिप या लार्ज-कैपिटलाइज़ेशन कंपनियां सेबी द्वारा सूचीबद्ध सबसे बड़ी पूंजी संरचना वाली शीर्ष 100 कंपनियां हैं।
अगर आपमें जोखिम लेने की क्षमता अधिक है तो आप मिड-कैप या स्मॉल-कैप फंडों में जा सकते हैं। वे मध्यम आकार या छोटी कंपनी के शेयरों में निवेश करते हैं जो उच्च जोखिम लेते हैं लेकिन लंबी अवधि में बहुत अधिक रिटर्न दे सकते हैं। आपके पास अपने निवेश लक्ष्यों और जोखिम वहन करने की क्षमता से मेल खाने के लिए एक मिक्स पोर्टफोलियो हो सकता है।
9. बहुत ही आसान निवेश
जैसा कि पहले ही उल्लेख किया गया है कि म्युचुअल फंड कम लागत और निवेश देने वाले उच्च रिटर्न हैं। विशेष रूप से SIP के साथ यह कई लोगों के लिए अफोर्डेबल हो जाता है जहां लोग कम राशि लगाकर निवेश कर सकते है। आप 500 रुपए दे भी कई प्लेटफार्मों के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आप AMC (ऑनलाइन या ऑफलाइन), ब्रोकरेज फर्मों, एजेंटों, बैंकों, रजिस्ट्रारों और विभिन्न म्यूचुअल फंड निवेश साइटों और ऐप्स के माध्यम से निवेश कर सकते हैं। आपको किसी डीमैट खाते की आवश्यकता नहीं है, लेकिन आवश्यक दस्तावेज प्रदान करना जरूरी है।
10. ट्रांसपेरेंट और रेगुलेटेड
म्यूचुअल फंड एक अत्यधिक पारदर्शी (Transparent) निवेश है क्योंकि यह SEBI के मानदंडों द्वारा नियंत्रित होता है। साथ ही एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) फंड हाउस और एएमसी (Asset Management Companies) द्वारा गठित एक सेल्फ रेगुलेटेड बॉडी है। AMFI सेबी के अंतर्गत में एक नियामक है जो नैतिक और पेशेवर मानकों पर म्यूचुअल फंड उद्योग को विकसित करता है। इसलिए म्यूच्यूअल फंड में निवेश बिल्कुल ही ट्रांसपेरेंट होता है और इसमें किसी तरह के धोखाधड़ी की गुंजाइश नहीं होती है।
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