
SIP in Hindi : SIP Kya hai और इसमें निवेश क्यों करना चाहिए? जानें एसआईपी की संपूर्ण जानकारी

SIP in Hindi: जब भी निवेश की बात आती है तो सबके मन में कई सवाल होते है। मसलन निवेश कहा करें?, कितना निवेश करें?, कहीं निवेश की रकम डूब न जाएं? ऐसे न जाने कितने सवाल आपको कौंधते है। इस झंझट से बचने के लिए ज्यादातर लोग सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश करने की सलाह देते है। अब अगर आप उनमें से है जो यह नहीं जानते कि SIP Kya hai? तो इस लेख में आपको सारे जवाब मिल जाएंगे।
अगर आप वीत्तीय परिपेक्ष में सुरक्षित कदम बढ़ाना चाहते है तो आपको यह जरूर समझना होगा कि SIP Kya Hota Hai? (What is SIP in Hindi) यह कैसे काम करता है? (How does SIP work in Hindi) और इसके फायदें क्या है? (Benefits of SIP in Hindi) तो आइए जानते हैं Systematic Investment Plan in Hindi के बारे में पूरी जानकारी।
SIP Kya Hai? | What is Systematic Investment Plan (SIP) in Hindi
सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानी एसआईपी (SIP) एक म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) प्लान में पेमेंट का एक तरीका है, जिसमें निवेशक नियमित किश्तों के माध्यम से समय-समय पर पेमेंट करते हैं। कई नए निवेशक इस भ्रम में रहते है कि क्या SIP एक प्रकार का म्यूचुअल फंड प्लान है या कोई निवेश का कोई अन्य साधन है। SIP इन्वेस्टमेंट का कोई नया टूल नहीं है बल्कि इन्वेस्टमेंट की एक प्रक्रिया है। यह एकमुश्त निवेश का एक वैकल्पिक तरीका है, जहां आप समय के साथ एक बड़ा फंड बनाने के लिए एक फंड स्कीम में पैसों को किश्तों में निवेश करते हैं।
SIP कैसे काम करते है? | How does SIP work in Hindi
SIP in Hindi: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में प्रोफेशनल फंड मैनेजरों द्वारा निवेशकों के पैसे को स्टॉक, बॉन्ड, गोल्ड जैसे एसेट में निवेश किया जाता है। फंड मैनेजर्स मार्केट रिसर्च करते है और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट के प्रदर्शन की जांच करते है। इसके बाद ही फंड के उद्देश्य के अनुसार निवेश करते हैं। जैसे ही ये सिक्योरिटीज परफॉर्म करती हैं, उनका मूल्य बढ़ता और गिरता है, जो फंड के नेट एसेट वैल्यू (NAV) को प्रभावित करता है। NAV म्यूचुअल फंड की पर यूनिट मार्किट वैल्यू है। निवेशक इन यूनिट्स को किसी फंड स्कीम में निवेश करके खरीदते हैं। SIP के माध्यम से निवेशक कई चरणों में यूनिट्स को खरीद सकते है।
SIP यह एक ऐसा निवेश विकल्प है, जिसमें एक निश्चित समय के लिए नियमित रूप से न्यूनतम 500 रुपये का भी निवेश कर सकते हैं। आप यह भी तय कर सकते हैं कि कितने अंतराल पर इसमें निवेश करेंगे। यह साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर हो सकता है। अधिकांश फंड स्कीम में मंथली SIP होते हैं जहां स्कीम के लिए न्यूनतम निवेश मूल्य भिन्न हो सकता है। SIP का यह फायदा है कि निवेशक अपनी आय के अनुसार अपनी मासिक किस्तों की योजना बना सकते हैं। इस प्रकार कुछ समय के बाद आप एक बड़ी रकम जुटा सकते हैं।
