
Thematic Mutual Funds Kya Hai? | थीम आधारित फंड क्या है और किसे करना चाहिए निवेश?

Thematic Funds in Hindi: निवेश के लिए म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) इन दिनों एक बेहतरीन विकल्प बनता जा रहा है। इसपर मिलने वाला रिटर्न निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। मौजूदा समय में म्यूच्यूअल फंड में ही कई प्रकार की केटेगरी है। इन्ही केटेगरी में से एक केटेगरी थीम आधारित म्यूच्यूअल फंड (Thematic Mutual Fund) है। यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी फंड होते है, यह कई सेक्टरों में निवेश करते हैं जो एक कॉमन थीम से जुड़े होते हैं। तो अगर आप विस्तार से जानना चाहते है कि Thematic Mutual Fund Kya Hai? (What is Thematic Mutual Fund in Hindi) और यह किस तरह से काम करता है? (How do Thematic funds work?) तो लेख के साथ अंत तक बने रहे।
Thematic Mutual Fund Kya Hai? | What is Thematic Mutual Fund in Hindi
Thematic Funds in Hindi: थीमैटिक फंड ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम हैं जो एक पूर्व निर्धारित निवेश थीम के अनुरूप निवेश करती हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) अपने पोर्टफोलियो का निर्माण करते समय कई तरह की स्ट्रेटेजी का पालन करते हैं। थीम आधारित निवेश ऐसी ही एक रणनीति है। थीम-आधारित फंड में सेमी-डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो होता है। ये फंड कई सेक्टरों में निवेश करते हैं जो एक कॉमन थीम से जुड़े होते हैं, जैसे की हाउसिंग, टुरिजम, मेक इन इंडिया इत्यादी।
उदाहरण के तौर पर अगर एक हाउसिंग थीमेटिक फंड उस कंपनी में इंवेस्ट करता है जो हाउसिंग थीम का हिस्सा है तो इस थीम में सिमेंट कंपनी, पेइंट कंपनी, हाउसिंग फाइनांस कंपनी, स्टील कंपनी और वो सारी कंपनीज आएगी जो हाउसिंग थीम का हिस्सा है। चाहे ये कंपनी अलग अलग सेकटर की क्यों न हो। लेकिन उसकी थीम एक होगी।
सेबी के गाइडलाइन्स के अनुसार, थीमैटिक फंडों को अपनी संपत्ति का 80% किसी पर्टिकुलर थीम के शेयरों में, अलग-अलग सेक्टरों में निवेश करना होता है।
थीमैटिक फंड कैसे काम करते हैं? | How do Thematic Funds work?
Thematic Funds in Hindi: सभी Mutual Fund में एक बुनियादी एसेट होता है जो उनके लिए रिटर्न लाता है। लार्ज-कैप फंड के मामले में भारत की सबसे बड़ी मार्केट कैपिटलाइजेशन कंपनियां उनका मुख्य एसेट होती है। इसी तरह Thematic Funds में कम्पनीज के स्टॉक मुख्य एसेट होते है जो पहले से निर्धारित विषय द्वारा जुड़े हुए होते है।
उदाहरण के लिए अगर कोई फंड ESG थीम का पालन करता है तो वह उन कंपनियों में निवेश करेगा जिन्होंने पर्यावरण, सामाजिक और (कॉर्पोरेट) गवर्नेन्स फैक्टर के मामले में विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है।
Thematic Fund सेक्टर-आधारित फंड (Sectoral Fund) की तुलना में ज़्यादा डायवर्सिफाइड होते हैं। अगर सही तरीके से योजना बनाई जाए और निवेश किया जाए तो ये फंड भी बाज़ार से अच्छा रिटर्न हासिल कर सकते हैं। लेकिन थीम-आधारित फंड के तहत एसेट चुनना ज़्यादा मुश्किल होता है। सेक्टर फंड में निवेश करना बहुत आसान है क्योंकि आप जानते हैं कि कौन सा सेक्टर चुनना है।
थीमैटिक फंड में निवेश के लाभ? | Benefits of Investing in Thematic Funds?
