
टैक्स बचाने के लिए सबसे बेहतर विकल्प है ELSS, जानिए आपको क्यों करना चाहिए इस स्कीम में निवेश

ELSS Fund: टैक्स बचाने के तरीकों पर विचार करते समय आपने PPF, EPF, बैंक FD, ULIP, NSC और ऐसे ही कई लोकप्रिय टैक्स-बचत विकल्पों के बारे में सुना होगा। इन सभी के बीच इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) ने अन्य विकल्पों की तुलना में बहुत ज्यादा लोकप्रियता हासिल की है। ज्यादातर टैक्स सेविंग इम्वेस्टमेंट में इनकम टैक्स एक्ट 80C के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है, लेकिन तमाम कई कारणों से उन्हें ELSS की तुलना में बेहतर ऑप्शन नहीं माना जाता है। आखिर ऐसा क्यों है चलिए आपको बताते है।
ELSS अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों से बेहतर क्यों है?
1. सबसे छोटा लॉक-इन पीरियड
लॉक-इन पीरियड का मतलब है वह समय जिसके लिए आपको अपने निवेश को भुनाने की अनुमति नहीं है। PPF और NSC जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में क्रमशः 15 साल और 5 साल का लंबा लॉक-इन पीरियड होता है। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत उपलब्ध अन्य टैक्स सेविंग प्लान की तुलना में ELSS में सबसे कम लॉक-इन पीरियड होता है। ELSS फंड में निवेश किया गया पैसा अन्य इंस्ट्रूमेंट की तुलना में जल्दी प्राप्त करने योग्य हो जाता है।
भले ही ELSS की लॉक-इन अवधि सबसे कम हो लेकीन सबसे बेहतर रिटर्न के लिए हमेशा लंबी अवधि के लिए बने रहने की सलाह दी जाती है। आप इमरजेंसी की स्थिती में पैसे निकालने के लिए लिक्विड फंड का उपयोग कर सकते हैं।
2. इक्विटी में 80-100% तक निवेश
मोटे तौर पर निवेशक जोखिम से बचने वाले या जोखिम उठाने वाले होते है। जो लोग अपने पोर्टफोलियो में जोखिम लेना चाहते हैं वे आमतौर पर इक्विटी निवेश की तलाश करते हैं। इस नजरिए से ELSS Fund एक निवेशक के पोर्टफोलियो में ज्यादा वैल्यू ऐड कर सकता है। कुछ लोग यह तर्क दे सकते हैं कि इस मामले में NPS और ULIP भी इक्विटी में निवेश करते हैं। यह सच है लेकिन NPS आपको इक्विटी में सीमित निवेश देता है। जहां तक ULIP का संबंध है, इक्विटी में आपका कुल एक्सपोजर घटकर आधा रह जाता है क्योंकि आपकी निवेशित राशि का एक हिस्सा बीमा सुरक्षा प्रदान करने के लिए डायवर्ट किया जाता है।
इन प्रोडक्ट्स की तुलना में ELSS एक प्रभावी प्रोडक्ट है जो आपके फंड का लगभग 80-100% इक्विटी में निवेश करता है। ELSS फंड के साथ आप रिटायरमेंट प्लान जैसे योजना को सोचकर लांग टर्म में बड़ा फंड जमा कर सकते है।
3. निवेश पर अधिक रिटर्न
धारा 80सी के तहत उपलब्ध अधिकांश निवेश के लिए आपको मध्यम से लंबी अवधि का निवेश नजरियां चाहिए। लेकिन ऐसे निवेश में आपको यजी उम्मीद करनी चाहिए कि आपको मिलने वाला रिटर्न मुद्रास्फीति (Inflation) के दबाव को मात दे सकें। लेकिन अगर आप गहराई से विश्लेषण करते हैं, तो यह पूरी तरह से एक अलग कहानी है। क्योंकि NSC और PPF जैसे फिक्स्ड इंटरेस्ट सिक्योरिटीज 7-8% की रेंज में रिटर्न देती हैं। सुकन्या समृद्धि योजना में थोड़ा अधिक ब्याज देती है। लेकिन इन सब स्कीम में 10 से 15 साल का लॉक इन पीरियड होता है, तब तक मुद्रास्फीति दर में भी वृद्धि हो जाती है। इस लिहाज से गणना की जाएं तो आप 2 से 3 पेरसेंट ही रिटर्न प्राप्त कर पाते है।
वहीं, ELSS अनिवार्य रूप से इक्विटी बाजारों में निवेश करता है। आप उनसे अन्य टैक्स-सेविंग निवेश विकल्पों की तुलना में उच्च रिटर्न अर्जित करने की उम्मीद कर सकते हैं। इसलिए ELSS फंड में निवेश करके आप न केवल टैक्स बचाते हैं बल्कि अपने निवेश पर अधिक रिटर्न भी अर्जित करते हैं।
4. बचत और निवेश की आदत
ELSS फंड में आप SIP का उपयोग करके नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं। SIP में आपके बैंक खाते से एक निश्चित राशि काट ली जाती है और आपके पसंदीदा ELSS फंड की यूनिट खरीदने के लिए उपयोग की जाती है। जब आप मासिक आधार पर नियमित रूप से छोटी राशि का निवेश करते हैं, तो यह वित्तीय वर्ष के अंत में आपके सामने आने वाले तरलता के दबाव को कम करता है। यह नियोजित निवेश कार्यक्रम आपको बचत और निवेश की आदत डालने के लिए भी प्रेरित करता है। इस तरह आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए निवेश की ओर रुख करते हैं। आप रुपये की औसत लागत और कंपाउंडिंग की शक्ति का लाभ उठाते हैं।
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