एसआईपी की विशेषताएं | Features of SIP in Hindi
SIP in Hindi: निवेश में आसान होने के कारण SIP युवा निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा हैं। एसआईपी की विशेषताएं नीचे बताई गई है।
1. कम आय वाले भी कर सकते है निवेश
SIP उन निवेशकों की मदद कर सकता है जिनकी आय कम है जैसे कि छात्र, गृहिणी आदि को म्यूचुअल फंड में निवेश करने में मदद मिलती है। म्यूच्यूअल फंड स्कीम्स के साथ निवेशक 500 रूपए के न्यूनतम मासिक किस्त के साथ भी SIP शुरू कर सकते हैं। निवेश करने के लिए अधिकतम राशि पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। इसलिए आप छोटे नियमित भुगतानों के साथ SIP शुरू कर सकते हैं और धीरे-धीरे किस्त बढ़ा सकते हैं क्योंकि आपकी आय बढ़ती है। भले ही आपके पास ज्यादा बचत न हो या आय का निश्चित स्रोत न हो तब भी आप एसआईपी में निवेश कर सकते है।
2. नियमित निवेश की बन जाती है आदत
SIP के माध्यम से आप नियमित रूप से निवेश करने लगते है और अपने लिए एक फंड तैयार करते है जो भविष्य में आपके काम आने वाला है। इस वजह सड़ आपके अंदर निवेश करने की आदत विकसित होती है जीवन में वित्तीय अनुशासन की भावना पैदा होती है। आप नियमित रूप से SIP में योगदान करने के लिए एक छोटी राशि बचा सकते हैं और यह बेहतर है कि आप अपने खाते से SIP कटौती को आटोमेटिक करें। अगर आप महीने के शुरुआत में ही SIP किस्त की तारीख निर्धारित करते हैं, तो आपके वेतन का एक हिस्सा अन्य खर्चों पर खर्च करने से पहले म्यूचुअल फंड निवेश में जाएगा। इस प्रकार अपनी जीवन शैली से अधिक समझौता किए बिना आप अपने निवेश को एक साथ चालू रख सकते हैं।
3. कंपाउंडिंग का मिलता है लाभ
कंपाउंडिंग शब्द का अर्थ होता है ब्याज पर भी ब्याज मिलना। जब भी SIP में निवेश किया जाता हैं और उस निवेश की राशि पर जो भी रिटर्न मिलता हैं उसे वापस से वही पर फिर से इन्वेस्ट कर दिया जाता हैं जिससे निवेशक का लाभ बढ़ जाता हैं और उसको होने वाले मुनाफे में वृद्धि आती है। यह SIP के कंपाउंडिंग की शक्ति है जो लंबी अवधि में एक बड़ा फंड निर्माण करने में मदद करती है।
4. रिस्क होता है कम
SIP का सबसे बड़ा और मुख्य फायदा यह है की इसमें जोखिम काफी कम है। मान लीजिए कि आप के पास पचास हजार रुपये शेयर बाजार में निवेश करने के लिए हैं। आपने उन रुपयों को एक साथ शेयर में लगा दिया। अब आप नहीं जानते की अगले दिन बाजार ऊपर जाएगा या नीचे। यह काफी जोखिम भरा सौदा होगा।
अगर यही निवेश थोड़े थोड़े अंतराल में बंट दिया जाए तो रिस्क में कमी आ जाती है। इस 50,000 रुपये को हम 5000 रुपए की 10 किश्तों के अंतराल में जमा करके शेयर बाजार के नुकसान से खुद को बचा सकते है। ठीक इसी प्रकार SIP हमे बड़ी राशि एक साथ न लगाने की वजह से छोटी राशि निवेश करके शेयर बाजार के नुकसानों से बचाता है.
