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क्या आप भी Mutual Funds और SIP को लेकर कंफ्यूज हैं? जानिए दोनों के बीच में क्या है अंतर

Ankit Singh
20 Jan 2022 10:46 AM GMT
क्या आप भी Mutual Funds और SIP को लेकर कंफ्यूज हैं? जानिए दोनों के बीच में क्या है अंतर
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Mutual Funds vs SIP: अधिकांश लोग म्यूच्यूअल फंड और आईआईपी को अलग अलग समझते है। अगर आपकी राय भी वही है तो पोस्ट को अंत तक पढें और जानें कि Mutual Funds और SIP में क्या अंतर है।

Mutual Funds vs SIP: बहुत सारे नौसिखिए निवेशक म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) और सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के बीच अंतर पूछते हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या दोनों के बीच कोई अंतर है? मूल रूप से कहे तो नहीं। Mutual Funds और SIP दोनों ही एक समान निवेश है। हम कह सकते हैं कि सभी SIP म्यूचुअल फंड हैं लेकिन सभी म्यूचुअल फंड SIP नहीं हैं। SIP म्यूचुअल फंड में पेमेंट करने का एक तरीका है, जिसमें निवेशक एकमुश्त (Lump-sum) निवेश करने के बजाय समय-समय पर निवेश करते हैं। तो वास्तविक सवाल म्यूचुअल फंड बनाम एसआईपी (Mutual Funds vs SIP) नहीं है, बल्कि म्यूचुअल फंड में निवेश के प्रकार के बारे में है, जो इसे एकमुश्त बनाम एसआईपी है। तो आइए समझते है कि एकमुश्त निवेश बेहतर है या एसआईपी।

एकमुश्त या SIP - कौन है बेहतर?

अलग-अलग इन्वेस्टर्स के अलग-अलग निवेश लक्ष्य हो सकते हैं और इसी तरह वे अपनी फेवरेट केटेगरी के फंड, म्यूचुअल फंड स्कीम और पेमेंट के तरीके का विकल्प चुन सकते हैं। डेट फंडों (Debt Fund) के लिए एक बार में कुल राशि का निवेश करना अच्छा है, विशेष रूप से शॉर्ट-टर्म वाले जिनमें लिक्विड फंड या इनकम फंड शामिल हैं। इक्विटी फंड (Equity Fund) के मामले में SIP बेहतर है। या जब आप म्यूचुअल फंड के बीच टैक्स सेवर विकल्प चाहते हैं, तो ईएलएसएस (ELSS - Equity Linked Savings Scheme) के लिए जाएं जो एक तरह का SIP है।

हालांकि कुछ मापदंडों के आधार पर एकमुश्त निवेश और एसआईपी के बीच तुलना की का सकती है।

1. रिस्क फैक्टर किसमे ज्यादा?

सभी Mutual Funds बाजार जोखिमों के अधीन हैं, अलग अलग फंड्स के झोखिम भी अलग अलग होते है। एकमुश्त निवेश शॉर्ट टर्म डेट फंड के लिए अच्छा है, जिसमें कम जोखिम भी होता है। इक्विटी फंड लंबी अवधि के लिए अधिक उपयुक्त हैं और SIP इस जोखिम को बैलंस करते हैं। बाजार में उतार चढ़ाव लगा रहता है। बुल मार्केट में एकमुश्त निवेश हाई रिटर्न दे सकता है लेकिन अगर बाजार में मंदी आती है तो आपको भारी नुकसान हो सकता है। वहीं दूसरी ओर SIP के जरिए उतार-चढ़ाव का असर कम होता है।

2. बढ़िया लागत औसत किसमें?

अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं और निवेशक अपना पैसा इन फंड्स में अधिक निवेश करते हैं। जिससे NAV - नेट एसेट वैल्यू (फंड की प्रति यूनिट मार्केट वैल्यू) बढ़ जाती है। मान लीजिए कि जब NAV अधिक होती है तो आप एकमुश्त निवेश करते हैं तो आप उच्च लागत पर यूनिट खरीदते हैं। वहीं अगर आप NAV कम होने पर अधिक यूनिट खरीदते है और आपके फंड खराब प्रदर्शन करने लगते है तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। लेकिन SIP के मामले में लागत का औसत निकाला जाता है और इसे एसआईपी के रूपए लागत औसत लाभ के रूप में जाना जाता है।

3. ज्यादा लचीलापन किस्में?

एकमुश्त मॉडल के माध्यम से म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास बड़ी मात्रा में फंड होना चाहिए, जो आप पर भारी पड़ सकता है। जबकि SIP निवेशकों को 500 रुपये प्रति माह जैसी छोटी राशि के माध्यम से निवेश करने की अनुमति देता है। आप बिना किसी शुल्क के कुछ किश्तों को छोड़ भी सकते हैं, आप SIP अमाउंट राशि को बढ़ा- घटा सकते हैं, और बिना शुल्क के इसे कभी भी रोक सकते हैं। जब आप एकमुश्त निवेश करते हैं तो इस प्रकार का लचीलापन नहीं दिया जाता है।

4. ज्यादा सुविधाजनक कौन?

SIP अधिक लचीले होते हैं और लोगों की जेब पर हल्के होते हैं इसलिए अधिक सुविधाजनक भी होते हैं। निवेश के एकमुश्त मोड के लिए आप एक बड़ी राशि जमा करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, लेकिन SIP के साथ, आप अपने म्यूचुअल फंड निवेश को जारी रखते हैं। यह आसान भी है क्योंकि आप अपने बैंक एकाउंट से ऑटो-डिडक्शन मोड को एक्टिव कर सकते हैं। इसके अलावा SIP में कंपाउंडिंग इंटरेस्ट की पावर होती है। यह अर्जित इंटरेस्ट रेट में फिर से चक्रवृद्धि रिटर्न देता है।

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