सेक्टोरल फंड से ज्यादा डायवर्सिफाइड होता है
जब आप किसी सेक्टर फंड में निवेश करते हैं तो ज्यादा विविधीकरण (Diversification) अवसर प्रदान नहीं किया जाता है क्योंकि आपका पोर्टफोलियो एक सेक्टर के दायरे में सीमित होता है। अगर किसी कारण से सेक्टर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है तो आपके पोर्टफोलियो पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके विपरीत Thematic Funds में आपको कुछ मात्रा में विविधीकरण मिलता है क्योंकि यह एक थीम के अनुरूप निवेश करता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कंपनियों के स्टॉक हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए एक ऐसे फंड को लेते है जिसका विषय विनिर्माण है तो यह उन कंपनियों में निवेश करेग विभिन्न उद्योगों से संबंधित हैं। भले ही एक सेक्टर की कंपनियां एक निश्चित समय में अच्छा प्रदर्शन न करें लेकिन अन्य सेक्टर आपके पोर्टफोलियो को बुरी तरह विफल होने से बचाएंगे।
सही थीम मिलने पर मार्केट-बीटिंग रिटर्न
अगर आपके द्वारा चुना गया Thematic Funds स्पॉट पर हिट हो जाता है तो असाधारण रिटर्न मिलता है। हालांकि यह कहना जितना आसान है उतना ही कठिन सही थीम चुनना है। इसके लिए बहुत अधिक मार्केट एनालिसिस की जरूरत पड़ती है। नियमित रूप से आपको समाचार हैडलाइन को फॉलो करना होता है। अगर आप सभी प्रयासों के बाद सही थीम में निवेश करते है तो Thematic Fund आपके लिए अच्छा रिटर्न उत्पन्न करने में सक्षम हैं।
थीमैटिक फंड में किसे निवेश करना चाहिए? | Who should invest in Thematic Funds?
उच्च जोखिम वाले निवेशक
थीमैटिक फंड सबसे जोखिम भरे म्यूचुअल फंड श्रेणियों में से एक हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब कोई पोर्टफोलियो किसी थीम को ध्यान में रखकर बनाया जाता है तो निवेश के अवसरों का दायरा सीमित हो जाता है। उसे सिर्फ उन्हीं शेयरों में निवेश करना होगा जो उस थीम से जुड़े हों और इसमें झोखिम बहुत है। तो इसलिए जो निवेशक ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं उन्हें इन फंडों में निवेश करना चाहिए।
लंबी अवधि में रिटर्न चाहने वाले निवेशक
कभी-कभी किसी थीम को अपनी पूरी क्षमता से ऑपरेट करने में समय लगता है। उदाहरण के लिए हम हमेशा से जानते थे कि 90 के दशक की शुरुआत से ही सॉफ्टवेयर और इंटरनेट तकनीक में अपार संभावनाएं थीं। लेकिन 20 वर्षों के बाद ही हम इन थीम को अपनी पूरी क्षमता से काम करते हुए देख रहे हैं। इस प्रकार इन थीम को बड़े निवेश में लाने के लिए समय और धैर्य लगता है। इसलिए अगर आप एक ऐसे निवेशक हैं जो लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न की तलाश में हैं तो Thematic Fund आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। हालांकि यह सलाह दी जाती है कि पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को थीमैटिक फंड में नहीं कूदना चाहिए।
जानकार निवेशक ही करें निवेश
Thematic Fund के पोर्टफोलियो में फंड की थीम से संबंधित कई सेक्टर की कंपनियों के शेयर होते हैं। इन सभी क्षेत्रों के विकास के बारे में हर निवेशक को अंदाजा नहीं होगा। जब आपको फंड के थीम के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों की अच्छी समझ हो तो आप बेहतर तरीके से सोचकर निवेश कर सकते हैं। इसलिए जो निवेशक नियमित रूप से खबरों का पालन करते हैं और विभिन्न सेक्टर की जानकारी रखते हैं वे Thematic Fund में निवेश कर सकते हैं।