5. SIP लचीलापन प्रदान करते हैं
एक SIP में आप एक किस्त से चूक सकते हैं, किस्त की राशि बढ़ा या घटा सकते हैं और आप किसी भी समय एक ओपन-एंडेड फंड के SIP को रोक सकते हैं। SIP के किश्तों को छोड़ने या एसआईपी को रोकने के लिए कोई जुर्माना नहीं देना पड़ता है। एसआईपी फंड के लिए एसआईपी जारी रखने के दौरान यूनिट्स को रिडीम करके आप अपने रिटर्न के फंड को पूरा है आंशिक रूप से निकाल सकते है।
SIP का विकल्प क्यों चुनें? जानिए लाभ | Benefits of SIP in Hindi
SIP in Hindi: ऊपर बताई गई विशेषताएं से यह पता चलता है कि SIP छोटे और मध्यम आकार के निवेशकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है जो न्यूनतम जोखिम और अधिकतम रिटर्न के साथ बचत और निवेश करना चाहते हैं। आपको SIP में क्यों निवेश करना चाहिए अजर इसके फायदें क्या है? नीचे बताये गए है।
- Systematic Investment Plan (SIP) निवेश के एक वास्तविक मॉडल के रूप में उभरा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह युवा और नए निवेशकों के लिए एक आदर्श विकल्प है। आपको एकमुश्त निवेश की तरह पर्याप्त निवेश की जरूरत नहीं होती, इसके आलवा यह नियमित बचत करना ही आदत बनाता है।
- यह कम तनावपूर्ण है क्योंकि आपको बाजार के मिजाज और इंडेक्स लेवल के साथ संघर्ष करने की आवश्यकता नहीं होती है। यह पूरे निवेश चक्र और चक्रवृद्धि प्रभाव के दौरान निवेश राशि के लागतों का औसत निकालता है और अस्थिरता को मात देता है।
- यह सुविधाजनक है क्योंकि SIP का पेमेंट बैंक खाते से पैसे के ऑटो-ट्रांसफर मोड को एक्टिव करके किया जा सकता है। आप या तो बैंक को निर्देश दे सकते हैं या आटोमेटिक ECS (Electronic Clearing System) को एक्टिवेट कर सकते हैं।
- यह आपको बाजार के उतार चढ़ाव सड़ बचाता गई क्योंकि योग्य और अनुभवी फंड मैनेजर SIP के परफॉरमेंस को ट्रैक करते हैं। आपको समय-समय पर निवेश के लिए बाजार के मूड की जांच करने या रुझान आशावादी नहीं होने पर भुगतान स्थगित करने के लिए समय निकालने की आवश्यकता नहीं है। SIP में निवेश करने से आप ऐसी परेशानियों से मुक्त हो जाते है।
SIP में किसे निवेश करना चाहिए? | Who should invest in SIP
अगर आप ऐसे विकल्प की तलाश करना चाहते हैं जो फिक्स्ड डिपाजिट (FD) या रेकरिंग डिपाजिट (RD) की तुलना में बेहतर रिटर्न प्रदान कर सके, तो आपको डेट फंड में निवेश करने पर विचार करना चाहिए। शॉर्ट टर्म डेट फंड स्कीमों के लिए SIP की सलाह नहीं दी जाती है। लेकिन आप ब्याज अर्जित करने के साथ एक फंड बनाना चाहते है और समय के लिए निवेश करना चाहते है तो इक्विटी फंड (Equity fund) के लिए जाएं और SIP (Systematic Investment Plan) का विकल्प चुनें। इसके अलावा SIP में ऐसे लोगों को निवेश करना चाहिए-
- कम से कम 5-7 साल की लंबी अवधि के निवेश वाले निवेशक (10-15 साल या उससे अधिक तक)
- वे निवेशक जो कम जोखिम सहनशीलता रखते हैं।
- कई निवेशक एकमुश्त निवेश नहीं कर सकते क्योंकि उनके पास थोक में इतना पैसा नहीं है और निकट भविष्य में जमा करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। SIP छोटी रकम के जरिए निवेश करने में मददगार होते हैं।
- जब आप बाजार के कई चक्रों में निवेश करते हैं तो SIP जोखिम बांट देता है। बाजार के निचले स्तर के दौरान एकमुश्त निवेश से रुझान बदलने पर उच्च रिटर्न मिल सकता है लेकिन बाजार में गिरावट जारी रहती है, तो निवेशकों को नुकसान होगा। जो निवेशक मार्केट इंडेक्स की पहचान नहीं कर सकते हैं उन्हें SIP का विकल्प चुनना चाहिए।
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