Thematic Fund में निवेश करने से पहले ध्यान देने वाली बातें
निवेश लक्ष्य - इन फंडों में निवेश करने से पहले अपने इन्वेस्टमेंट गोल के बारे में स्पष्ट होना चाहिए। अगर आप Thematic Fund में अपने निवेश का अधिकतम लाभ उठाना चाहते हैं तो आपके पास 5 साल से अधिक का माइंडसेट होना चाहिए। किसी भी क्षेत्र को अपने चरम पर पहुंचने में काफी समय लगता है इसलिए इन फंडों में निवेश करते समय आपके पास लांग टाइम गोल होना चाहिए।
इन्वेस्टमेंट रिस्क - Thematic Fund में निवेश करने के बेनिफिट आकर्षक लग सकते हैं लेकिन थीमैटिक फंड से जुड़े जोखिम को समझना भी आवश्यक है। यह एक उच्च जोखिम वाला मार्ग है इसलिए पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को थीमैटिक फंड में निवेश से दूर रहने की सलाह दी जाती है। आइए देखें कि इन फंडों से जुड़े प्रमुख जोखिम क्या हैं
- सेमी-डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो: एक थीमैटिक फंड का पोर्टफोलियो सेक्टोरल फंड्स की तुलना में थोड़ा अधिक डायवर्सिफाइड होता है, जिसमें कोई डायवर्सिफिकेशन नहीं होता है। हालांकि यह मल्टी-कैप फंड जैसे अन्य इक्विटी फंडों की तुलना में कम विविधीकरण विकल्प प्रदान करता है जिनके पोर्टफोलियो में विभिन्न क्षेत्रों के स्टॉक शामिल हैं। चूंकि ये इक्विटी फंड थीम से बंधे नहीं हैं इस प्रकार, Thematic Fund की तुलना में सभी शेयरों के एक साथ नीचे जाने की संभावना कम होती है।
- कुछ थीम अपेक्षा से अधिक समय तक चल सकती हैं: भले ही हम में से कुछ को निकट भविष्य में एक थीम में एक मजबूत क्षमता दिखाई दे सकती है जैसे कि 4 से 5 साल मगर हमारी भविष्यवाणी गलत भी हो सकती है। एक निवेशक को Thematic Fund में अपने निवेश से अच्छा रिटर्न पाने के लिए 20 साल तक इंतजार करना पड़ सकता है। इस प्रकार Thematic Fund के साथ समय का जोखिम है।
एक्सपेंस रेश्यो - आपको उन खर्चों के बारे में स्पष्ट होना चाहिए जो आपके रिटर्न को प्रभावित करते हैं। आप जिस Thematic Fund में निवेश करने की योजना बना रहे हैं उसको मैनेज करने के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) आपसे एक शुल्क लेती हैं जिसे एक्सपेंस रेश्यो कहा जाता है। यह वार्षिक आधार पर लिया जाता है।
थीमैटिक फंड पर टैक्स का प्रभाव | Tax Implications on Thematic Fund
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG): यदि आप 1 साल के भीतर अपना निवेश बेचते हैं, तो बेनिफिट को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और आपको उन पर 15% टैक्स देना होगा।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG): जबकि किसी भी Thematic निवेश को एक वर्ष से अधिक समय तक रखा जाता है तो बेनिफिट को टैक्स टर्म कैपिटल गेन (LTCG) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। एक वित्तीय वर्ष में 1 लाख तक का बेनिफिट टैक्स फ्री है। 1 लाख से अधिक बेनिफिट पर 10% की दर से कर लगाया जाता है।
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